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Fighter Plane: भारत की बड़ी कामयाबी, देश के पहले पालयट रहित लड़ाकू विमान का डीआरडीओ ने किया सफल परीक्षण 

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Amit Mandal Updated Fri, 01 Jul 2022 09:46 PM IST
सार

डीआरडीओ ने एक बयान में बताया कि इस परीक्षण को शुक्रवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।

the maiden flight of the Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator was carried out successfully 
ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर की पहली फ्लाइट का सफलतापूर्वक परीक्षण - फोटो : ANI

विस्तार

मानव रहित लड़ाकू विमान विकसित करने की दिशा में भारत को एक बड़ी सफलता मिली है। डीआरडीओ ने शुक्रवार को ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर के पहले एयरक्राफ्ट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस विमान की खासियत यह है कि ये बिना पायलट के उड़ान भर सकता है। टेकऑफ से लेकर लैंडिंग तक का पूरा काम बिना किसी मदद के अंजाम दे सकता है। 



चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सफल परीक्षण 
डीआरडीओ ने एक बयान में बताया कि इस परीक्षण को शुक्रवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। मानव रहित हवाई वाहन यानी अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) को ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर कहा जाता है। वहीं रक्षा  मंत्रालय ने कहा कि विमान पूरी तरह से ऑटोनॉमस मोड में संचालित हुआ था। एयरक्राफ्ट ने एक सफल उड़ान भरी जिसमें टेक ऑफ, वे प्वाइंट नेविगेशन और स्मूथ टचडाउन शामिल हैं। ये विमान भविष्य की बिना पायलट के चलने वाले विमानों को विकसित करने की दिशा में एक मील का पत्थर है। साथ ही आत्मनिर्भरता की दिशा में एक जरूरी कदम भी है।

 

डीआरडीओ ने कहा कि एयरक्राफ्ट ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी। खुद ही इस परीक्षण को अंजाम दिया। यह सामरिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भता की दिशा में अहम कदम है। इस एयरक्राफ्ट को बेंगलुरू स्थित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई) ने डिजायन और विकसित किया है। एडीई डीआरडीओ के तहत एक प्रमुख रिसर्च लोबोरेटरी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है।    



 


ध्रुव स्पेस ने पीएसएलवी के जरिये डीएसओडी-1यू का परीक्षण किया
देश में अंतरिक्ष क्षेत्र की स्टार्ट-अप ध्रुव स्पेस ने अपने ‘सैटेलाइट ऑर्बिटल डिप्लॉयर’(डीएसओडी-1यू) का सफल परीक्षण किया है, जिससे स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपित करने की उसकी योजना को बल मिला है। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी-53 मिशन, जिसने तीन विदेशी उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया, ध्रुव स्पेस के सैटेलाइट डीएसओडी-1यू के लिए परीक्षण मंच साबित हुआ है।
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डीएसओडी-1यू उपग्रहों को प्रक्षेपण यान पर रखता है और उन्हें (उपग्रह को) कक्षा में छोड़ता है। डीएसओडी-1यू के सफल परीक्षण ने पीएसएलवी सी-54 के जरिये ध्रुव स्पेस के उपग्रह मिशन थाईबोल्ट-1 और थाईबोल्ट-2 को अंजाम देने का रास्ता साफ कर दिया है। ध्रुव स्पेस प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी(सीईओ) संजय नेक्कांति ने कहा, हमारे ग्राहकों के लिए उपग्रह का निर्माण करने से पहले यह हमारे लिए अहम मील का पत्थर है।
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