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श्रीनगर। ईद उल मिलाद यानी हजरत मोहम्मद साहब के जन्म दिन के उपलक्ष्य में घाटी भर में विभिन्न दरगाहों, मस्जिदों और जियारतगाहों पर अकीदतमंदों ने हाजिरी दी। इस मौके मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी दरगाह पर हाजिरी लगाई और सुबह की नमाज अता की। अकीदतमंदों ने रब के सामने सर झुकाकर राज्य की शांति और खुद के लिए दुआएं मांगी। इस मौके पर घाटी में सबसे बड़ा सम्मेलन दरगाह हजरत बल में हुआ। यहां हजारों लोगाें ने पहुंचकर नमाज अता की।
नमाज के बाद हजरत मोहम्मद साहब के पवित्र बाल की जियारत की। पिछले एक सप्ताह से दरगाह पर लोगों का आना जारी है। वीरवार रात को पूरी रात लोगों ने दरगाह हजरत बल में इबादत की और हजरत मोहम्मद साहब के नाम का जाप और उनकी जिंदगी के कारनामों के बारे में सुना। इस मौके पर रात से भारी संख्या में लोग ने दरगाह पर हाजिरी दी। हजरत बल क्षेत्र में हजारों की संख्या में अकीदतमंद पहुंचे थे। पूरे क्षेत्र में मेला लगा हुआ था। दरगाह के बाहर दुकानेें सजाई गई थीं। चारों ओर खुशियों का माहौल था। खासतौर पर खाने की चीजों जिसमें हलवा, पराठे, पकौडे़, विभिन्न दालों का बना मसाला।
लोगों की भारी संख्या रात भर परवरदिगार के सामने अपनी गलतियों का प्रायश्चित करने और अपने लिए सुख शांति की दुआओं में मशगूल रही। इस दौरान लोगों की आंखों से लगातार आंसू जारी थे। घाटी भर से हजारों की संख्या में लोग दरगाह हजरत बल पहुंचे थे।
लोगों की भारी संख्या को देखते हुए प्रशासन और पुलिस की ओर से सख्त प्रबंध किए गए थे। विभिन्न जगहों पर पार्किंग के प्रबंधों के अलावा लोगों को लाया भी जा रहा था। हिलाल अहमद रीशी का कहना है कि हजरत मोहम्मद साहब के इश्क में लोग यहां सब कुछ भूल कर बस उन्हीं को याद करते हैं।
रब के फैज से भरे इस सम्मेलन का हिस्सा बनते हैं।
श्रीनगर। ईद उल मिलाद यानी हजरत मोहम्मद साहब के जन्म दिन के उपलक्ष्य में घाटी भर में विभिन्न दरगाहों, मस्जिदों और जियारतगाहों पर अकीदतमंदों ने हाजिरी दी। इस मौके मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी दरगाह पर हाजिरी लगाई और सुबह की नमाज अता की। अकीदतमंदों ने रब के सामने सर झुकाकर राज्य की शांति और खुद के लिए दुआएं मांगी। इस मौके पर घाटी में सबसे बड़ा सम्मेलन दरगाह हजरत बल में हुआ। यहां हजारों लोगाें ने पहुंचकर नमाज अता की।
नमाज के बाद हजरत मोहम्मद साहब के पवित्र बाल की जियारत की। पिछले एक सप्ताह से दरगाह पर लोगों का आना जारी है। वीरवार रात को पूरी रात लोगों ने दरगाह हजरत बल में इबादत की और हजरत मोहम्मद साहब के नाम का जाप और उनकी जिंदगी के कारनामों के बारे में सुना। इस मौके पर रात से भारी संख्या में लोग ने दरगाह पर हाजिरी दी। हजरत बल क्षेत्र में हजारों की संख्या में अकीदतमंद पहुंचे थे। पूरे क्षेत्र में मेला लगा हुआ था। दरगाह के बाहर दुकानेें सजाई गई थीं। चारों ओर खुशियों का माहौल था। खासतौर पर खाने की चीजों जिसमें हलवा, पराठे, पकौडे़, विभिन्न दालों का बना मसाला।
लोगों की भारी संख्या रात भर परवरदिगार के सामने अपनी गलतियों का प्रायश्चित करने और अपने लिए सुख शांति की दुआओं में मशगूल रही। इस दौरान लोगों की आंखों से लगातार आंसू जारी थे। घाटी भर से हजारों की संख्या में लोग दरगाह हजरत बल पहुंचे थे।
लोगों की भारी संख्या को देखते हुए प्रशासन और पुलिस की ओर से सख्त प्रबंध किए गए थे। विभिन्न जगहों पर पार्किंग के प्रबंधों के अलावा लोगों को लाया भी जा रहा था। हिलाल अहमद रीशी का कहना है कि हजरत मोहम्मद साहब के इश्क में लोग यहां सब कुछ भूल कर बस उन्हीं को याद करते हैं।
रब के फैज से भरे इस सम्मेलन का हिस्सा बनते हैं।