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Terrorist Yasin Malik Named Seven Former Prime Ministers in Court News in Hindi
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Yasin Malik: फांसी की मांग सुन 10 मिनट चुप रहा यासीन, फिर लेने लगा महात्मा गांधी और सात पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Thu, 26 May 2022 10:56 AM IST
सार
इस मामले में एनआईए ने 2017 में एफआईआर दर्ज की थी। एक दर्जन से अधिक लोग आरोपी बनाए गए थे। 18 जनवरी 2018 को एनआईए ने कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी।
यासीन मलिक
- फोटो : अमर उजाला
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टेरर फंडिंग के मामले में कोर्ट ने यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कोर्ट से यासीन मलिक को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की थी। यासीन लंबे समय से कश्मीर में रहते हुए भारत के खिलाफ साजिश रचता रहा है। कोर्ट ने 19 मई को टेरर फंडिंग मामले में उसे दोषी ठहराया था।
कोर्ट में सजा पर बहस के दौरान यासीन मलिक बिल्कुल शांत दिखा। जब NIA ने कोर्ट से यासीन के लिए फांसी की सजा मांगी तो उसके चेहरे पर खौफ आ गया। इसके बाद कोर्ट ने यासीन से अपना पक्ष रखने के लिए कहा। आइए जानते हैं इस दौरान यासीन मलिक ने कोर्ट में क्या-क्या कहा?
2017 में यासीन मलिक के खिलाफ NIA ने टेरर फंडिंग का मामला दर्ज किया। इसके बाद से पटियाला कोर्ट में इस मामले की लगातार सुनवाई हो रही थी। कोर्ट में NIA ने सारे सबूत पेश किए। बताया कि देश में आतंकी घटनाओं को बढ़ावा देने के लिए यासीन मलिक के पास पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देशों से पैसा आता था। उन पैसों के जरिए देश में कई बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया।
NIA ने यासीन पर लगे एक-एक आरोपों के लिए सबूत पेश किए। जिसके बाद यासीन मलिक को अपने गुनाह कबूल करने पड़े। इसके बाद NIA ने यासीन मलिक को फांसी की सजा देने की मांग की।
यासीन के वकील फरहान ने एक इंटरव्यू में बताया कि NIA की मांग के बाद कोर्ट ने यासीन मलिक को बोलने के लिए कहा। तब यासीन ने कहा, 'मैं पिछले 28 साल से अहिंसा की राजनीति कर रहा हूं। इन 28 सालों में मैं किसी भी हिंसात्मक घटना में शामिल नहीं हुआ। NIA कोई भी एक ऐसी घटना बता दे, जिसमें मैं शामिल रहा हूं? मैंने देश के सात प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। गुजराल से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक इसमें शामिल हैं। अटल बिहारी वाजपेयी ने ही मुझे पासपोर्ट दिया था। इसके बाद मैं हार्वर्ड गया। मैं हार्वर्ड में भी भारत की तरफ से गया था। वहां मैंने लेक्चर दिया। अगर हिंसा करना ही मेरा काम होता तो मैं हार्वर्ड क्यों जाता? मेरी हमेशा से कोशिश रही कि मैं देश के प्रधानमंत्रियों के साथ मिलकर हालात को सही कर सकूं। मैं महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर चल रहा हूं।'
आगे यासीन ने कहा, 'सजा पर मैं कुछ नहीं बोलूंगा। जब भी मुझे कहा गया मैंने आत्मसमर्पण किया। अब आपको (कोर्ट) जो भी सजा देनी है, दे दीजिए... मैं कुछ नहीं बोलूंगा। लेकिन ईमानदारी से दीजिएगा।'
कोर्ट ने 19 मई को यासीन मलिक को आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने का दोषी ठहराया था। इस मामले में NIA ने 2017 में एफआईआर दर्ज की थी। एक दर्जन से अधिक लोग आरोपी बनाए गए थे। 18 जनवरी 2018 को NIA ने कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी। NIA ने कोर्ट में कहा था, 'लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने कश्मीर और देश में बड़े पैमाने पर हमले किए थे।' कोर्ट में यासीन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को कबूल भी लिया था। उसने कहा था कि वह इसे चुनौती नहीं देगा।
विस्तार
टेरर फंडिंग के मामले में कोर्ट ने यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कोर्ट से यासीन मलिक को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की थी। यासीन लंबे समय से कश्मीर में रहते हुए भारत के खिलाफ साजिश रचता रहा है। कोर्ट ने 19 मई को टेरर फंडिंग मामले में उसे दोषी ठहराया था।
कोर्ट में सजा पर बहस के दौरान यासीन मलिक बिल्कुल शांत दिखा। जब NIA ने कोर्ट से यासीन के लिए फांसी की सजा मांगी तो उसके चेहरे पर खौफ आ गया। इसके बाद कोर्ट ने यासीन से अपना पक्ष रखने के लिए कहा। आइए जानते हैं इस दौरान यासीन मलिक ने कोर्ट में क्या-क्या कहा?
कोर्ट में NIA ने क्या दलील दी?
यासीन मलिक
- फोटो : अमर उजाला
2017 में यासीन मलिक के खिलाफ NIA ने टेरर फंडिंग का मामला दर्ज किया। इसके बाद से पटियाला कोर्ट में इस मामले की लगातार सुनवाई हो रही थी। कोर्ट में NIA ने सारे सबूत पेश किए। बताया कि देश में आतंकी घटनाओं को बढ़ावा देने के लिए यासीन मलिक के पास पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देशों से पैसा आता था। उन पैसों के जरिए देश में कई बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया।
NIA ने यासीन पर लगे एक-एक आरोपों के लिए सबूत पेश किए। जिसके बाद यासीन मलिक को अपने गुनाह कबूल करने पड़े। इसके बाद NIA ने यासीन मलिक को फांसी की सजा देने की मांग की।
कोर्ट में क्या बोला यासीन मलिक?
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ यासीन मलिक
- फोटो : अमर उजाला
कोर्ट ने ठहराया है दोषी
यासीन मलिक
- फोटो : अमर उजाला
कोर्ट ने 19 मई को यासीन मलिक को आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने का दोषी ठहराया था। इस मामले में NIA ने 2017 में एफआईआर दर्ज की थी। एक दर्जन से अधिक लोग आरोपी बनाए गए थे। 18 जनवरी 2018 को NIA ने कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी। NIA ने कोर्ट में कहा था, 'लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने कश्मीर और देश में बड़े पैमाने पर हमले किए थे।' कोर्ट में यासीन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को कबूल भी लिया था। उसने कहा था कि वह इसे चुनौती नहीं देगा।
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