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Shaligram Stone: अयोध्या पहुंची शालिग्राम शिला का क्या है धार्मिक महत्व, क्यों इन्हें नेपाल से ही लाया गया?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवेंद्र तिवारी Updated Thu, 02 Feb 2023 08:05 PM IST
सार

शालिग्राम शिलाएं नेपाल की पवित्र काली गंडकी नदी से निकाली गई हैं। बिहार के रास्ते यूपी के कुशीनगर और गोरखपुर होते हुए बुधवार को ये शिलाएं अयोध्या पहुंचीं। इन्हें भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। 
 

शालिग्राम शिला
शालिग्राम शिला - फोटो : AMAR UJALA

विस्तार

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के निर्माणाधीन मंदिर में स्थापित होने वाली दो शालिग्राम शिलाएं अयोध्या आ गई है। भगवान विष्णु का स्वरूप मानी जाने वाली इन शिलाओं का रामनगरी में भव्य अभिनंदन किया गया। कहा जाता है कि ये शिलाएं करीब छह करोड़ साल पुरानी हैं। दोनों शिलाएं 40 टन की हैं। एक शिला का वजन 26 टन जबकि दूसरे का 14 टन है। 

शालिग्राम क्या है? शालिग्राम शिला चर्चा में क्यों है? शिला का धार्मिक महत्व क्या है? इन्हें अयोध्या क्यों लाया गया ? आइए जानते हैं सभी सवालों के जवाब… 

 

शालिग्राम शिला
शालिग्राम शिला - फोटो : ANI
शालिग्राम शिला चर्चा में क्यों है?
नेपाल की पवित्र काली गंडकी नदी से ये पत्थर निकाले गए हैं। वहां अभिषेक और विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद शिला को 26 जनवरी को सड़क मार्ग से अयोध्या के लिए रवाना किया गया। बिहार के रास्ते यूपी के कुशीनगर और गोरखपुर होते हुए बुधवार को ये शिलाएं अयोध्या पहुंचीं। शिलायात्रा जहां-जहां से गुजरी उसका भव्य स्वागत हुआ। जानकारी के मुताबिक, शालिग्राम शिलाओं को रामसेवकपुरम स्थित कार्यशाला में रखा जाएगा।
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