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what is raghav chadha vs rajya sabha secretariat case and why his official bungalow is being vacated
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Raghav Chadha: क्यों खाली कराया जा रहा है राघव चड्ढा का घर, कैसे तय होता है किस सांसद को मिलेगा कैसा बंगला?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवेंद्र तिवारी
Updated Thu, 08 Jun 2023 02:45 PM IST
पिछले साल मार्च में पंजाब से राज्यसभा के लिए चुने गए चड्ढा को छह जुलाई 2022 को टाइप-VI बंगला, सी-1/12, पंडारा पार्क आवंटित किया गया था। पिछले साल ही 29 अगस्त को चड्ढा ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को टाइप-VII आवास के आवंटन का अनुरोध करते हुए एक प्रतिवेदन सौंपा। उनके इस अनुरोध पर विचार किया गया।
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राघव चड्ढा
- फोटो :
AMAR UJALA
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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा अपना टाइप-VII सरकारी आवास खाली करवाने पर कोर्ट पहुंच गए हैं। इसी मामले में आज दिल्ली की पटियाला हॉउस में उनकी याचिका पर सुनवाई हुई। यहां कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें इसने चड्ढा को अपने टाइप-VII आवास को खाली करने को कहा था।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा अपना टाइप-VII सरकारी आवास खाली करवाने पर कोर्ट पहुंच गए हैं। इसी मामले में आज दिल्ली की पटियाला हॉउस में उनकी याचिका पर सुनवाई हुई। यहां कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें इसने चड्ढा को अपने टाइप-VII आवास को खाली करने को कहा था।
राज्यसभा सचिवालय ने चड्ढा को नई दिल्ली में टाइप-VII बंगला आवंटित किया था जो आमतौर पर उन सांसदों के लिए होता है जो पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल या मुख्यमंत्री रहे होते हैं। आखिर राघव चड्ढा का मामला क्या है? उनका सरकारी बंगला क्यों खाली करवाया जा रहा था? आप नेता के क्या आरोप क्या हैं? कोर्ट में क्या हुआ? सांसदों के लिए बंगला आवंटन का नियम क्या हैं? आइए समझते हैं...
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा
- फोटो :
Amar Ujala
क्या है राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का केस?
पिछले साल मार्च में पंजाब से राज्यसभा के लिए चुने गए चड्ढा को छह जुलाई 2022 को टाइप-VI बंगला, सी-1/12, पंडारा पार्क आवंटित किया गया था। इसका आदेश पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा 18 अप्रैल को दिया गया था। इसके बाद, पिछले साल ही 29 अगस्त को चड्ढा ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को टाइप-VII आवास के आवंटन का अनुरोध करते हुए एक प्रतिवेदन सौंपा। उनके इस अनुरोध पर विचार किया गया और नौ सितंबर 2022 को पहले के आवास के बदले में उन्हें राज्यसभा पूल से बंगला नंबर एबी-5, पंडारा रोड, नई दिल्ली आवंटित किया गया। नवीनीकरण कार्य करने के बाद 9 नवंबर, 2022 से राघव अपने माता-पिता के साथ उसमें रहने लगे।
अब इसी साल तीन मार्च को उन्हें एक पत्र मिला, जिसमें आवंटन रद्द करने की बात कही गई। यह पत्र राज्यसभा सचिवालय की ओर से आया जिसके खिलाफ राघव कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट में उन्होंने मांग की कि बंगला किसी और को आवंटित नहीं किया जाए। इसके साथ ही चड्ढा ने 'मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न' के लिए प्रतिवादी से 5,50,000 रुपये के हर्जाने की भी मांग की।
राघव चड्ढा
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SOCIAL MEDIA
राघव चड्ढा ने क्या आरोप लगाए हैं?
