अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। पार्टी की कोशिश है कि 2014 में मिली लोकसभा सीटों से ज्यादा 2024 के चुनावों में उनके सबसे ज्यादा सांसद यूपी से बनें। यही वजह है कि पार्टी ने यूपी में 'ऑपरेशन-24' के लिए टॉप-21 की बड़ी टीम सियासी मैदान में उतार दी है। इस टीम में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत केंद्र के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री और अलग-अलग राज्यों के कद्दावर सांसदों और मंत्रियों को उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों से पहले माहौल बनाने और जमीन पर करंट पैदा करने के लिए उतारा गया है। सियासी माहौल के लिए भाजपा ने बाकायदा उत्तर प्रदेश को अलग-अलग जोन में भी तब्दील कर दिया है।
यह भी पढ़ें: UP News: मुख्यमंत्री योगी बोले, 9 साल में दुनिया में बढ़ा भारत का मान, हमें कोई आंख नहीं दिखा सकता
लोकसभा क्षेत्रों का क्लस्टर बना कर दिया गया काम
भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश में जमीनी स्तर पर माहौल बनाने के लिए लोकसभा क्षेत्रों का पूरा क्लस्टर बना दिया है। पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में 5 सदस्यों की टीम को एक क्लस्टर में तैनात किया जाना है। इस टीम में केंद्रीय मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री समेत संगठन में अहम जिम्मेदारी निभाने वाले एक व्यक्ति को टीम लीडर के तौर पर तैनात करने के निर्देश मिले हैं। भाजपा से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को तीन अलग-अलग बड़े जोन के अनुसार बांटा गया है। एक जोन में सात क्लस्टर तैयार किए गए हैं। इस तरह उत्तर प्रदेश में 21 क्लस्टर क्षेत्रवार बनाए गए हैं। हर एक क्लस्टर में तकरीबन चार लोकसभा सीटों को शामिल किया गया है। पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता और इस पूरी रणनीति को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी कहते हैं कि वह आने वाले लोकसभा चुनावों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। यही वजह है कि 30 मई से शुरू होने वाले एक महीने तक के महाअभियान में पार्टी मजबूती से ग्राउंड वर्क करके चुनावी शंखनाद कर रही है।
मनोज तिवारी को लखनऊ, तो नरेंद्र तोमर को मिला रायबरेली
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों से पहले महाअभियान चलाकर सियासी समीकरण साधने के लिए केंद्रीय मंत्रियों, पूर्व मुख्यमंत्रियों, पूर्व उपमुख्यमंत्रियों और सांसदों समेत कई राज्यों के अलग-अलग मंत्रियों को जिम्मेदारियां बांट दी गई हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और पड़ोस के जिले बाराबंकी की जिम्मेदारी दिल्ली के सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को दी गई है। जबकि कांग्रेस के गढ़ रहे रायबरेली की जिम्मेदारी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दी गई है। पश्चिम में माहौल को देखते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को सहारनपुर और बिजनौर की जिम्मेदारी दी गई है। ऊर्जा मंत्री आरके सिंह को जालौन झांसी कानपुर की जिम्मेदारी देकर महा संपर्क अभियान से लोकसभा चुनावों की सियासी कमान कसने को कहा गया है। जबकि दिल्ली की सांसद और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को एटा, फतेहपुर, आगरा और फिरोजाबाद में तैनात किया गया है। राधा मोहन सिंह मथुरा, अलीगढ़ और हाथरस देखेंगे।
निशंक बुंदेलखंड, तो नितिन पटेल जाएंगे कैराना
