न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Updated Thu, 14 Jan 2021 10:47 PM IST
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पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, अमिताभ चक्रवर्ती समेत कई वरिष्ठ नेता शुक्रवार को दिल्ली आकर केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। मुलाकात में चुनावी रणनीति पर चर्चा होने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू होने की संभावना है। यह चुनाव छह चरणों में हो सकते हैं। परिणाम मई के तीसरे सप्ताह में चुनाव परिणाम घोषित किए जा सकते हैं। चुनाव के लिए फरवरी माह में चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है।
वहीं इस बीच भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि मेरे पास 41 विधायकों की सूची है। वे भाजपा में आना चाहते हैं। मैं उन्हें भापजा में शामिल करूं तो बंगाल में सरकार गिर जाएगी। हम देख रहे हैं कि किसे लेना है और किसे नहीं।
तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को दावा किया कि नए कृषि कानून छोटे और सीमांत किसानों को बड़े ‘कॉरपोरेट्स’ की दया का मोहताज बना देंगे और साथ ही इन्हें तुरंत रद्द किए जाने की मांग भी की। बारासात की सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की सूची से निकाले जाने के बाद प्याज और आलू के दाम आसमान छू रहे हैं।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अवधारणा को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि केन्द्र ने जिस तरह संसद में चर्चा किए बिना जल्दबाजी में कृषि कानूनों को पारित किया, वह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि केन्द्र सरकार किसान विरोधी और जन विरोधी है।
सांसद ने कहा कि किसानों को अब बड़े कॉरपोरेट्स को कम्पनियों द्वारा बताए गए मूल्यों पर अपनी उपज बेचने को मजबूर होना पड़ेगा। हालांकि, फसल खराब होने की स्थिति में, ये कम्पनियां किसानों से उपज खरीदने के लिए बाध्य नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर पश्चिम बंगाल सरकार ने हमेशा किसानों का साथ दिया है और उन्हें ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून पूरी तरह असंवैधानिक हैं और दिखाते हैं कि केंद्र की जिम्मेदारी ‘कॉरपोरेट्स’ की तरफ है, देश की जनता के प्रति नहीं।
पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, अमिताभ चक्रवर्ती समेत कई वरिष्ठ नेता शुक्रवार को दिल्ली आकर केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। मुलाकात में चुनावी रणनीति पर चर्चा होने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू होने की संभावना है। यह चुनाव छह चरणों में हो सकते हैं। परिणाम मई के तीसरे सप्ताह में चुनाव परिणाम घोषित किए जा सकते हैं। चुनाव के लिए फरवरी माह में चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है।
वहीं इस बीच भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि मेरे पास 41 विधायकों की सूची है। वे भाजपा में आना चाहते हैं। मैं उन्हें भापजा में शामिल करूं तो बंगाल में सरकार गिर जाएगी। हम देख रहे हैं कि किसे लेना है और किसे नहीं।
नए कृषि कानून ‘कॉरपोरेट्स’ के हक में: तृणमूल कांग्रेस
तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को दावा किया कि नए कृषि कानून छोटे और सीमांत किसानों को बड़े ‘कॉरपोरेट्स’ की दया का मोहताज बना देंगे और साथ ही इन्हें तुरंत रद्द किए जाने की मांग भी की। बारासात की सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की सूची से निकाले जाने के बाद प्याज और आलू के दाम आसमान छू रहे हैं।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अवधारणा को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि केन्द्र ने जिस तरह संसद में चर्चा किए बिना जल्दबाजी में कृषि कानूनों को पारित किया, वह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि केन्द्र सरकार किसान विरोधी और जन विरोधी है।
सांसद ने कहा कि किसानों को अब बड़े कॉरपोरेट्स को कम्पनियों द्वारा बताए गए मूल्यों पर अपनी उपज बेचने को मजबूर होना पड़ेगा। हालांकि, फसल खराब होने की स्थिति में, ये कम्पनियां किसानों से उपज खरीदने के लिए बाध्य नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर पश्चिम बंगाल सरकार ने हमेशा किसानों का साथ दिया है और उन्हें ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून पूरी तरह असंवैधानिक हैं और दिखाते हैं कि केंद्र की जिम्मेदारी ‘कॉरपोरेट्स’ की तरफ है, देश की जनता के प्रति नहीं।