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Veerendra Hegde: कौन हैं राज्यसभा के लिए मनोनीत वीरेंद्र हेगड़े? अटल-मोदी सरकार में किए जा चुके हैं पद्म पुरस्कारों से सम्मानित

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Wed, 06 Jul 2022 10:16 PM IST
सार

वीरेंद्र हेगड़े धर्माधिकारी रत्नवर्मा हेगड़े के सबसे बड़े बेटे हैं। वे कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित श्री धर्मस्थल मंजुनाथ स्वामी मंदिर के अनुवांशिक ट्रस्टी हैं।

Veerendra Hegde the philantropist who has been nominated by PM Narendra Modi for Rajya Sabha news in hindi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीरेंद्र हेगड़े। - फोटो : Social Media

विस्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा के लिए कुछ प्रमुख हस्तियों को मनोनीत करने का एलान किया है। जिन बड़े नामों का एलान हुआ है, उनमें एक नाम 73 वर्षीय डॉक्टर वीरेंद्र हेगड़े का है। जैन समुदाय से आने वाले डॉक्टर हेगड़े कर्नाटक के धर्मस्थल मंदिर के धर्माधिकारी हैं। उन्हें अपने दान और सामाजिक कार्यों के लिए कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। इनमें कर्नाटक का सबसे बड़ा पुरस्कार कर्नाटक रत्न भी शामिल है। इसके अलावा उन्हें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासन के दौरान साल 2000 में पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन के दौरान 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 


कौन हैं वीरेंद्र हेगड़े?
वीरेंद्र हेगड़े का जन्म 25 नवंबर 1948 को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ स्थित बंटवाल तालुका में हुआ था। वे धर्माधिकारी रत्नवर्मा हेगड़े के सबसे बड़े बेटे हैं। वे कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित श्री धर्मस्थल मंजुनाथ स्वामी मंदिर के अनुवांशिक ट्रस्टी हैं। जैन समुदाय से होने के बावजूद वीरेंद्र हेगड़े का परिवार कई हिंदू समुदाय के मंदिरों का भी ट्रस्टी है। वीरेंद्र हेगड़े दिगंबर जैन समुदाय से आते हैं। उनके तीन छोटे भाई- हर्षेंद्र, सुरेंद्र और राजेंद्र हैं। इसके अलावा उनकी एक बहन पद्मलता भी हैं। वीरेंद्र हेगड़े की पत्नी पद्मवती हेगड़े हैं। उनकी एक बेटी है, जिसका नाम श्रद्धा है। 


किन कार्यों की वजह से चर्चा में रहे?
वीरेंद्र हेगड़े को जैन समुदाय की करीब छह सौ साल पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इतना ही नहीं कला और संस्कृति के प्रचार में भी उनका अहम योगदान रहा है। नैचुरोपैथी, योगा और नैतिक शिक्षा के प्रसार के लिए धर्मस्थल से जुड़े 400 हाईस्कूल और प्राइमरी टीचर हर साल इन विषयों में 30,000 छात्रों को शिक्षा देते हैं। 
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