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Supreme Court and High court hearing, decision Live News Updates Today
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Supreme Court: हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण मामले की सुनवाई दो मई को, राणा अय्युब को कोर्ट से झटका
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Tue, 07 Feb 2023 11:00 PM IST
सार
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गाजियाबाद की विशेष अदालत ने पत्रकार को समन भेजकर 27 जनवरी को पेश होने को कहा था। इसके खिलाफ राणा अय्यूब ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने पहले समन पर स्टे दे दिया था, लेकिन अब याचिका खारिज कर दी है।
पत्रकार राणा अय्यूब को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने गाजियाबाद की विशेष अदालत द्वारा राणा अय्यूब को जारी समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने राणा अय्यूब की याचिका भी खारिज कर दी है। अब रााणा अय्यूब को विशेष अदालत के सामने पेश होना होगा। गाजियाबाद की विशेष अदालत ने पत्रकार को समन भेजकर 27 जनवरी को पेश होने को कहा था। इसके खिलाफ राणा अय्यूब ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने पहले समन पर स्टे दे दिया था, लेकिन अब याचिका खारिज कर दी है।
क्या है राणा अय्यूब पर आरोप?
राणा अय्यूब ने कथित रूप से एक ऑनलाइन क्राउड-फंडिंग प्लेटफॉर्म, 'केटो' के जरिए अभियान चलाकर चैरिटी के नाम पर आम जनता से अवैध रूप से धन इकट्ठा किया। ईडी के मुताबिक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जुटाई गई धनराशि राणा अय्यूब के पिता और बहन के खाते में ट्रांसफर की गई थी। अय्यूब ने अपने लिए 50 लाख रुपये की एफडी भी बनवाई थी। जबकि चैरिटी के लिए लगभग 29 लाख रुपये का इस्तेमाल किया था।
सलमान खुर्शीद
- फोटो : सोशल मीडिया
हल्द्वानी मामले में सुनवाई टली
हल्द्वानी में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई नहीं हो पाई। राज्य और केंद्र सरकार ने इस मामले में कोर्ट से आठ हफ्ते का समय मांगा था जो उन्हें दिया गया है। अब अगली सुनवाई दो मई 2023 को होगी। ये जानकारी याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने दी।
टाइगर सफारी
- फोटो : अमर उजाला
सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने टाइगर सफारी को लेकर केंद्र सरकार को दिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाए गए पैनल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को जू और सफारी को लेकर बनाई गई गाइडलाइन में संशोधन या वापस लेने के निर्देश दिए हैं। पिछले महीने शीर्ष अदालत को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) ने यह भी कहा कि बाघ अभयारण्यों और संरक्षित क्षेत्रों के भीतर चिड़ियाघरों और सफारी की स्थापना के लिए दी गई मंजूरी को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि अनुमति केवल एक ही परिदृश्य से घायल या अक्षम जानवरों के बचाव और पुनर्वास से जुड़ी गतिविधियों के लिए दी जा सकती है।
सदन की कार्यवाही चलती हुई
- फोटो : अमर उजाला
एमसीडी में मेयर चुनाव के मामले पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को करेगा सुनवाई
दिल्ली में एमसीडी मेयर के चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। कोर्ट बुधवार को इस मामले पर सुनवाई करेगा। यह याचिका आम आदमी पार्टी की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय और अन्य ने दाखिल की है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेपी पारदीवाला ने याचिका पर बुधवार को सुनवाई करने का आदेश दिया है। बता दें कि सोमवार को भी तीसरी बार एमसीडी मेयर का चुनाव नहीं हो सका। दरअसल एलजी द्वारा नामित एल्डरमैन के मेयर चुनाव में वोट देने के निर्देश पर विवाद हो गया है और भाजपा और आप एक दूसरे पर मेयर चुनाव को रोकने का आरोप लगा रही हैं।
पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया मामले में चार सप्ताह बाद सुनवाई
पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया माममे में पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है। कोर्ट इस मामले में चार सप्ताह बाद सुनवाई करेगा। पंजाब सरकार ने मजीठिया को जमानत देने के पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील की है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से वन्यजीवों के आवास में टाइगर सफारी, चिड़ियाघरों की अनुमति देने वाले दिशानिर्देशों को वापस लेने का निर्देश दिया है।
विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंची तेलंगाना सरकार
तेलंगाना सरकार ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) विधायकों की खरीद-फरोख्त के कथित प्रयासों की सीबीआई जांच वाले हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। प्रदेश सरकार ने मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की है। तेलंगाना हाईकोर्ट की खंड पीठ ने सोमवार को इस मामले की जांच राज्य पुलिस की एसआईटी से सीबीआई को स्थानांतरित करने के एकल-न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया था।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने याचिका का उल्लेख करते हुए कहा, राज्य सरकार को अस्थिर करने के इरादे से एफआईआर दर्ज की गई। उन्होंने कहा, एकल जज की पीठ ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था और बड़ी पीठ ने यह कहते हुए इसे बरकरार रखा कि राज्य सरकार की अपील सुनवाई योग्य नहीं है। दवे ने कहा, यह मामला गंभीर है और इस पर तत्काल सुनवाई होनी चाहिए। अगर सीबीआई जांच में आती है तो सब कुछ विफल हो जाएगा। पीठ ने दवे से बुधवार को फिर याचिका का उल्लेख करने को कहा।
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