Hindi News
›
India News
›
Supreme Court quashes the decision of Orrisa HC on rabi sahu and bar council of india
{"_id":"64831bd41ee6df44df0530e5","slug":"supreme-court-quashes-the-decision-of-orrisa-hc-on-rabi-sahu-and-bar-council-of-india-2023-06-09","type":"story","status":"publish","title_hn":"Supreme Court: ओडिशा HC के फैसले को शीर्ष अदालत ने किया रद्द, जानिए क्यों SC ने कहा कोई हिचकिचाहट नहीं","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Supreme Court: ओडिशा HC के फैसले को शीर्ष अदालत ने किया रद्द, जानिए क्यों SC ने कहा कोई हिचकिचाहट नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: जलज मिश्रा
Updated Fri, 09 Jun 2023 06:04 PM IST
साहू ने साल 2009 में ओडिशा के अंगुल स्थित विवेकानंद लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की थी। विवेकानंद कॉलेज को बार काउंसिल ने मान्यता नहीं दी है। बार काउंसिल ने जनवरी 2022 में विवेकानंद कॉलेज को निर्देश दिया था कि आप अपने महाविद्यालय में छात्रों को दाखिला न दें।
सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा हाईकोर्ट के एक फैसले को रद्द कर दिया। फैसला रद्द करने के अलावा कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए एक नियम को मान्यता दी। बार का नियम है कि एडवोकेट के रूप में नामांकन करने वाले इच्छुक उम्मीदवार ने संस्था द्वारा मान्यता प्राप्त कॉलेज से ही कोर्स पूरा किया हो।
पढ़िए ओडिशा हाईकोर्ट ने क्या दिए थे निर्देश
ओडिशा हाईकोर्ट ने रबी साहू मामले की सुनवाई करते हुए बार काउंसिल को निर्देश दिए थे कि वह साहू को एक वकील के रूप में पंजीकृत करें। बता दें, साहू ने काउंसिल द्वारा मान्यता प्राप्त कॉलेज से डिग्री प्राप्त नहीं की थी। तथ्यों की जानकारी के बाद भी हाईकोर्ट ने कहा था कि बीसीआई अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा दो के तहत निर्धारित नियमों के अलावा रजिस्ट्रेशन के लिए कोई दूसरी शर्तें नहीं जोड़ सकता। हाईकोर्ट ने रबी साहू के मामले की सुनवाई करते हुए निर्देश देते हुए उन्हें एक वकील के रूप में पंजीकृत करने के निर्देश दिए थे।
कोर्ट ने रद्द किया फैसला
हाईकोर्ट का फैसला रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रबी साहू को वकील के रूप में पंजीकृत करने का निर्देश देना अनुचित था। वह भी इस तथ्य को जानते हुए कि उसने बार द्वारा मान्यता प्राप्त कॉलेज से डिग्री प्राप्त नहीं की थी। इसलिए उच्च न्यायालय के निर्देशों को अनुचित कहने में हमें हिचकिचाहट नहीं है। बता दें, मामले में स्टेट बार काउंसिल और साहू दोनों ही सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं हुए थे।
2009 में किया था कोर्स
पीठ के अनुसार, साहू ने साल 2009 में ओडिशा के अंगुल स्थित विवेकानंद लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की थी। विवेकानंद कॉलेज को बार काउंसिल ने मान्यता नहीं दी थी। बार काउंसिल ने जनवरी 2022 में विवेकानंद कॉलेज को निर्देश दिया था कि आप अपने महाविद्यालय में छात्रों को दाखिला न दें। ताकि, यह स्पष्ट हो जाए कि आपके महाविद्यालय के बच्चे अधिवक्ता के रूप में नहीं दर्ज हो पाएंगे। बार ने 2011 में भी राज्य बार काउंसिल को सूचना दी थी कि विवेकानंद कॉलेज को मान्यता नहीं है।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।