केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार (15 सितंबर) को कई अहम फैसले लिए। इस दौरान आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (Aatmanirbhar Swasth Bharat Yojana) को भी मंजूरी दी गई। बता दें कि यह 64 हजार करोड़ रुपये की योजना है, जिसके तहत स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने का काम किया जाएगा। साथ ही, सभी जिलों और 3,382 ब्लॉक में एकीकृत जन स्वास्थ्य लैब की स्थापना की जाएगी। जानकारी के मुताबिक, इस योजना की घोषणा वित्तीय वर्ष 21-22 के बजट भाषण के दौरान की गई थी। साथ ही, अगले छह वित्तीय वर्षों (वित्तीय वर्ष 25-26 तक) में लगभग 64,180 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान जताया गया था। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त चलाई जाएगी।
राज्यों में इन सुविधाओं पर होगा काम
बताया जा रहा है कि इस योजना के तहत उन 10 राज्यों के 17,788 ग्रामीण स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों को सहायता प्रदान की जाएगी, जिन पर ज्यादा फोकस रहता है। वहीं, देश के सभी राज्यों में 11,024 शहरी स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों की स्थापना की जाएगी। सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला और 11 उच्च फोकस वाले राज्यों में 3,382 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना होगी।
602 जिलों में बनेगा क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक
योजना के माध्यम से देश के 602 जिलों और 12 केंद्रीय संस्थानों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक की स्थापना की जाएगी। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), इसकी पांच क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ने के लिए सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का विस्तार होगा।
ऐसी है केंद्र सरकार की योजना
इनके अलावा 17 नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों का संचालन होगा। वहीं, 32 हवाई अड्डों, 11 बंदरगाहों और 7 लैंड क्रॉसिंग पर स्थित 33 मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत किया जाएगा। साथ ही, 15 हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर और दो मोबाइल अस्पताल की स्थापना भी की जाएगी।
प्रबंधन क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत-इटली में करार को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और इटली के डिपार्टमेंट ऑफ सिविल प्रोटेक्शन ऑफ दी प्रेसीडेंसी ऑफ दी काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स के बीच हुए आपदा जोखिम कम करने और प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग संबंधी समझौते को मंजूरी दी। इस समझौते के तहत तहत दोनों देशों को एक-दूसरे की आपदा प्रबंधन प्रणालियों से लाभ होगा और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में तैयारी, प्रतिक्रिया और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
बैड बैंक को सरकारी गारंटी प्रस्ताव को मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट ने बैड बैंक को सरकारी गारंटी के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। दरअसल अप्राप्य ऋण के समाधान के लिए बैड बैंक बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसका आकलन है कि सरकारी गारंटी करीब 31,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए। बैड बैंक या राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी (एनएआरसीएल) स्वीकृत ऋण राशि का 15 फीसदी नकद देगा। शेष 85 फीसदी राशि सरकारी गारंटी वाली प्रतिभूति होगी।
दूरसंचार क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक क्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र के लिए केंद्रीय कैबिनेट का फैसला एक ऐतिहासिक क्षण है। दूरसंचार क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर सुधार इस सेक्टर और उपभोक्ता दोनों के लिए लाभकारी हैं, क्योंकि इससे दूरसंचार क्षेत्र का विकास होगा, वहीं नौकरियों के अवसर भी बढ़ेंगे।
विस्तार
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार (15 सितंबर) को कई अहम फैसले लिए। इस दौरान आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (Aatmanirbhar Swasth Bharat Yojana) को भी मंजूरी दी गई। बता दें कि यह 64 हजार करोड़ रुपये की योजना है, जिसके तहत स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने का काम किया जाएगा। साथ ही, सभी जिलों और 3,382 ब्लॉक में एकीकृत जन स्वास्थ्य लैब की स्थापना की जाएगी। जानकारी के मुताबिक, इस योजना की घोषणा वित्तीय वर्ष 21-22 के बजट भाषण के दौरान की गई थी। साथ ही, अगले छह वित्तीय वर्षों (वित्तीय वर्ष 25-26 तक) में लगभग 64,180 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान जताया गया था। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त चलाई जाएगी।
राज्यों में इन सुविधाओं पर होगा काम
बताया जा रहा है कि इस योजना के तहत उन 10 राज्यों के 17,788 ग्रामीण स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों को सहायता प्रदान की जाएगी, जिन पर ज्यादा फोकस रहता है। वहीं, देश के सभी राज्यों में 11,024 शहरी स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों की स्थापना की जाएगी। सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला और 11 उच्च फोकस वाले राज्यों में 3,382 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना होगी।
602 जिलों में बनेगा क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक
योजना के माध्यम से देश के 602 जिलों और 12 केंद्रीय संस्थानों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक की स्थापना की जाएगी। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), इसकी पांच क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ने के लिए सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का विस्तार होगा।
ऐसी है केंद्र सरकार की योजना
इनके अलावा 17 नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों का संचालन होगा। वहीं, 32 हवाई अड्डों, 11 बंदरगाहों और 7 लैंड क्रॉसिंग पर स्थित 33 मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत किया जाएगा। साथ ही, 15 हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर और दो मोबाइल अस्पताल की स्थापना भी की जाएगी।
प्रबंधन क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत-इटली में करार को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और इटली के डिपार्टमेंट ऑफ सिविल प्रोटेक्शन ऑफ दी प्रेसीडेंसी ऑफ दी काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स के बीच हुए आपदा जोखिम कम करने और प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग संबंधी समझौते को मंजूरी दी। इस समझौते के तहत तहत दोनों देशों को एक-दूसरे की आपदा प्रबंधन प्रणालियों से लाभ होगा और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में तैयारी, प्रतिक्रिया और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
बैड बैंक को सरकारी गारंटी प्रस्ताव को मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट ने बैड बैंक को सरकारी गारंटी के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। दरअसल अप्राप्य ऋण के समाधान के लिए बैड बैंक बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसका आकलन है कि सरकारी गारंटी करीब 31,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए। बैड बैंक या राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी (एनएआरसीएल) स्वीकृत ऋण राशि का 15 फीसदी नकद देगा। शेष 85 फीसदी राशि सरकारी गारंटी वाली प्रतिभूति होगी।
दूरसंचार क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक क्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र के लिए केंद्रीय कैबिनेट का फैसला एक ऐतिहासिक क्षण है। दूरसंचार क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर सुधार इस सेक्टर और उपभोक्ता दोनों के लिए लाभकारी हैं, क्योंकि इससे दूरसंचार क्षेत्र का विकास होगा, वहीं नौकरियों के अवसर भी बढ़ेंगे।