Hindi News
›
India News
›
RSS explained meaning of 'Pandit' after Mohan Bhagwat statement News in Hindi
{"_id":"63e0bacd1ff16b44154942b4","slug":"rss-explained-meaning-of-pandit-after-mohan-bhagwat-statement-news-in-hindi-2023-02-06","type":"story","status":"publish","title_hn":"Mohan Bhagwat: भागवत के बयान के बाद संघ ने बताया 'पंडित' का अर्थ, जानें RSS प्रमुख ने क्या कहा था","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Mohan Bhagwat: भागवत के बयान के बाद संघ ने बताया 'पंडित' का अर्थ, जानें RSS प्रमुख ने क्या कहा था
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Mon, 06 Feb 2023 02:41 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा था कि सत्य ही ईश्वर है। सत्य कहता है कि मैं सर्वभूति हूं, रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है, ऊंच-नीच नहीं है, शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते हैं, वो झूठ है। जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंच-नीच में अटक कर हम गुमराह हो गए, भ्रम दूर करना है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत
- फोटो : सोशल मीडिया
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बयान को लेकर संगठन ने स्पष्टीकरण दिया है। दरअसल, भागवत ने मुंबई के एक कार्यक्रम में कहा था कि सत्य ही ईश्वर है। सत्य कहता है कि मैं सर्वभूति हूं, रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है, ऊंच-नीच नहीं है, शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते हैं, वो झूठ है। जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंच-नीच में अटक कर हम गुमराह हो गए, भ्रम दूर करना है।
बयान में कहे 'पंडित' शब्द को लेकर कई लोग विरोध जता रहे थे। इस पर संघ नेता सुनील आंबेडकर ने स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत संत रविदास जयंती कार्यक्रम में थे। उन्होंने 'पंडित' का उल्लेख किया, जिसका अर्थ है 'विद्वान'। सत्य यह है कि मैं सब प्राणियों में हूं, इसलिए रूप नाम कुछ भी हो, लेकिन योग्यता एक है। मान सम्मान एक है। सबके बारे में अपनापन हैं। कोई भी ऊंचा-नीचा नहीं है। शास्त्रों का आधार लेकर कुछ विद्वान लोग, जो जातिआधारीत ऊंच-नीच की बात कहते हैं, वह झूठ है।
#WATCH | "He(Mohan Bhagwat)was at the Sant Ravidas Jayanti event. He mentioned 'Pandit', meaning 'Vidvaan' (scholars)...Some Pandits speak of caste-based divides on basis of Shaastras,it's a lie. It's his exact statement..,"RSS leader Sunil Ambekar clarifies RSS chief's statement pic.twitter.com/Qak98GkT02
उन्होंने कहा था कि संत रविदास ने कहा कर्म करो, धर्म के अनुसार कर्म करो। पूरे समाज को जोड़ो, समाज में उन्नति के लिए काम करना यही धर्म है। सिर्फ अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही धर्म नहीं है और यही वजह है कि समाज के बड़े-बड़े लोग संत रविदास के भक्त बनें।
भागवत ने कहा था कि लोग चाहे किसी भी तरह का काम करें, उसका सम्मान होना चाहिए। श्रम के लिए सम्मान की कमी बेरोजगारी के कारणों में से एक है। कार्य के लिए चाहे शारीरिक श्रम की आवश्यकता हो या बुद्धि की, चाहे उसके लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता हो या सॉफ्ट स्किल्स की- सभी का सम्मान किया जाना चाहिए।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।