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श्रीनगर। लंबे समय तक आतंकवाद से त्रस्त जिले में वीरवार को शांति की उम्मीद के साथ रमजान का पवित्र माह शुरू हो गया। लोगों ने आने वाले दिनों में भी शांति बनी रहने की दुआ की। मस्जिदों में रौनक रही। लेकिन बाजारों में चहल-पहल कम रही। यहां के लोग दो दशक से भी अधिक समय से आतंकवाद को झेल रहे हैं। लोगों को रमजान के दौरान शांति की उम्मीद रहती है। रमजान के पहले दिन शांति बनी रही। लोगों ने आगे भी इसी तरह से शांति बनी रहने की दुआ भी की है। लोग रमजान के पहले दिन धार्मिक कार्य में व्यस्त रहे। बाजारों में चहल-पहल कम रहने से रौनक नहीं रही। कई जगह तो सन्नाटा पसरा रहा, जबकि मस्जिदोें में नमाज अता करने वालों की भीड़ रहने से रौनक रही। बाजारों में खरीददारों की संख्या में भारी गिरावट नजर आई । लोगों की प्राथमिकता मस्जिदों में हाजिरी देने में अधिक रही। इसके अलावा लोगों ने घरों में ही रहना बेहतर समझा। इसलिए सड़कों पर वाहन भी कम दिखाई दिए। दिनभर मुस्लिमों ने रोजा रखा। शाम को बाजार जल्दी बंद हो गए । पर्यटक स्थल डल झील पर भी शाम को दुकानें जल्द बंद होने से रौनक नदारद रही।
श्रीनगर। लंबे समय तक आतंकवाद से त्रस्त जिले में वीरवार को शांति की उम्मीद के साथ रमजान का पवित्र माह शुरू हो गया। लोगों ने आने वाले दिनों में भी शांति बनी रहने की दुआ की। मस्जिदों में रौनक रही। लेकिन बाजारों में चहल-पहल कम रही। यहां के लोग दो दशक से भी अधिक समय से आतंकवाद को झेल रहे हैं। लोगों को रमजान के दौरान शांति की उम्मीद रहती है। रमजान के पहले दिन शांति बनी रही। लोगों ने आगे भी इसी तरह से शांति बनी रहने की दुआ भी की है। लोग रमजान के पहले दिन धार्मिक कार्य में व्यस्त रहे। बाजारों में चहल-पहल कम रहने से रौनक नहीं रही। कई जगह तो सन्नाटा पसरा रहा, जबकि मस्जिदोें में नमाज अता करने वालों की भीड़ रहने से रौनक रही। बाजारों में खरीददारों की संख्या में भारी गिरावट नजर आई । लोगों की प्राथमिकता मस्जिदों में हाजिरी देने में अधिक रही। इसके अलावा लोगों ने घरों में ही रहना बेहतर समझा। इसलिए सड़कों पर वाहन भी कम दिखाई दिए। दिनभर मुस्लिमों ने रोजा रखा। शाम को बाजार जल्दी बंद हो गए । पर्यटक स्थल डल झील पर भी शाम को दुकानें जल्द बंद होने से रौनक नदारद रही।