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पत्रकारिता के एक पोर्टल
फैक्टली डॉट इन द्वारा किए गए एक विश्लेषण रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर मास्टर ब्लास्टर
सचिन तेंदुलकर और फिल्म अभिनेत्री रेखा का राज्यसभा में 12 उम्मीदवारों में से उपस्थिति के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन रहा है।
रिपोर्ट में जारी आकड़ों के मुताबिक 2012 में तेंदुलकर अपने नामांकन बाद 348 दिनों में महज 23 दिन और अभिनेत्री रेखा ने 18 दिन ही राज्यसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। रेखा 2012 से अपने नामांकन के बाद से किसी भी सत्र में एक से ज्यादा सत्र में शामिल नहीं हुई हैं। जिनके साथ रेखा का नामांकन किया गया था उनमें से सबसे कम दिन उपस्थित रही।
आपको बता दें कि राज्यसभा के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक रेखा पर वेतन और अन्य व्यय को लेकर 65 लाख रुपये और तेंदुलकर पर खर्च 58.8 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। रेखा पर 3,60,000 रुपये और तेंदुलकर पर 2,56,000 रुपये प्रति दिन का व्यय आता है। व्यय में आने वाला अंतर केवल भत्ते के कारण होता है, क्योंकि सभी सदस्यों का भत्ता अलग अलग निर्धारित होता हैं। अगर किसी एमपी ने दूसरों की तुलना में ज्यादा यात्रा की है, तो उस पर ज्यादा व्यय आता है। जबकि रेखा और तेंदुलकर के मामले में यह विपरीत है।
बता दें कि राज्यसभा में तेंदुलकर और रेखा की उपस्थिति का मुद्दा समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने के उठाया था, उन्होंने कहा कि ये दोनों बड़ी मुश्किल से राज्यसभा में भाग लेते हैं।
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फैक्टली डॉट इन द्वारा किए गए एक विश्लेषण रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर मास्टर ब्लास्टर
सचिन तेंदुलकर और फिल्म अभिनेत्री रेखा का राज्यसभा में 12 उम्मीदवारों में से उपस्थिति के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन रहा है।
रिपोर्ट में जारी आकड़ों के मुताबिक 2012 में तेंदुलकर अपने नामांकन बाद 348 दिनों में महज 23 दिन और अभिनेत्री रेखा ने 18 दिन ही राज्यसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। रेखा 2012 से अपने नामांकन के बाद से किसी भी सत्र में एक से ज्यादा सत्र में शामिल नहीं हुई हैं। जिनके साथ रेखा का नामांकन किया गया था उनमें से सबसे कम दिन उपस्थित रही।
आपको बता दें कि राज्यसभा के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक रेखा पर वेतन और अन्य व्यय को लेकर 65 लाख रुपये और तेंदुलकर पर खर्च 58.8 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। रेखा पर 3,60,000 रुपये और तेंदुलकर पर 2,56,000 रुपये प्रति दिन का व्यय आता है। व्यय में आने वाला अंतर केवल भत्ते के कारण होता है, क्योंकि सभी सदस्यों का भत्ता अलग अलग निर्धारित होता हैं। अगर किसी एमपी ने दूसरों की तुलना में ज्यादा यात्रा की है, तो उस पर ज्यादा व्यय आता है। जबकि रेखा और तेंदुलकर के मामले में यह विपरीत है।
बता दें कि राज्यसभा में तेंदुलकर और रेखा की उपस्थिति का मुद्दा समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने के उठाया था, उन्होंने कहा कि ये दोनों बड़ी मुश्किल से राज्यसभा में भाग लेते हैं।