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to save funds Indian Army has decided to abolish its all cantonments
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छावनियों से पैसे बनाएगी भारतीय सेना, सेनाध्यक्ष ने दिया शोध का आदेश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 13 Jul 2018 09:12 AM IST
लगभग 250 साल पहले ब्रिटिश सेना ने बैरकपुर में अपनी पहली छावनी स्थापित की थी। धीरे-धीरे मांग के हिसाब से इनकी संख्या बढ़कर 62 हो गई। सेना के पास इस समय 19 राज्यों में कुल 62 छावनियां हैं, जिसका क्षेत्रफल 17.3 लाख एकड़ है। अब भारतीय सेना इन्हें फंड बचाने के लिए खत्म करने के लिए तैयार है ताकि उनके रख-रखाव पर होने वाले खर्च को बचाया जा सके।
अधिकारियों ने कहा सेना ने इसके लिए बकायदा रक्षा मंत्रालय के पास एक प्रस्ताव भेजा है कि अब छावनियों को खास मिलिट्री स्टेशन में तब्दील कर दिया जाना चाहिए। जिनका पूर्ण नियंत्रण सेना के पास ही रहेगा। जबकि नागरिक क्षेत्रों को रख-रखाव और दूसरे प्रयोजनों के लिए स्थानीय नगर निगम को सौंप दिया जाएगा। उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों का मानना है कि इससे देश के रक्षा बजट के भार को कम करने में मदद मिलेगी। चूंकि हर साल छावनी के रख-रखाव, सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और अतिक्रमण को रोकने में 476 करोड़ रुपए का खर्च आता है।
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने इस संबंध में गहन अध्ययन करने के आदेश दे दिए हैं। जिसकी रिपोर्ट सितंबर की शुरुआत में आ जाएगी। छावनियों को खत्म करने का प्रस्ताव नया नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इससे पहले साल 2015 में रक्षा सचिव की अध्यक्षता में भारत में छावनियों की प्रासंगिकता पर शोध करने के लिए एक टीम गठित हो चुकी है। उस समय टीम ने महू, लखनऊ, अल्मोड़ा, अहमदनगर, फिरोजपुर और योल छावनियों को नागरिक क्षेत्र में शामिल करने के लिए छांटा था। हालांकि कुछ विवादों के कारण इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पाई थी।'
हालिया प्रस्ताव कई सारे विवाद पैदा कर सकता है क्योंकि अतीत में इसी तरह के कदम असफल साबित हो चुके हैं। बाहुबली नेताओं और बिल्डर लॉबी की नजरें छावनी की आकर्षक भूमि पर है खासतौर से दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, पुणे, कोलकाता, अंबाला और दूसरे स्थानों की। यह फैसला उस समय सामने आया है जब पिछले साल ही रक्षा मंत्रालय ने ट्रैफिक समस्या को देखते हुए 62 छावनियों की सड़कों को आम नागरिकों के लिए भी खोलने का फैसला लिया था।
यह है सैन्य छावनी की खासियत
- रक्षा मंत्रालय 17.3 लाख एकड़ जमीन के साथ देश की सबसे ज्यादा जमीन का मालिक है। यह क्षेत्र दिल्ली के क्षेत्रफल का पांच गुना है।
- 62 में से 2 छावनियां लगभग 2 लाख एकड़ जमीन में बनी हुई हैं। जहां 50 लाख से ज्यादा सैन्य और नागरिक जनसंख्या रहती है। बाकी की जमीन में मिलिट्री स्टेशन, एयरबेस, नेवल बेस, डीआरडीओ लैब, फायरिंग रेंज, कैंपिंग ग्राउंड आदि हैं।
- सेना अधिकारियों के नियंत्रण में पूरी तरह से 237 मिलिट्री स्टेशन हैं।
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