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Supreme Court said- the accused of corruption also has the right to come to the court
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Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- भ्रष्टाचार के आरोपी को भी अदालत में आने का अधिकार, कानून अपना काम करेगा
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Fri, 24 Mar 2023 07:02 AM IST
सार
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इस टिप्पणी के साथ शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने के खिलाफ याचिकाओं पर केंद्र की दलील को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, भ्रष्टाचार के आरोपियों को भी अदालत में आने का अधिकार है। इस टिप्पणी के साथ शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने के खिलाफ याचिकाओं पर केंद्र की दलील को खारिज कर दिया। केंद्र ने कहा था कि इन याचिकाओं पर विचार नहीं किया जा सकता क्योंकि इन्हें मनी लॉन्ड्रिंग जांच का सामना कर रही राजनीतिक संस्थाओं ने दाखिल किया है।
जस्टिस बीआर गवई की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा, केंद्र ने आपत्ति जताई है कि ये याचिकाएं उन राजनीतिक दलों ने दाखिल की हैं जो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ‘पीड़ित’ हैं। इस पर मेहता ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी ‘पीड़ित’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। वास्तव में ये पार्टी के लोग हैं जो मामलों में आरोपी हैं।
इस पर पीठ ने शंकरनारायणन से सॉलिसिटर जनरल के आरोप के अनुसार बयान से ‘पीड़ित’ शब्द को वापस लेने को कहा। शंकरनारायण ने तर्क दिया कि बार बार विस्तार से संस्था की स्वतंत्रता को खतरा है। यह पिंंजरे का तोता बन गया है। इस पर पीठ ने शंकरनारायण को उनकी दलीलें कानूनी दायरे तक सीमित रखने की हिदायत दी। इस मामले में अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।
याचिकाकर्ता भाजपा का हो या किसी अन्य पार्टी का हम कानून के हिसाब से फैसला लेंगे पीठ ने कहा, जहां तक हमारा संबंध है, हमें इस बात की कतई परवाह नहीं है कि हमारे सामने पार्टी ए है या बी। हमें इस मामले को कानून के आधार पर तय करना है। यदि याचिकाकर्ता भाजपा या किसी अन्य पार्टी से संबंधित है तो भी कानून नहीं बदलेगा। इस पर शंकरनारायण ने कहा, किसी मामले में जांच स्वतंत्र नहीं हो सकती अगर कोई व्यक्ति जानता है कि उसे एक ‘अच्छा बच्चा’ (सरकार का आज्ञाकारी) होने पर ही विस्तार दिया जाएगा।
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