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गर्भ संस्कार: 'गर्भावस्था में रामायण-गीता पढ़ने के लिए करेंगे प्रेरित', राष्ट्रीय सेविका संघ ने कही बड़ी बात

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: जलज मिश्रा Updated Sat, 10 Jun 2023 05:57 PM IST
सार

न्यास विंग ने शुक्रवार को बताया कि रविवार से इस योजना को पूरे देश में लागू किया जाएगा। हम गर्भवती महिलाओं को धार्मिक ग्रंथ, जैसे भगवद्गीता और रामायण पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उन्हें मंत्रोच्चारण और योग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इससे जब उनकी संतान होगी तो वह देशभक्त और संस्कारी होंगे।

RSS affiliated body will launch Garbh Sanskar campaingn for pregnant women to reads Ramayana and Gita
अब विकसित होंगे कृत्रिम भ्रूण - फोटो : Pixabay

विस्तार
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार की राष्ट्र सेविका संघ रविवार को एक नया कैंपेन लॉन्च करने वाली है। इसके तहत संघ गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान धार्मिक ग्रंथ पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी। सेविका संघ की संवर्धिनी न्यास विंग के डॉक्टर्स पूरे देश में इस योजना को लागू करने में मदद करेंगे। संघ का कहना है कि गर्भ संस्कार एक पवित्र और वैज्ञानिक पद्धति से गर्भावस्था के लिए तैयार किया गया है।

खाने और माहौल के बारे में भी दी जानकारी
न्यास विंग ने शुक्रवार को बताया कि रविवार से इस योजना को पूरे देश में लागू किया जाएगा। हम गर्भवती महिलाओं को धार्मिक ग्रंथ, जैसे भगवद्गीता और रामायण पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उन्हें मंत्रोच्चारण और योग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इससे जब उनकी संतान होगी तो वह देशभक्त और संस्कारी होंगे। पवित्र और वैज्ञानिक पद्धति से कोख में पल रहे बच्चे को संस्कृति और मूल्यों और इतिहास की जानकारी दी जाएगी और बच्चे के दो साल होने तक ऐसा किया जाएगा। इससे बालक-बालिका देशभक्त होंगे और संस्कारी बनेंगे। न्यास विंग इसके साथ ही महिलाओं और उनके परिजनों को अच्छे खाने और माहौल के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। न्यास का कहना है कि उन्होंने देश को पांच क्षेत्रों में बांटा है। हर क्षेत्रों में 10-10 डॉक्टर्स होंगे। हर एक डॉक्टर अपने क्षेत्र की 20 गर्भवती महिलाओं को गर्भ संस्कार योजना से जोड़ेंगे।

नॉर्मल डिलीवरी के लिए कराएंगे योग
न्यास के अनुसार, महिलाओं को मंत्रोच्चारण, गीता और रामायण सहित अन्य धार्मिक ग्रंथों से जोड़ा जाएगा। मंत्र चूंकि संस्कृत में होते हैं, इसलिए यह स्वास्थ्य और अजन्मे बच्चे के लिए लाभदायक है। इससे बच्चे का पूर्ण रूप से विकास होगा। वैज्ञानिकों ने भी माना है कि चार महीने बाद से बच्चा गर्भ में सुनना शुरू कर देता है। इस वजह से परिवार सही समय में उससे बात कर सकते हैं, जिसके लिए हम उसे निर्देश भी देते रहेंगे। परिजन बच्चों को अपने परिवार, भारत, अपने राज्य, भारत के बड़े व्यक्तित्व के बारे में अपने संस्कृतियों के बारे में बताएंगे। महिलाओं को योगा सिखाया जाएगा, इससे डिलीवरी के दौरान उन्हें आराम मिलेगा।

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