कठुआ। औद्योगिक गतिविधियों को सरकारी रियायत का फार्मूला भले ही फिर से अपनाया जा रहा है, लेकिन सब्सिडी के खेल ने बाहरी निवेश को आकर्षित करने के साथ-साथ अवसरवाद को ही बढ़ावा दिया है। बीते दिन कठुआ दौरे पर आए उद्योग मंत्री सज्जाद अहमद किचलू ने बंद हो चुके उद्योग धंधों को सब्सिडी सहित अन्य रियायतों के बूते पुनर्जीवित करने की घोषणा की थी। जबकि ज्यादातर इकाइयों ने सब्सिडी गटकने के बाद राज्य से मुंह फेर लिया है।
उद्योग विभाग के आंकड़ों में सब्सिडी पर केंद्रित निवेश की जो तस्वीर सामने आती है, वह चिंताजनक है। वर्ष 1978 से वर्तमान तक कठुआ जिले में औद्योगिक इकाइयों की जितनी संख्या मौजूद है, वह असल में सब्सिडी से प्रेरित होकर पंजीकृत हुए कुल इकाइयों का एक तिहाई है। यानी दो तिहाई संख्या में यूनिट समय के साथ-साथ अपना बोरिया बिस्तर गोल करते चले गए। जून 2013 तक के विभागीय आंकड़ों के अनुसार उद्योग विभाग के पास औपचारिक रूप से पंजीकृत हुई औद्योगिक इकाइयों की संख्या 4805 दर्ज है, लेकिन फंक्शनल श्रेणी की इकाइयों की संख्या इससे बेहद कम है। जून 2013 तक के सर्वे के अनुसार कठुआ जिले में महज 1605 औद्योगिक इकाइयां ही सक्रिय हैं जो 15390 लोगों के लिए रोजगार का साधन हैं। वर्तमान में कठुआ जिले में 65 प्रतिशत स्माल स्केल इंडस्ट्री हैं, जबकि चार बड़े और मध्यम स्केल की यूनिट हैं। इनमें से भी मात्र दो बड़ी यूनिट ही चल रही हैं।
जिला औद्योगिक क्षेत्र से पंजीकृत इकाइयां
वर्ष यूनिट रोजगार इंवेस्टमेंट इंस्टाल्ड
पंजीकृत (लाखों में) (लाखों में) कैपेसिटी
2008-09 18 214 1355.98 28554.02
2009-10 32 332 1834.66 144286.47
2010-11 18 294 1122.72 32361.85
2011-12 52 977 5935.51 178879.31
2012-13 25 322 2032.91 101370.23
कुल 145 2139 12281.78 485451.88
कठुआ। औद्योगिक गतिविधियों को सरकारी रियायत का फार्मूला भले ही फिर से अपनाया जा रहा है, लेकिन सब्सिडी के खेल ने बाहरी निवेश को आकर्षित करने के साथ-साथ अवसरवाद को ही बढ़ावा दिया है। बीते दिन कठुआ दौरे पर आए उद्योग मंत्री सज्जाद अहमद किचलू ने बंद हो चुके उद्योग धंधों को सब्सिडी सहित अन्य रियायतों के बूते पुनर्जीवित करने की घोषणा की थी। जबकि ज्यादातर इकाइयों ने सब्सिडी गटकने के बाद राज्य से मुंह फेर लिया है।
उद्योग विभाग के आंकड़ों में सब्सिडी पर केंद्रित निवेश की जो तस्वीर सामने आती है, वह चिंताजनक है। वर्ष 1978 से वर्तमान तक कठुआ जिले में औद्योगिक इकाइयों की जितनी संख्या मौजूद है, वह असल में सब्सिडी से प्रेरित होकर पंजीकृत हुए कुल इकाइयों का एक तिहाई है। यानी दो तिहाई संख्या में यूनिट समय के साथ-साथ अपना बोरिया बिस्तर गोल करते चले गए। जून 2013 तक के विभागीय आंकड़ों के अनुसार उद्योग विभाग के पास औपचारिक रूप से पंजीकृत हुई औद्योगिक इकाइयों की संख्या 4805 दर्ज है, लेकिन फंक्शनल श्रेणी की इकाइयों की संख्या इससे बेहद कम है। जून 2013 तक के सर्वे के अनुसार कठुआ जिले में महज 1605 औद्योगिक इकाइयां ही सक्रिय हैं जो 15390 लोगों के लिए रोजगार का साधन हैं। वर्तमान में कठुआ जिले में 65 प्रतिशत स्माल स्केल इंडस्ट्री हैं, जबकि चार बड़े और मध्यम स्केल की यूनिट हैं। इनमें से भी मात्र दो बड़ी यूनिट ही चल रही हैं।
जिला औद्योगिक क्षेत्र से पंजीकृत इकाइयां
वर्ष यूनिट रोजगार इंवेस्टमेंट इंस्टाल्ड
पंजीकृत (लाखों में) (लाखों में) कैपेसिटी
2008-09 18 214 1355.98 28554.02
2009-10 32 332 1834.66 144286.47
2010-11 18 294 1122.72 32361.85
2011-12 52 977 5935.51 178879.31
2012-13 25 322 2032.91 101370.23
कुल 145 2139 12281.78 485451.88