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Cherry in Kashmir: चेरी पर बारिश-ओलों की मार, उत्पादन प्रभावित, किसान परेशान

अमर उजाला नेटवर्क, श्रीनगर Published by: kumar गुलशन कुमार Updated Thu, 08 Jun 2023 09:59 AM IST
सार

चेरी की खेती से जुड़े किसान और बाग मालिक परेशान हैं। उनका कहना है कि शुरुआत में लग रहा था कि इस साल अच्छी आमदनी होगी, लेकिन बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर गया।

Cherry in Kashmir: Rain and hail hit cherry production affected farmers upset
किसान चेरी की पैकिंग करते हुए - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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कश्मीर घाटी में चेरी का समय मई के पहले सप्ताह से शुरू होता है और यह जून के आखिरी सप्ताह तक जारी रहता है। हालांकि इस साल अप्रैल से लगातार बारिश और मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण कश्मीर घाटी में चेरी का उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है।



गांदरबल जिले में भी चेरी को भारी नुकसान पहुंचा है। कुछ जगहों पर कम नुकसान हुआ है, लेकिन फल अच्छा नहीं है, जैसा कि गांदरबल के गुटलीबाग इलाके में चेरी का फल होता था। इससे चेरी की खेती से जुड़े किसान और बाग मालिक परेशान हैं। उनका कहना है कि शुरुआत में लग रहा था कि इस साल अच्छी आमदनी होगी, लेकिन बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर गया।

Cherry in Kashmir: Rain and hail hit cherry production affected farmers upset
चेरी तोड़ते हुए - फोटो : अमर उजाला
गुटलीबाग के बाग मालिकों ने कहा कि उन्होंने कीटनाशक का छिड़काव करने के साथ समय पर खाद डाला था। पिछले महीने हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसल को 50 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि से शोपियां, गांदरबल, कुलगाम और तंगमर्ग, रफियाबाद और वागोरा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। नुकसान की वजह से घाटी के बाजारों में सीमित मात्रा में चेरी पहुंच रही है। भारी पैकेजिंग और शिपिंग लागत के कारण किसान चेरी भेजने का जोखिम नहीं उठाते हैं।

बाग मालिकों ने कहा कि हालांकि गोटली बाग क्षेत्र में उद्यान विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में एक टीम आई है। उन्होंने नुकसान का आकलन किया है। अब देखना यह है कि सरकार से कुछ मदद मिलती है या यह सिर्फ दौरा तक सीमित रहेगा।

Cherry in Kashmir: Rain and hail hit cherry production affected farmers upset
चेरी - फोटो : अमर उजाला
कश्मीर में उगाई जाती हैं आठ किस्में

गौरतलब है कि कश्मीर में चेरी की आठ किस्में उगाई जाती हैं। इसमें मखमली, सिया, मिश्री, जदी, इटली, डबल ग्लास, विषकान और स्टेला शामिल हैं। आठ किस्मों में से चार - मिश्री, जड़ी, मखमली और डबल ग्लास की बाजार में अच्छी मांग है। मिश्री को अन्य किस्मों की तुलना में अधिक मीठा माना जाता है। अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जानी जाने वाली मिश्री किस्म को पिछले साल दुबई में निर्यात किया गया था।
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