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UP Politics: political war over crane, what is legal hurdle between bird and amethi farmer arif friendship
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UP Politics: यूपी में सारस पर क्यों छिड़ा सियासी संग्राम, पक्षी और किसान की दोस्ती में क्या है कानूनी अड़चन?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवेंद्र तिवारी
Updated Tue, 28 Mar 2023 06:35 PM IST
सार
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अमेठी के एक किसान मोहम्मद आरिफ के साथ बीते एक साल से एक सारस रह रहा था। आरिफ को यह सारस पिछले साल घायल अवस्था में मिला था। आरिफ ने घायल सारस का इलाज किया। इसके बाद से यह सारस आरिफ के साथ ही रहने लगा।
उत्तरप्रदेश में इन दिनों एक सारस की वजह से सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। इस सारस को बचाने वाले किसान पर वन विभाग कार्रवाई कर रहा है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव इस मामले में लगातार सरकार को घेर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही हैं। वहीं, इस मामले में कार्रवाई करने वाले अमला नियम के तहत कार्रवाई करने की बात कर रहा है।
यूपी में सियासी सग्राम खड़ा करने वाला सारस कहां है? इसे बचाने वाले किसान पर क्यों कार्रवाई हो रही है? सारस और किसान की दोस्ती में कानूनी अड़चन क्या है? पक्षी चर्चा में कब आया? सारस इतना अहम क्यों है? आइये जानते हैं…
आरिफ और सारस की दोस्ती देखने पहुंचे अखिलेश यादव
- फोटो : SOCIAL MEDIA
कैसे चर्चा में आई सारस और आरिफ की दोस्ती?
अमेठी के एक किसान मोहम्मद आरिफ के साथ बीते एक साल से एक सारस रह रहा था। आरिफ को यह सारस पिछले साल घायल अवस्था में मिला था। आरिफ ने घायल सारस का इलाज किया। इसके बाद से यह सारस आरिफ के साथ ही रहने लगा। सारस आरिफ के साथ ही खाना खाता और उनके साथ ही घूमता रहता था।
कुछ दिनों पहले आरिफ और सारस की दोस्ती की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हुई। चर्चा बढ़ी तो आरिफ के घर देशी-विदेशी मीडिया का जमावड़ा होने लगा। इसी बीच पांच मार्च को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी दोनों की दोस्ती देखने आरिफ के गांव पहुंचे थे। अखिलेश ने दोनों के साथ ली गई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा कीं।
कानपुर प्राणी उद्यान में मौजूद सारस
- फोटो : अमर उजाला
विवाद कहां से शुरू हुआ?
अखिलेश की आरिफ और सारस से मुलाकात के 16 दिन बाद 21 मार्च को आरिफ और सारस एक दूसरे से अलग हो गए। दरअसल इस दिन वन विभाग का अमला आरिफ के घर पहुंचा। यहां से वन विभाग की टीम सारस को अपने साथ ले गई। वन विभाग की टीम ने सारस को रायबरेली जिले के सलोन तहसील क्षेत्र स्थित समसपुर पक्षी विहार में छोड़ दिया।
अगले दिन सारस अचानक लापता हो गया। काफी तलाश के बाद देर रात वह पांच किमी. दूर विसइया में होमगार्ड सतीश कुमार के घर पर मिला। शनिवार को इसे समसपुर पक्षी विहार से प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) शिफ्ट कर दिया गया। लखनऊ और अमेठी से आई टीम ने रेस्क्यू कर विशेष वाहन से उसे कानपुर पहुंचाया।
इसके साथ ही वन विभाग ने सारस को बचाने वाले किसान आरिफ के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। वहीं, आरिफ और सारस के अलग होने के साथ ही इस पर सियासत भी शुरू हो गई।
आरिफ और सारस की दोस्ती
- फोटो : सोशल मीडिया
किसान पर क्यों और क्या कार्रवाई हो रही है?
सारस के साथ दोस्ती को लेकर एक माह से चर्चा में बने आरिफ की सारस का साथ छूटने के साथ ही मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। राज्य के वन विभाग ने आरिफ के खिलाफ वन अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया है। उन्हें नोटिस जारी कर दो अप्रैल को पूछताछ के लिए तलब भी किया गया है।
आरिफ पर यह कार्रवाई वन अधिनियम के तहत हुई है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार किसी भी संरक्षित पक्षी या जानवर को रखना गैरकानूनी है। इतना ही नहीं उसे खिलाना-पिलाना भी गैरकानूनी है। कोई किसी पक्षी को बचा सकता है लेकिन उसके बाद आपको उसे कानूनी तौर पर वन विभाग को सुपुर्द करना चाहिए। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में सारस को राज्य पक्षी का दर्जा दिया गया है।
Cm yogi Priyanka akhilesh
- फोटो : अमर उजाला
इस मामले में क्या सियासत हो रही है?
