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Shahu Maharaj Jayanti 2020 in Hindi know some interesting facts about maratha king who feel pain of dalits
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Shahu Maharaj Jayanti 2020: शाहू महाराज की जयंती पर जानें उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: Sneha Baluni
Updated Fri, 26 Jun 2020 02:35 PM IST
-शाहू महाराज जयंती 2020 (फाइल फोटो)
- फोटो : Social Media
छत्रपति शाहू जी महाराज मराठा के भोसले राजवंश के राजा और कोल्हापुर की भारतीय रियासतों के महाराजा थे। असल में उन्हें लोकतांत्रिक और सामाजिक सुधारक माना जाता था। उनका जन्म 26 जून 1874 में हुआ था। उनके बचपन का नाम यशवंत राव था। उनके पिता का नाम श्रीमंत जयसिंह राव आबासाहब घाटगे था।
छत्रपति शाहू ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने राजा होने के बावजूद दलित और शोषित वर्ग के कष्ट को समझा और उनसे हमेशा निकटता बनाए रखी। शाहू जी महाराज ने दलित वर्ग के बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की थी। उन्होंने गरीब छात्रों के लिए छत्रावास स्थापित किए और बाहरी छात्रों को शरण प्रदान करने के आदेश दिए।
ईमानदारी से उनके शासन के दौरान ‘बाल विवाह’ पर प्रतिबंधित लगाया गया था। छत्रपति शिवाजी महाराज (प्रथम) के दूसरे पुत्र के वंशज शिवाजी चतुर्थ कोल्हापुर में शासन करते थे। 10 मई, 1922 को मुंबई में उनका निधन हो गया था। उन्होंने पुनर्विवाह को कानूनी मान्यता दी थी। समाज के किसी भी वर्ग से उन्हें किसी तरह का द्वेष नहीं था।
शाहू जी महाराज के मन में दलित वर्ग के प्रति गहरा लगाव था। दलितों की दशा में बदलाव लाने के लिए उन्होंने दो ऐसी विशेष प्रथाओं का खात्मा किया। पहला, 1917 में उन्होंने 'बलूतदारी' प्रथा का अंत किया था। इसके तहत किसी अछूत को थोड़ी सी जमीन देकर उससे और उसके परिवार वालों से पूरा गांव मुफ्त सेवाएं लेता था।
दूसरा, 1918 में उन्होंने कानून बनाकर राज्य की एक और पुरानी प्रथा 'वतनदारी’ का अंत किया। भूमि सुधार करके उन्होंने महारों को भू-स्वामी बनने का हक दिलाया। सन 1902 में शाहू जी महाराज इंग्लैंड गए थे। वहीं से उन्होंने एक आदेश जारी करके कोल्हापुर के अंतर्गत शासन-प्रशासन के 50 प्रतिशत पदों को पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित कर दिया था।
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