Hindi News
›
India News
›
Will the opposition parties follow the strategy of sharing as much as they have
{"_id":"648367cca1bdba02770d1776","slug":"will-the-opposition-parties-follow-the-strategy-of-sharing-as-much-as-they-have-2023-06-09","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Politics: जिसकी जितनी भागेदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी की रणनीति पर चलेंगे विपक्षी दल?","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Politics: जिसकी जितनी भागेदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी की रणनीति पर चलेंगे विपक्षी दल?
भाजपा मुख्यालय में 23 जून की बैठक का जिक्र आते ही कई वरिष्ठ नेता 12 जून की बैठक के रद्द होने का ताना मारते हैं लेकिन उनके भीतर 23 जून की बैठक को लेकर उत्सुकता भी है और कहीं न कहीं चिंता भी।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर 12 जून को होने वाली बैठक में न पहुंच पाने की मजबूरी बताई थी क्योंकि राहुल गांधी देश से बाहर हैं। इसे ध्यान में रखते हुए अब यह बैठक 23 जून को पटना में हो रही है जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने आने की सहमति दे दी है। खरगे और राहुल गांधी की इस रणनीति ने जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका बढ़ा दी है, वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, तेलंगाना के के. चंद्रशेखर राव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने 23 जून की पटना में होने वाली बैठक को मजबूती देना शुरू कर दिया है। इसकी पहल जहां नीतीश कुमार ने की है वहीं विपक्षी दलों में मुख्य भूमिका और अगुवाई करने के लिए कांग्रेस तैयार है।
भाजपा मुख्यालय में 23 जून की बैठक का जिक्र आते ही कई वरिष्ठ नेता 12 जून की बैठक के रद्द होने का ताना मारते हैं लेकिन उनके भीतर 23 जून की बैठक को लेकर उत्सुकता भी है और कहीं न कहीं चिंता भी। खास तौर से तब जब इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी दोनों के शरीक होने की खबर है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी इस बैठक की अहमियत का पता है। जद(यू) के राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह पूरी टीम के साथ इसे सफल बनाने में जुट गए हैं। तेजस्वी यादव के करीबी और गुरुग्राम में रहने वाले सूत्र के मुताबिक पटना में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का तालमेल अब विरोधियों को हैरान कर रहा है। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों का मकसद 23 जून की बैठक को सफल बनाना है।
क्या सिर्फ कांग्रेस के लिए टाली गई 12 जून की बैठक?
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक संजय वर्मा इस मामले में ज्यादा नहीं बोलना चाहते। बस इतना कहते हैं कि 12 जून की बैठक वाली गलती 23 जून को नहीं दोहराई जाएगी। दरअसल 12 जून की बैठक की सलाह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से आई थी। ममता ने ही नीतीश कुमार को सलाह दी थी कि वह इसे पटना में करें। नीतीश कुमार तेजस्वी और राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के साथ 22 मई को दिल्ली आए थे। मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भेंट और चर्चा हुई थी। चर्चा के दौरान नीतीश कुमार ने प्रस्ताव दिया था। सही मायने में यह कांग्रेस को नागवार गुजरा था। इसलिए 12 जून को पटना में प्रतिनिधि भेजने की नौबत आई। यह नीतीश कुमार और तेजस्वी दोनों के लिए झटका सा था। अंत में कांग्रेस के नेताओं ने आपसी तालमेल से 23 जून को बैठक पर सहमति का पत्र भेज दिया। अब जद(यू), राजद, कांग्रेस समेत सभी दलों को उम्मीद है कि पटना में बड़ा जमघट होगा। इस बैठक में एक रणनीतिक रूपरेखा पर सहमति बन जाने के आसार हैं।
एनसीपी के शरद पवार, कांग्रेस के पी चिदंबर और राहुल गांधी ने दिया है संकेत
एनसीपी प्रमुख शरद पवार राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। महाराष्ट्र में वह अपनी सधी हुई राजनीति से भाजपा की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। पवार की सलाह है कि विपक्षी घटक दल उन्हीं सीटों पर दावा करें, जिसे वह जीत सकें। शरद पवार ने पहले यह सलाह इसलिए दी है कि सीटों के बंटवारे की स्थिति में स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय राजनीतिक दल संवेदनशीलता का ध्यान रखें। इससे पहले राहुल गांधी ने अमेरिका में भी कहा है कि विपक्षी दलों की एकता का प्रयास चल रहा है। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में केन्द्र की वर्तमान सरकार को हरा देने की प्रतिबद्धता दिखाई है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम कहते हैं कि 2024 के चुनाव में विपक्षी एकता को मजबूत करने की चर्चा और प्रयास दोनों चल रहे हैं। चिदंबरम का मानना है कि 300 से अधिक सीटों पर विपक्षी दल आपसी सहमति से भाजपा और उसके सहयोगी दलों का मुकाबला करने के लिए उम्मीदवार उतारेंगे। सेफोलॉजी का काम करने वाले संजय गुप्ता कहते हैं कि अगर ऐसा हुआ तो 2024 में भाजपा की मुश्किलें काफी बढ़ सकती है। संजय गुप्ता कहते हैं कि कर्नाटक ने दक्षिण की तस्वीर पेश की है। दक्षिण के दूसरे राज्यों में भाजपा की स्थिति नाजुक है। प. बंगाल, महाराष्ट्र में भाजपा के सामने काफी बड़ी चुनौती है। बिहार के मुख्यमंत्री बड़ी जिम्मेदारी उठा रहे हैं और बिहार, झारखंड में भाजपा को नुकसान हो सकता है। संजय कहते हैं कि म.प्र., राजस्थान में सत्ता पक्ष की सीटें कम होनी हैं। कुल मिलाकर भाजपा की पेचीदगियां बढ़ रही हैं।
23 जून को 2024 के लिए क्या करेंगे विपक्षी दल?
कांग्रेस के संजीव सिंह कहते हैं कि पहले ही दिन सब नहीं हो जाता। पटना से अर्जुन यादव कहते हैं कि कांग्रेस ने अपनी रजामंदी दी है तो बैठक होगी। तमाम दलों के नेता आएंगे। रणनीतिक मंथन होगा। इतना तो तय है कि कुछ सहमति बनेगी। संजय वर्मा कहते हैं कि विपक्षी दलों के पास अस्तित्व में बने रहने का सवाल है। ममता बनर्जी के पास भी विकल्प ही क्या हैं? उम्मीद है कि इस बैठक में आम आदमी पार्टी, उ.प्र. की समाजवादी पार्टी समेत दो दर्जन से अधिक दल शामिल होंगे। सभी दलों के नेताओं के बीच में 2024 के बाबत रणनीतिक चर्चा होगी। समझा जा रहा है कि न्यूतम साझा कार्यक्रम के तहत सभी दल एकजुटता दिखाएंगे। एक पूर्व केन्द्रीय मंत्री तो साफ कह रहे हैं कि विपक्षी दल 300 से अधिक सीटों पर तालमेल के साथ चुनाव लड़ेंगे। इसके असर से भाजपा को बड़ा नुकसान होगा। वह 2024 में केन्द्र की सत्ता से बाहर हो जाएगी।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।