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श्रीनगर। एक विशेष अदालत ने मंगलवार को पीडीपी की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद पारा की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पारा के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर और जघन्य हैं। प्रारंभिक तौर पर जो सबूत सामने आए हैं उनसे ऐसा लग रहा है कि वहीद एक राजनेता की आड़ में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन कर रहा था।
विशेष अदालत ने 19 पेज के आदेश में इस तर्क को खारिज कर दिया कि पारा नवोदित राजनेता है। कोर्ट ने कहा कि सीडी फाइल का दुरुपयोग यह बताता है कि याचिकाकर्ता राजनेता की आड़ में आतंकियों को वित्तीय मदद उपलब्ध कराने में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। अपने राजनीतिक कद का दुरुपयोग करते हुए पैसे देने की एवज में हथियार और गोला बारूद भी ले रहा था। उसके बैंक खातों की जांच अभी जारी है। इन खातों में भारी लेन देन नजर आ रहा है। जांच पूरी होने के बाद सभी तथ्य सामने आ जाएंगे।
वहीद को आतंकवादियों से चुनाव में मदद मांगने के मामले में एनआईए ने 25 नवंबर 2020 को दिल्ली में गिरफ्तार किया था। नौ जनवरी को एनआईए कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उसे आपराधिक जांच विभाग (कश्मीर) द्वारा हिरासत में लिया गया था। पारा के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल ने जिला विकास परिषद के चुनाव जीतने में कामयाबी हासिल की। वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में थे, जिसमेें आरोप लगाया गया था कि वहीद ने दक्षिण कश्मीर में 2019 के संसदीय चुनावों में मदद करने के लिए हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नवीद बाबू को 10 लाख रुपये का भुगतान किया था।
श्रीनगर। एक विशेष अदालत ने मंगलवार को पीडीपी की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद पारा की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पारा के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर और जघन्य हैं। प्रारंभिक तौर पर जो सबूत सामने आए हैं उनसे ऐसा लग रहा है कि वहीद एक राजनेता की आड़ में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन कर रहा था।
विशेष अदालत ने 19 पेज के आदेश में इस तर्क को खारिज कर दिया कि पारा नवोदित राजनेता है। कोर्ट ने कहा कि सीडी फाइल का दुरुपयोग यह बताता है कि याचिकाकर्ता राजनेता की आड़ में आतंकियों को वित्तीय मदद उपलब्ध कराने में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। अपने राजनीतिक कद का दुरुपयोग करते हुए पैसे देने की एवज में हथियार और गोला बारूद भी ले रहा था। उसके बैंक खातों की जांच अभी जारी है। इन खातों में भारी लेन देन नजर आ रहा है। जांच पूरी होने के बाद सभी तथ्य सामने आ जाएंगे।
वहीद को आतंकवादियों से चुनाव में मदद मांगने के मामले में एनआईए ने 25 नवंबर 2020 को दिल्ली में गिरफ्तार किया था। नौ जनवरी को एनआईए कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उसे आपराधिक जांच विभाग (कश्मीर) द्वारा हिरासत में लिया गया था। पारा के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल ने जिला विकास परिषद के चुनाव जीतने में कामयाबी हासिल की। वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में थे, जिसमेें आरोप लगाया गया था कि वहीद ने दक्षिण कश्मीर में 2019 के संसदीय चुनावों में मदद करने के लिए हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नवीद बाबू को 10 लाख रुपये का भुगतान किया था।