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक फतेहपुर, कौशांबी और बुंदेलखंड के कुछ जिलों पर जाकर लोकसभा चुनावों की तैयारी का महाअभियान शुरू करेंगे। रघुवर दास को डुमरियागंज गोरखपुर, कुशीनगर की जिम्मेदारी दी गई है। वही उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पूर्वांचल के जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें बलिया आजमगढ़ और देवरिया शामिल है। गुजरात के पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन भाई पटेल को पश्चिम के सेंसिटिव इलाके कैराना और मुजफ्फरनगर की जिम्मेदारी देकर लोकसभा चुनावों की कमान कसने को कहा गया है। इसी तरह मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास नारंग को लखीमपुर खीरी, सीतापुर और हरदोई की जिम्मेदारी दी गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शहनवाज हुसैन को अमेठी, प्रयागराज और प्रतापगढ़ में लोकसभा चुनावों को मजबूत करने के लिए भेजा जा रहा है। भाजपा में दक्षिण भारत के युवा नेता तेजस्वी सूर्या को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, बागपत और बुलंदशहर में तैनात किया गया है। हिमाचल प्रदेश के भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप को इटावा और फर्रुखाबाद से कन्नौज की जिम्मेदारी दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट वाराणसी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के गृह जनपद चंदौली समेत जौनपुर की जिम्मेदारी दी गई है।
यह भी पढ़ें: UP News: पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को सीएम योगी ने किया नमन, बोले- किसानों के लिए काम कर रही डबल इंजन सरकार
केंद्र सरकार की योजनाओं को बताने के लिए चलेगा महाअभियान
भाजपा ने लोकसभा चुनावों से पहले अपने बड़े कद्दावर नेताओं को उत्तर प्रदेश की अलग-अलग लोकसभा में उतारकर ना सिर्फ महाजनसंपर्क अभियान चलाने की शुरुआत का फैसला लिया है। बल्कि माइक्रो लेवल पर बूथ स्तर से लेकर पन्ना प्रमुख तक इन बड़े नेताओं की मीटिंग और रणनीति बनाने की पूरी तैयारी कर ली है। जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड के धन सिंह रावत को अयोध्या सुल्तानपुर और बस्ती के लिए तैनात किया गया है। वहीं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा को रामपुर, पीलीभीत की जिम्मेदारी दी गई है। जितेंद्र सिंह मुरादाबाद, अमरोहा और मैनपुरी के लिए निकलेंगे, तो अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा को बरेली, शाहजहांपुर और बदायूं की जिम्मेदारी दी गई। अन्नपूर्णा देवी को गाजीपुर और मऊ की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता बताते हैं कि केंद्र के यह नेता उत्तर प्रदेश के सियासी जमीन पर जाकर लोकसभा चुनावों से पहले स्थानीय जनता से मिलेंगे। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में जन-जन तक एक महा अभियान चलाकर उनसे रूबरू होंगे।
इस कड़ी में उत्तर प्रदेश भाजपा ने अपने मेगा प्लान के तहत कई और बड़ी योजनाओं को जमीन पर उतारने की तैयारी की है। उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी कहते हैं कि निकाय चुनावों के बाद उनकी पूरी टीम लोकसभा चुनावों के लिए तैयार हो चुकी है। अगले एक महीने के भीतर उनकी पार्टी प्रदेश के हर घर में, हर व्यक्ति तक पहुंचेगी। भूपेंद्र चौधरी का कहना है कि इसके लिए व्यापक स्तर पर पूरे तैयारियां और बंदोबस्त कर लिए गए हैं। सभी जिम्मेदार नेताओं संगठन के कार्यकर्ताओं और विधायकों सांसदों को योजना अनुरूप 30 मई से 30 जून तक हर घर में दस्तक देने की कार्य योजना सौंप दी गई है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी कहते हैं 30 मई से 30 जून के बीच में केंद्र के कई बड़े नेता और मंत्री उत्तर प्रदेश में आकर जनता से सीधे मुखातिब होंगे। उनका कहना है कि पूरे देश में चलने वाले इस महाअभियान के दौरान प्रधानमंत्री को अलग-अलग राज्यों में जाना है। वह कहते हैं कि संभवतया उत्तर प्रदेश में भी प्रधानमंत्री मोदी के कुछ कार्यक्रम अवश्य लगेंगे।