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What is Chandrayaan-3 to be sent in July 2023 and why is this mission important for India
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Chandrayaan-3: क्या है जुलाई में भेजा जाने वाला चंद्रयान-3, भारत के लिए क्यों बेहद खास है यह मिशन?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवेंद्र तिवारी
Updated Fri, 02 Jun 2023 05:30 PM IST
चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से एलवीएम3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-III) द्वारा लॉन्च किया जाएगा। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 का ही अगला प्रोजेक्ट है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा।
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चंद्रयान 3
- फोटो :
AMAR UJALA
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जुलाई में चंद्रयान-3 को लॉन्च करेगा। मिशन की तैयारी अपने अंतिम चरण में है। चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ के मुताबिक, अंतरिक्ष के क्षेत्र में ये भारत की एक और बड़ी कामयाबी होगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जुलाई में चंद्रयान-3 को लॉन्च करेगा। मिशन की तैयारी अपने अंतिम चरण में है। चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ के मुताबिक, अंतरिक्ष के क्षेत्र में ये भारत की एक और बड़ी कामयाबी होगी।
लॉन्चिंग की तैयारियों में लगी टीम भारत के सबसे भारी रॉकेट, लॉन्च व्हीकल मार्क-III पर मध्य जुलाई तक लॉन्चिंग के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि असफलता सामान्य बात है। कोई जरूरी नहीं की हर बार हम सफल ही हों, लेकिन बड़ी बात है कि हम इससे सीख लें और आगे बढ़ें।
चंद्रयान 3
- फोटो :
Istock
क्या है चंद्रयान-3 ?
चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से एलवीएम3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-III) द्वारा लॉन्च किया जाएगा। इसरो के अधिकारियों के मुताबिक, चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 का ही अगला प्रोजेक्ट है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। इसमें लैंडर और रोवर शामिल हैं।
यह चंद्रयान-2 की तरह ही दिखेगा, जिसमें एक लैंडर और एक रोवर होगा। चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। मिशन की सफलता के लिए नए उपकरण बनाए गए हैं, एल्गोरिदम को बेहतर किया गया है और जिन वजहों से चंद्रयान-2 मिशन चंद्रमा की सतह पर उतरने में असफल हुआ, उन पर फोकस किया गया है।
चंद्रयान -3 के लॉन्च का एलान चंद्रयान -2 के लैंडर-रोवर के दुर्घटनाग्रस्त होने के चार साल बाद हुआ है। चंद्रयान-3 मिशन के जुलाई में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रमा के उस हिस्से तक लॉन्च होने की उम्मीद है, जिसे डार्क साइड ऑफ मून कहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह हिस्सा पृथ्वी के सामने नहीं आता।
चंद्रयान 3
- फोटो :
Istock
इसके चरण कौन-कौन से हैं?
चंद्रयान-3 को एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रणोदन मॉड्यूल को मिलाकर बनाया गया है जिसका कुल वजन 3,900 किलोग्राम है। अकेले प्रणोदन मॉड्यूल का वजन 2,148 किलोग्राम है जो लैंडर और रोवर को 100 किलोमीटर की चंद्र कक्षा में ले जाएगा। लैंडर मॉड्यूल लैंडर के कम्प्लीट कॉन्फिगरेशन को बताता है।
रोवर का वजन 26 किलोग्राम है। रोवर चंद्रयान -2 के विक्रम रोवर के जैसे ही होगा, लेकिन सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने में मदद के लिए इसमें सुधार किए गए हैं। प्रणोदन मॉड्यूल 758 वाट बिजली, लैंडर मॉड्यूल 738 वाट और रोवर 50 वाट उत्पन्न करेगा।
चंद्रयान -3 का उद्देश्य क्या है?
इसरो के मुताबिक, चंद्रयान -3 का उद्देश्य, चंद्र सतह पर एक सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग और रोविंग क्षमताओं का प्रदर्शन करना है। इसके अलावा, इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोग करना और इंटरप्लेनेटरी मिशन के लिए आवश्यक नई तकनीकों का विकास और प्रदर्शन करना भी इसके अहम उद्देश्य हैं।
चंद्रयान 3
- फोटो :
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यह काम कैसे करेगा?
चंद्रयान -3 लैंडर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह चंद्रमा में निर्दिष्ट स्थान पर धीरे-धीरे उतर सकता है और रोवर को तैनात कर सकता है, जिसका उद्देश्य चंद्र सतह के इन-सीटू रासायनिक विश्लेषण करना है। प्रणोदन मॉड्यूल लैंडर मॉड्यूल को अंतिम 100 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में ले जाएगा। इस कक्षा में पहुंचने के बाद लैंडर मॉड्यूल और प्रणोदन मॉड्यूल अलग हो जाएंगे।
प्रणोदन मॉड्यूल अलग होने के बाद चंद्रमा के चारों ओर कक्षा में रहेगा और संचार रिले उपग्रह के रूप में कार्य करेगा। लैंडर, रोवर और प्रणोदन मॉड्यूल अपने खुद के वैज्ञानिक पेलोड ले जाएंगे। बॉक्स के आकार के लैंडर में चार लैंडिंग पैर, चार लैंडिंग थ्रस्टर, एक सुरक्षित टचडाउन सुनिश्चित करने के लिए कई सेंसर और खतरों से बचने के लिए कैमरे लगाए गए हैं।
लैंडर एक एक्स बैंड एंटीना से भी लैस है जो संचार सुनिश्चित करेगा। रोवर आयत के आकार का है और इसमें छह पहिए और एक नेविगेशन कैमरा है।
चंद्रयान 3
- फोटो :
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चंद्रयान-3: की अन्य विशेषताएं भी हैं?
चंद्रयान-3 का लैंडर पांच पेलोड से लैस होगा। ये हैं सी हैंड्राज सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट (ChasTE), इंस्ट्रूमेंट फॉर लूनर सिस्मिक एक्टिविटी (ILSA), लैंगमुइर प्रोब, लेजर रिट्रोरिफ्लेक्टर ऐरे (LRA) रोवर, और मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फीयर एंड एटमॉस्फियर (RAMBHA) का रेडियो एनाटॉमी।
ChasTE दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्र सतह पर तापीय गुणों का मापन करेगा; ILSA लैंडिंग साइट के आसपास भूकंपीयता को मापेगा; एलपी प्लाज्मा घनत्व का अनुमान लगाएगा और एलआरए चंद्रमा की गतिशीलता को समझने में मदद करेगा।
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