आरिफ और सारस को अलग किए जाने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीते बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोप लगाया कि, "आरिफ से सारस इसलिए छीन लिया गया क्योंकि मैं मिलने चला गया था। क्या यही लोकतंत्र है? अगर सरकार सारस को छीन रही है, तो सरकार को उनसे भी मोर छीन लेना चाहिए जो मोर को दाना खिला रहे थे। क्या सरकार की हिम्मत है वहां पहुंच जाने की। सरकार यह सिर्फ इसलिए किया क्योंकि सारस से और सारस को पालने वाले आरिफ से मैं मिल कर आ गया।"
मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सारस से मिलने कानपुर के चिड़ियाघर पहुंचे। उनके साथ सारस का दोस्त आरिफ भी मौजूद थे। चिड़ियाघर में अखिलेश यादव और आरिफ ने सीसीटीवी पर सारस को देखा।
सोमवार को एक बार फिर इस मामले में सपा अध्यक्ष का बयान आया। अखिलेश यादव ने सारस को कानपुर के चिड़ियाघर में रखने पर विरोध जताया। उन्होंने शायराना अंदाज में ट्वीट किया, 'अच्छा नहीं है परिंदों का पत्थर हो जाना! कुछ लोग भी न जाने कैसे-कैसे झूठ को सच बनाते हैं, असली सारस चिड़ियाघर में, नकली पार्क में लगाते हैं।’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी। प्रियंका ने भी आरिफ को वन विभाग द्वारा नोटिस भेजने का विरोध जताया। उन्होंने कहा, 'रक्षकों का सम्मान करना हमारे देश की परंपरा है। प्रेम की मिसाल कायम करने वालों को इस देश में सराहा जाता है। लेकिन, यूपी सरकार को क्या सूझा जो सारस की जान बचाने वाले, उसको दोस्त की तरह रखने वाले रक्षक को नोटिस भेजा जा रहा है। प्रेम, संवेदना के प्रति ये अन्याय कतई सही नहीं है।'
इसी बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव सारस की आड़ में आरिफ के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। सारस को चिड़ियाघर में कैद नहीं, बल्कि संरक्षित किया गया है। सपा प्रमुख के लिए एक क्षेत्र विशेष ही सब कुछ है, लेकिन सीएम योगी के लिए पूरा प्रदेश ही परिवार है।
सारस पक्षी हस्तिनापुर, cranes in Hastinapur
- फोटो : अमर उजाला
क्यों खास होता है सारस?
सारस का औसत भार 73 किलोग्राम तक होता है। लंबाई 176 सेंमी (5.66 फीट) तक हो सकती है। पंखों का फैलाव 250 सेमी (9.85 फीट) तक होता है। इस पक्षी को धरती के सबसे बड़े उड़ने वाले पक्षी की संज्ञा दी गई है। जोड़े में मादा को छोटे शरीर के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है। विश्व में सारस की कुल आठ प्रजातियां पाई जाती है। इनमें से चार भारत में हैं। सारस का संपूर्ण जीवनकाल 18 साल तक हो सकता है। रात के समय सारस परिवार के साथ दलदल के टीले या पेड़ के नीचे रहते हैं।
Saras Bird Crane
- फोटो : Agency (File Photo)
साथी के वियोग में खुद भी दे देते हैं जान
सारस परिवार में रहता है। नर और मादा सारस जोड़े में रहकर अपना कुनबा बढ़ाते हैं। एक-दूसरे के प्रति इन पक्षियों में अटूट प्रेम होता है। उड़ने वाले पक्षियों की बात करें तो सारस उन पक्षियों में शामिल हैं जो कभी पेड़ पर आशियाना नहीं बनाता। जोड़े में रह रहे सारस में से अगर एक की किसी कारण मृत्यु हो जाती है तो दूसरा सारस भी साथी के वियोग में दम तोड़ देता है।
दो माह में उड़ने लगते हैं सारस के बच्चे
सारस अधिकतर मुख्य भौगोलिक क्षेत्र में निवास करते हैं। सारस खेतों में पड़े कीड़े-मकौड़े घास-फूस के बीज और अनाज के दाने खाते हैं। मादा एक बार में दो से तीन अंडे देती है। लगभग एक महीने बाद शिशु चूजों के रूप में अंडों से बाहर आते हैं। ये चूजे तेजी से बड़े होते हैं और लगभग दो माह में पहली उड़ान भरने के योग्य हो जाते हैं।
सोहगीबरवा सारस।
- फोटो : अमर उजाला।
आर्द्र भूमि के संरक्षण में अहम भूमिका निभाते हैं
भारतीय सारस दुनिया में सबसे बड़े उड़ने वाले पक्षी हैं, जो तेजी से खत्म हो रहे हैं। प्राकृतिक विरासत और आर्द्र भूमि के संरक्षण और उनकी सेहत बरकरार रखने में ये बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सारस की लगातार घट रही आबादी और इनके प्राकृतिक निवास आर्द्र भूमि के लगातार हो रहे दोहन के चलते इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर संस्थान ने इन्हें रेड लिस्ट में रखा है। वहीं, वन्य जीव संरक्षण कानून के तहत भी लुप्तप्राय पक्षियों को संरक्षण प्राप्त है।
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