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TSPSC question paper leak case Accused used ChatGPT AI helped get answers in real time
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Telangana: आरोपी ने TSPSC की परीक्षा में ChatGPT की मदद से कराई नकल, AI से हासिल किए Real-Time जवाब; पढ़ें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद
Published by: निर्मल कांत
Updated Tue, 30 May 2023 06:16 PM IST
तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीएसपीएससी) प्रश्न पत्र लीक मामला एसआईटी ने नया खुलासा किया है। एसआईटी का दावा है कि आरोपियों में से एक ने सात अभ्यर्थियों को नकल कराने के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया।
तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीएसपीएससी) प्रश्न पत्र लीक मामला देश का पहला ऐसा केस हो सकता है, जहां अभ्यर्थियों ने सिस्टम को धोखा देने के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया। प्रश्न पत्र लीक की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पाया कि सहायक कार्यकारी अभियंता (एईई) और संभागीय लेखा अधिकारी (डीएओ) की भर्ती के प्रश्न पत्रों को एक्सेस करने के बाद आरोपियों में से एक ने जवाब पाने के लिए अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का इस्तेमाल किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, एसआईटी को यह चौंकाने वाली जानकारी तब हाथ लगी मिली जब उन्होंने पेद्दापल्ली में तेलंगाना स्टेट नॉर्दर्न पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (टीएसपीएनसीडीएल) के डिवीजनल इंजीनियर पूला रमेश (35 वर्षीय) को पकड़ा। रमेश को कम से कम तीन परीक्षाओं के लीक प्रश्न पत्रों तक पहुंच मिली और उसने उनमें से दो के उत्तर प्राप्त करने के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया।
जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि 22 जनवरी और 26 फरवरी को आयोजित दो परीक्षाओं के लिए बैठे सात अभ्यर्थियों को जवाब प्रदान करने के लिए रमेश ने बड़ी योजना बनाई। उसने सभी सात अभ्यर्थियों को अपने कान में ब्लूटूथ माइक्रो इयरपीस डालने के लिए कहा।
बताया जा रहा है कि परीक्षा केंद्र के एक प्रिंसिपल ने प्रश्न पत्रों की तस्वीरें खींचीं और परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट बाद रमेश को भेज दी। रमेश अपने चार सहयोगियों के साथ दूसरे स्थान पर बैठा था, उसने सही उत्तर प्राप्त करने के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया और उसे अभ्यर्थियों को भेज दिया। सातों ने उन्हें पास करने में मदद करने के लिए कथित तौर पर 40 लाख रुपये का भुगतान करने पर सहमति दी थी।
हालांकि, रमेश को पांच मार्च को सहायक अभियंता (सिविल) परीक्षा के लिए चैटजीपीटी (चैट जेनरेटिव प्री-ट्रेनिंग ट्रांसफॉर्मर) का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि उन्हें बिजली विभाग में एक जूनियर सहायक पूला रवि किशोर से काफी पहले लीक प्रश्न पत्र मिल गया था, जो उसका रिश्तेदार भी है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, रमेश ने 25 से 30 लाख रुपये में लीक प्रश्न पत्रों को तीस अभ्यर्थियों को बेचा। रमेश को उम्मीद थी कि वह सरकारी कर्मचारियों समेत 35 उम्मीदवारों से 10 करोड़ रुपये बना लेगा। मार्च की शुरुआत में जब घोटाले पर से पर्दा उठा, तब तक उसे करीब 1.1 करोड़ रुपये मिल चुके थे। उसे आज यानि मंगलवार को गिरफ्तार किया जा सकता है।
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