रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के लिए कामोव हेलीकॉप्टर के निर्माण की खातिर भारत-रूस संयुक्त उपक्रम बनाने को आखिरकार मंजूरी दे दी। एक अरब डॉलर का यह रक्षा सौदा 2015 में हुआ था।
गत वर्ष अक्टूबर में भारत और रूस ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और रक्षा उपकरण बनाने वाली दो दिग्गज रूसी कंपनियों के संयुक्त उपक्रम के लिए विस्तृत समझौते को अंतिम रूप दिया था। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि एचएएल, रशियन हेलीकॉप्टर्स और रोसोबोरोनेक्सपोर्ट संयुक्त उपक्रम की स्थापना के लिए औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे।
60 कामोव-226टी हेलीकॉप्टर भारत को तैयार हालत में मिलेंगे जबकि 140 हेलीकॉप्टरों का निर्माण भारत में किया जाएगा। इस परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि एक बार संयुक्त उपक्रम की स्थापना होने के बाद भारत सरकार नई संस्था के बोर्ड मेंबरों के साथ बातचीत शुरू करेगी।
इसमें तकनीक, तकनीक के हस्तांतरण, भारत में बनाए जाने वाले हेलीकॉप्टरों की मूल संख्या और अन्य मामले शामिल हैं। इस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिसंबर 2015 की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर हुए थे।
रशियन हेलीकॉप्टर्स, रोसोबोरोनेक्सपोर्ट और एचएएल कॉर्पोरेशन ने गत वर्ष अक्टूबर में कामोव-226टी के उत्पादन और उन्हें भारतीय बाजार में उपलब्ध कराने के लिए संयुक्त उपक्रम की औपचारिकताओं को लगभग पूरा कर लिया था। एक बार संयुक्त उपक्रम बन जाने के बाद यह अपने ग्राहकों और मूल कंपनियों के साथ शर्तों पर बातचीत कर सकता है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के लिए कामोव हेलीकॉप्टर के निर्माण की खातिर भारत-रूस संयुक्त उपक्रम बनाने को आखिरकार मंजूरी दे दी। एक अरब डॉलर का यह रक्षा सौदा 2015 में हुआ था।
गत वर्ष अक्टूबर में भारत और रूस ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और रक्षा उपकरण बनाने वाली दो दिग्गज रूसी कंपनियों के संयुक्त उपक्रम के लिए विस्तृत समझौते को अंतिम रूप दिया था। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि एचएएल, रशियन हेलीकॉप्टर्स और रोसोबोरोनेक्सपोर्ट संयुक्त उपक्रम की स्थापना के लिए औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे।
60 कामोव-226टी हेलीकॉप्टर भारत को तैयार हालत में मिलेंगे जबकि 140 हेलीकॉप्टरों का निर्माण भारत में किया जाएगा। इस परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि एक बार संयुक्त उपक्रम की स्थापना होने के बाद भारत सरकार नई संस्था के बोर्ड मेंबरों के साथ बातचीत शुरू करेगी।
इसमें तकनीक, तकनीक के हस्तांतरण, भारत में बनाए जाने वाले हेलीकॉप्टरों की मूल संख्या और अन्य मामले शामिल हैं। इस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिसंबर 2015 की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर हुए थे।
रशियन हेलीकॉप्टर्स, रोसोबोरोनेक्सपोर्ट और एचएएल कॉर्पोरेशन ने गत वर्ष अक्टूबर में कामोव-226टी के उत्पादन और उन्हें भारतीय बाजार में उपलब्ध कराने के लिए संयुक्त उपक्रम की औपचारिकताओं को लगभग पूरा कर लिया था। एक बार संयुक्त उपक्रम बन जाने के बाद यह अपने ग्राहकों और मूल कंपनियों के साथ शर्तों पर बातचीत कर सकता है।