आप सांसद ने कहा कि वह आवंटन रद्द होने से हैरान नहीं थे। फैसले को डराने और चुप कराने का प्रयास बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति ने उचित प्रक्रिया के बाद उन्हें घर आवंटित किया था।
सांसद ने एक लिखित जवाब में कहा, 'मेरे आवंटित आवास को रद्द करना कोई प्रशासनिक निर्णय नहीं है बल्कि यह भाजपा के प्रतिशोधी रवैये का एक स्पष्ट उदाहरण है। कार्रवाई राजनीतिक पूर्वाग्रह के तहत की गई है।' आगे उन्होंने कहा 'यह राज्यसभा में मेरी निडर आवाज को दबाने, मुझ पर दबाव बनाने और मजबूर करने और मुझे मुख्य मुद्दों पर सरकार को जवाबदेह ठहराने से रोकने का प्रयास है।'
चड्ढा ने आरोप लगाया कि आवंटन रद्द करने का नोटिस उन्हें बिना किसी नोटिस के जारी किया गया। सांसद ने कहा कि वह उन्हें प्रदान किए गए आवास की श्रेणी के हकदार हैं। आप नेता ने तर्क दिया कि उनकी कोई सुनवाई के बिना आवंटन को मनमाने ढंग से रद्द कर दिया गया। जबकि कुछ और लोग भी हैं जिन्हें इसी तरह रखा गया है लेकिन उनका आवंटन रद्द नहीं किया गया है।
पटियाला हाउस कोर्ट
- फोटो :
SOCIAL MEDIA
कोर्ट में क्या हुआ?
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से आप सांसद को गुरुवार को राहत मिल गई। कोर्ट ने एक नोटिस जारी कर राज्यसभा सचिवालय से अपने नोटिस पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई तक आप सांसद के बंगला खाली करने पर रोक लगा दी है।
मामले की अगली सुनवाई कोर्ट गर्मी की छुट्टियों के बाद 10 जुलाई को करेगी। बता दें कि इससे पहले 19 अप्रैल के अपने आदेश में कोर्ट ने कहा था कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना वादी को अपने आवास से बेदखल नहीं किया जा सकता है। आदेश में कहा गया, 'वादी (राघव चड्ढा) ने तर्क दिया है कि प्रतिवादी (राज्यसभा सचिवालय) जल्दबाजी में काम कर रहा है और इस बात की प्रबल आशंका है कि वादी को आवास से जबरन बेदखल किया जा सकता है।'
राघव चड्ढा
- फोटो :
SOCIAL MEDIA
चड्ढा को किस प्रकार का बंगला मिलना चाहिए, नियम क्या हैं?
वर्तमान में आठ तरह के सरकारी आवासों की श्रेणियां है यानी एक से आठ। केंद्रीय मंत्रियों को टाइप-VIII आवास मिलता है जो सबसे बड़ी श्रेणी है। टाइप-V और टाइप-VII आवास लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को आवंटित किए जाते हैं। केंद्रीय कैबिनेट में पूर्व राजयमंत्री, राज्यों के पूर्व उप मुख्यमंत्री, राज्यों के पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व राज्यसभा सभापति, पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष, एक बार के सांसद (लोकसभा/राज्यसभा) जिन्होंने एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है, नामित सदस्य, राज्यसभा में राष्ट्रीय दलों के सदन के नेता और राज्य विधामंडलों के पूर्व सदस्यों को टाइप-VI बंगले आवंटित किए जाते हैं। बाकी अन्य श्रेणियों के आवास शासकीय कर्मियों को आवंटित किए जाते हैं।
मौजूदा केंद्रीय मंत्रियों के लिए आवास संपदा निदेशालय द्वारा आवंटित किया जाता है। वहीं, लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की सदन समितियां इसके सांसदों को आवास आवंटित करने के लिए उत्तरदायी हैं।
राज्यसभा सांसद से पहले राघव चड्ढा आम आदमी पार्टी के विधायक रह चुके हैं। लिहाजा वह टाइप-VI बंगले के हकदार हैं। अप्रैल 2022 में जारी राज्यसभा सदस्यों की हैंडबुक के अनुसार, ऐसे सांसद जो पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, पूर्व राज्यपाल या पूर्व मुख्यमंत्री हैं और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष, टाइप-VII बंगलों के हकदार हैं। यह राज्यसभा सांसदों के लिए उपलब्ध दूसरी सबसे बड़ी श्रेणी है। हालांकि, सदन समिति के अध्यक्ष को असाधारण परिस्थितियों या विशेष मामलों में आवास आवंटित करने का अधिकार है जो किसी सदस्य की पात्रता से बड़ा है।
आवास संबंधी कैबिनेट समिति के अनुमोदन के बाद किसी भी संसद सदस्य को जनरल पूल से टाइप-VIII आवास का आवंटन किया जा सकता है। इसके अलावा, पूर्व-राज्यपाल, पूर्व-मुख्यमंत्री और केंद्र के पूर्व-कैबिनेट मंत्री, लोकसभा के पूर्व-अध्यक्ष, सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व-न्यायाधीश को उपलब्धता के आधार पर श्रेणी-VII के आवास आवंटित किए जा सकते हैं।
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