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SCO meeting delhi nsa ajit doval said india committed to instc inclusion of chabahar port
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SCO: एनएसए की बैठक में जमकर गरजे डोभाल, पाकिस्तान-चीन के NSA के सामने उठाया आतंकवाद-सैनिकों की घुसपैठ का मामला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Wed, 29 Mar 2023 01:15 PM IST
सार
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अजीत डोवाल ने कहा कि भारत जून 2017 में शंघाई सहयोग संगठन का सदस्य बना था लेकिन इसके सदस्यों देशों से हमारे संबंध कई सदी पुराने हैं।
शंघाई सहयोग संगठन की बैठक दिल्ली में आयोजित हो रही है। आज शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक हो रही है। इस बैठक में शामिल होने के लिए कई देशों के एनएसए भारत आए हुए हैं। भारत की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल हुए हैं। बैठक के दौरान अपने संबोधन में अजीत डोवाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर में अपने दायित्वों का निर्वहन करेगा और उसमें चाबहार बंदरगाह को शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत जून 2017 में शंघाई सहयोग संगठन का सदस्य बना था लेकिन इसके सदस्यों देशों से हमारे संबंध कई सदी पुराने हैं।
क्या है INSTC
बता दें कि उत्तर दक्षिण ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर भारत से रूस के बीच का कॉरिडोर है, जो ईरान से होकर गुजरता है। इस कॉरिडोर का उद्देश्य भारत और रूस के बीच ट्रांसपोर्ट की लागत को कम करना और समय की अवधि को भी कम करना है। 7200 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में सड़कें, रेल और समुद्री रास्ता शामिल है। यह कॉरिडोर सेंट्रल एशिया और ईरान के जरिए भारत और रूस को जोड़ता है। भारत की कोशिश है कि ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह को भी इस कॉरिडोर में शामिल किया जाए। बता दें कि चाबहार बंदरगाह भारत द्वारा विकसित किया जा रहा है और रणनीतिक रूप से यह बंदरगाह भारत के लिए बेहद अहम है।
आठ सदस्य देश हैं शंघाई सहयोग संगठन में
इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के शीर्ष अधिकारियों का स्वागत किया। इस बार भारत इसकी अध्यक्षता कर रहा है। साल 2001 में गठित किए गए शंघाई सहयोग संगठन में आठ सदस्य देश हैं, जिनमें भारत, चीन, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। वहीं चार देश पर्यवेक्षक हैं, जिनमें अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया का नाम शामिल है। इस संगठन के छह डायलॉग पार्टनर आर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्किए शामिल हैं।
चीन और पाकिस्तान के प्रतिनिधि नहीं आए भारत
दिल्ली में आयोजित हो रही बैठक में चीन और पाकिस्तान के प्रतिनिधि नहीं पहुंचे और दोनों देशों के प्रतिनिधि वर्चुअली बैठक से जुड़े हैं। एससीओ की मुख्य बैठक गोवा में होनी है। उससे पहले 27-29 अप्रैल तक शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक होगी। इससे पहले पाकिस्तान ने काशी में आयोजित एससीओ के पर्यटन प्रशासन के प्रमुखों की बैठक में अपना प्रतिनिधि भेजा था। रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भी पाकिस्तान को निमंत्रण भेजा गया है।
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