Hindi News
›
India News
›
Supreme Court: Will government pay compensation for Covid deaths, SC Asked The Center
{"_id":"60acace2f91d5d136003e392","slug":"supreme-court-will-government-pay-compensation-for-covid-deaths-sc-asked-the-center","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"कोरोना: सरकार कोविड से जान गंवाने वालों के परिजनों को देगी मुआवजा? जानें पूरा मामला","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
कोरोना: सरकार कोविड से जान गंवाने वालों के परिजनों को देगी मुआवजा? जानें पूरा मामला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीप्ति मिश्रा
Updated Tue, 25 May 2021 01:23 PM IST
कोरोना वायरस से होने वाली मौतों पर मुआवजे की मांग को लेकर दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजे को लेकर सुप्रीम कोर्ट से जवाब तलब किया है।
कोरोना वायरस
- फोटो : ANI
Link Copied
विस्तार
Follow Us
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। साथ ही कहा कि कोरोना वायरस से मरने वालों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति अपनाई जाए। इसके बाद से लोगों के मन में एक सवाल कौंधने लगा है कि क्या सरकार कोविड से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा देगी।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट कोविड से मरने वालों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने के संबंध में दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इन याचिकाओं में केंद्र तथा राज्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए समान नीति अपनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोरोन से मरने वालों के परिवारों को 4 लाख रुपये के मुआवजे की मांग वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा।
केंद्र सरकार ने अधिनियम की धारा 12(3) को ध्यान में रखते हुए 8 अप्रैल, 2015 को एक आदेश जारी किया था। इसके तहत राष्ट्रीय आपदा में मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 4 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। यह मुआवजा राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से दिया जाना है।
याचिका में कहा गया कि सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत ही कोरोना वायरस को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया है। इसलिए, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 12 (iii) के तहत प्रत्येक परिवार जिसके सदस्य की आपदा के कारण मृत्यु हुई है, वह चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि का हकदार है।
मुआवाजे में रोड़ा बन सकती हैं ये बातें
देश में कोरोना वायरस से तीन लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। इसके बावजूद ज्यादातर मृतकों के मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण लंग्स इन्फेक्शन, हर्ट प्रॉब्लम या फिर कोई अन्य गंभीर बीमारी दिया गया है। ऐसे पीड़ित परिवार मुआवजे के हकदार नहीं हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार से कहा कि वह भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की गाइडलाइंस पेश करे, जिसमें कोविड से मौत के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का प्रावधान है। इसके लिए एक यूनिफर्म पॉलिसी होनी चाहिए।
क्या कहती है आईसीएमआर की गाइडलाइंस?
आईसीएमआर और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफोर्मेटिक्स एंड रिसर्च (एनसीडीआईआर) ने पिछले साल कोविड-19 से होने वाली मौतों के संबंध में गाइडलांइस जारी की थी।
गाइडलाइंस के मुताबिक, कोरोना संक्रमित होने के दौरान मरीज को श्वसन संबंधी, हार्ट अटैक जैसी कई अन्य गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। इन स्थितियों को मृत्यु का अंतर्निहित कारण नहीं माना जाता है क्योंकि ये सीधे तौर पर कोविड-19 के कारण मृत्यु का कारण नहीं बने हैं।
आईसीएमआर की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस सिर्फ सलाह है, अनिवार्य नहीं। इसका मतलब है कि इसे लागू करना राज्यों पर निर्भर है।
बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई 11 जून को होगी।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।