पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दूसरे दिन भी हिंसा जारी थी। विपक्षी दलों भाजपा, कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने आरोप लगाया कि उनके उम्मीदवारों को सत्तारूढ़ टीएमसी कार्यकर्ताओं और गुंडों द्वारा पर्चा जमा करने से रोका जा रहा है।
सत्तारूढ़ और विरोधी पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा के मामले बांकुड़ा, पूर्वी और पश्चिमी मेदिनीपुर, बर्धमान और मुर्शिदाबाद जिलों में देखने को मिली। नामांकन के पहले दिन हिंसा के दौरान शुक्रवार को एक कांग्रेसी कार्यकर्ता की मौत हो गई थी, जिसके बाद क्षेत्र में तनाव का महौल बना हुआ है। हत्या के बाद काग्रेस ने पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
राज्य चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ''हमने सभी घटनाओं की रिपोर्ट मांगी है और पुलिस को जरूरी निर्देश दिए गए हैं।
भाजपा ने पंचायत चुनाव कराने के लिए केंद्रीय बलों की तत्काल तैनाती की मांग की। इस पर सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि विपक्ष हार के डर से बहाने ढूंढ रही है। डोमकल में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के पास से पिस्तौल बरामद होने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
मुर्शिदाबाद के डोमकोल में विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि टीएमसी के गुंडे आग्नेयास्त्रों के साथ बीडीओ के दफ्तर के सामने घूम रहे थे। क्षेत्र में अशांति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के साथ नागरिक स्वंयसेवकों को लाठियों के साथ देखा गया है।
बीरभूम जिले के लाभपुर में भाजपा उम्मीदवारों ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया। बांकुड़ा के विष्णुपुर से भी ऐसी घटनाएं होने की सूचना मिली है, जहां सीपीआईएम उम्मीदवारों ने टीएमसी पर नामांकन पत्र दाखिल करने से रोकने का आरोप लगाया है।
भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा- 'हमनें केंद्रीय बलों की तत्काल तैनाती की मांग की है। लेकिन राज्य चुनाव आयोग ने अभी तक हमारी दलीलें नहीं सुनी हैं।'
उन्होंने कहा- 'पुलिस की वर्दी पहने नागरिक स्वयंसेवकों को अब नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए तैनात किया गया है। इससे सत्तारूढ़ दल के उपद्रवियों को खुली छूट मिल रही है। यह कानून का घोर उल्लंघन है।'
टीएमसी के राज्यसभा सदस्य और पार्टी प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा- 'बंगाल की जनता टीएमसी के साथ है भाजपा या कांग्रेस या सीपीआई(एम) के साथ नहीं। अगर विपक्ष चाहे तो संयुक्त राष्ट्र संघ से पंचायत चुनाव में शांति सेना की तैनाती की मांग कर सकता है।'
राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिंहा ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात की। उन्होंने राज्य के पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने की तारीख बढ़ाने की मांगों और हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया।
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव: 13 जून को सर्वदलीय बैठक
इस बीच, राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने आज घोषणा की कि 13 जून को एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जाएगी, जहां पश्चिम बंगाल में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की जाएगी, और पंचायत चुनावों के संबंध में शिकायतों को सुना जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि बैठक की अध्यक्षता राज्य निर्वाचन आयुक्त राजीव सिन्हा करेंगे।
उन्होंने कहा, सभी राजनीतिक दलों को मंगलवार को होने वाली बैठक में आमंत्रित किया गया है। इसमें राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा होगी। हम राजनीतिक दलों की शिकायतों और मांगों को भी सुनना चाहेंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 जून है, इसलिए इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकलेगा।
उन्होंने कहा, 'उन्हें चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले बैठक बुलानी चाहिए थी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 जून है, ऐसे में मुझे उन सुझावों को लागू करने का कोई तरीका नजर नहीं आता जो विपक्षी दल बैठक में देंगे।'
माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने भी कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले बैठक बुलाई जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा, परंपरा के अनुसार चुनाव की तारीखों पर फैसला होने से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती है। एसईसी को कड़े सवालों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि वह चुनाव कराने के लिए तैयार नहीं है। सिन्हा पूरी चुनाव प्रक्रिया को खराब करने के लिए आयुक्त बन गए हैं।
इस घोषणा का स्वागत करते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि यह राज्य चुनाव आयोग की अच्छी पहल है। उन्होंने कहा, यह एक अच्छी पहल है। विपक्षी दल जो कुछ भी कह रहे हैं, वह कमजोर बहाने के अलावा कुछ नहीं है क्योंकि वे पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नाम तक घोषित करने की स्थिति में नहीं हैं। त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली की लगभग 75,000 सीटों के लिए मतदान होगा, जिसमें जिला परिषद, पंचायत समितियां और ग्राम पंचायत शामिल हैं।
राज्यपाल बोले- पंचायत चुनावों में बर्दाश्त नहीं की जाएगी हिंसा
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि राज्य में आगामी पंचायत चुनावों में हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनका यह बयान तब सामने आया है, जब राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में के लिए नामांकन दाखिल करने की तारीख बढ़ाने की मांग पर आयोग का रुख स्पष्ट करने को कहा गया है। बोस ने एक बयान में कहा, पंचायत चुनावों की घोषणा के बाद से राजनीतिक दलों की चुनाव के दौरान शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप के अनुरोधों की बाढ़ सी आ गई है। वे इस बारे में अपनी आशंका जताते हुए कई सुझाव लेकर आए।
राज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से होंगे। उन्होंने यह भी दोहराया कि आगामी चुनाव में हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी। आगामी पंचायत चुनाव में लोकतंत्र की जीत और भीड़तंत्र की हार साबित करेंगे।