न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Sat, 27 Feb 2021 01:11 AM IST
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की उत्तर-दक्षिण भारतीयों को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर देशभर की राजनीति में तो बयानबाजी हुई ही थी। अब, सामने आ रहा है कि पार्टी के उत्तर भारत के कुछ वरिष्ठ नेता भी इससे नाराज हैं। माना जा रहा है पूर्व में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए बगावती तेवर अपनाते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले ये 23 नेता शनिवार को जम्मू में पार्टी नेतृत्व और गांधी परिवार को कड़ा संदेश दे सकते हैं।
कांग्रेस के जी 23 गुट की जम्मू में शनिवार को बैठक होगी। बैठक गुलाम नबी आजाद के घर पर संभव है। कपिल सिब्बल, आंनद शर्मा, राज बब्बर रात को ही पहुंचे हैं, कुछ और नेता सुबह आ सकते हैं। ये नेता पार्टी के भीतर लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चर्चा कर सकते हैं।
बता दें कि राहुल गांधी शनिवार को चुनावी राज्य तमिलनाडु के दौरे पर रहेंगे। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार इस दौरान कांग्रेस के ये 23 नेता जम्मू में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह, कपिल सिब्बल, राज बब्बर, विवेक तनखा और गुलाम नबी आजाद जम्मू में एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में मनीष तिवारी के शामिल होने की भी संभावना है।
राहुल गांधी के नाम स्पष्ट संदेश...
नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर इनमें से एक नेता ने बताया कि यह राहुल गांधी के लिए एक संदेश है- 'हम देश को बताएंगे कि उत्तर और दक्षिण भारत एक है।' कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा, आज कांग्रेस में जो कुछ हो रहा है वह उस समझौते का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है जो पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में हुआ था। उन्होंने कहा कि अभी तक सुधार या चुनाव के कोई संकेत देखने को नहीं मिले हैं।
गुलाम नबी आजाद का नहीं किया सम्मान...
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेता पार्टी के उस व्यवहार से भी आहत हैं, जैसा गुलाम नबी आजाद के साथ किया गया। गुलाम नबी आजाद हाल ही में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए हैं। एक नेता ने कहा, जब अन्य पार्टियां आजाद को सीट की पेशकश कर रही तीं, प्रधानमंत्री ने उन्हें लेकर इतनी अच्छी बातें कहीं, हमारी पार्टी ने उनके प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाया। यहां तक कि रॉबर्ट वाड्रा के केस लड़ रहे वकील को राज्यसभा में लाया गया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की उत्तर-दक्षिण भारतीयों को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर देशभर की राजनीति में तो बयानबाजी हुई ही थी। अब, सामने आ रहा है कि पार्टी के उत्तर भारत के कुछ वरिष्ठ नेता भी इससे नाराज हैं। माना जा रहा है पूर्व में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए बगावती तेवर अपनाते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले ये 23 नेता शनिवार को जम्मू में पार्टी नेतृत्व और गांधी परिवार को कड़ा संदेश दे सकते हैं।
कांग्रेस के जी 23 गुट की जम्मू में शनिवार को बैठक होगी। बैठक गुलाम नबी आजाद के घर पर संभव है। कपिल सिब्बल, आंनद शर्मा, राज बब्बर रात को ही पहुंचे हैं, कुछ और नेता सुबह आ सकते हैं। ये नेता पार्टी के भीतर लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चर्चा कर सकते हैं।
बता दें कि राहुल गांधी शनिवार को चुनावी राज्य तमिलनाडु के दौरे पर रहेंगे। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार इस दौरान कांग्रेस के ये 23 नेता जम्मू में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह, कपिल सिब्बल, राज बब्बर, विवेक तनखा और गुलाम नबी आजाद जम्मू में एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में मनीष तिवारी के शामिल होने की भी संभावना है।
राहुल गांधी के नाम स्पष्ट संदेश...
नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर इनमें से एक नेता ने बताया कि यह राहुल गांधी के लिए एक संदेश है- 'हम देश को बताएंगे कि उत्तर और दक्षिण भारत एक है।' कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा, आज कांग्रेस में जो कुछ हो रहा है वह उस समझौते का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है जो पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में हुआ था। उन्होंने कहा कि अभी तक सुधार या चुनाव के कोई संकेत देखने को नहीं मिले हैं।
गुलाम नबी आजाद का नहीं किया सम्मान...
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेता पार्टी के उस व्यवहार से भी आहत हैं, जैसा गुलाम नबी आजाद के साथ किया गया। गुलाम नबी आजाद हाल ही में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए हैं। एक नेता ने कहा, जब अन्य पार्टियां आजाद को सीट की पेशकश कर रही तीं, प्रधानमंत्री ने उन्हें लेकर इतनी अच्छी बातें कहीं, हमारी पार्टी ने उनके प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाया। यहां तक कि रॉबर्ट वाड्रा के केस लड़ रहे वकील को राज्यसभा में लाया गया।