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UP has been at the forefront of the country in getting punishment for atrocities on Dalits in UP
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दलितों पर अत्याचार : सजा दिलाने में UP आगे, राष्ट्रीयस्तर पर 14 तो उत्तर प्रदेश में 31% मामलों में हुई सजा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: वीरेंद्र शर्मा
Updated Wed, 22 Mar 2023 06:33 AM IST
सार
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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र ने लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के सांसद गिरीश मिश्र की तरफ से देश में दलितों पर अत्याचार को लेकर पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-2021 के दौरान देश में दलितों पर अत्याचार के कुल 1,89,945 मामले दर्ज हुए।
देशभर में चार वर्ष (2018-2021) में दलितों के खिलाफ अत्याचार के 1.89 लाख मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से 49,613 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। राष्ट्रीय स्तर पर, जहां महज 14 फीसदी मामलों में ही दोष सिद्धि हुई और सजा दी गई। वहीं, उत्तर प्रदेश में 31 फीसदी मामलों में दोषसिद्धि हुई।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र ने लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के सांसद गिरीश मिश्र की तरफ से देश में दलितों पर अत्याचार को लेकर पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-2021 के दौरान देश में दलितों पर अत्याचार के कुल 1,89,945 मामले दर्ज हुए। इनमें से 79 फीसदी मामलों में पुलिस ने अदालतों में आरोपपत्र दाखिल किए हैं। 27,754 मामलों में दोषसिद्धि हुई है।
यूपी में 84% मामलों में आरोप पत्र दाखिल
दोषसिद्धि के साथ ही उत्तर प्रदेश इस तरह के मामलों में आरोपपत्र दाखिल करने के लिहाज से भी आगे हैं। यूपी में दर्ज 49,613 मामलों में से 41,684 (84 फीसदी) से ज्यादा मामलों में आरोपपत्र दाखिल हुए हैं। इसके अलावा 15,455 मामलों में दोषसिद्धि हुई है।
पूर्वोत्तर के 4 राज्यों में कोई मामला नहीं
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के हवाले से मिश्रा ने बताया कि देश में उत्तर प्रदेश के बाद दलितों पर अत्याचार के सबसे ज्यादा 26,815 मामले बिहार में दर्ज हुए हैं। 25,942 मामलों के साथ राजस्थान तीसरे और 24,166 मामलों के साथ मध्य प्रदेश चौथे स्थान पर है। वहीं, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और नगालैंड में इन चार वर्षों में एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है।
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