Hindi News
›
India News
›
Rival Shiv Sena factions make written submissions before Election Commission
{"_id":"63d80c85bd60e3138f4d03d3","slug":"rival-shiv-sena-factions-make-written-submissions-before-election-commission-2023-01-30","type":"story","status":"publish","title_hn":"Shiv Sena: शिवसेना के दोनों गुटों ने चुनाव आयोग के सामने लिखित में अंतिम दलील दी, संगठन और चुनाव चिह्न पर दावा","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Shiv Sena: शिवसेना के दोनों गुटों ने चुनाव आयोग के सामने लिखित में अंतिम दलील दी, संगठन और चुनाव चिह्न पर दावा
पीटीआई, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 31 Jan 2023 12:12 AM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
लोकसभा में शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता राहुल शेवाले ने कहा कि हमें आशा है कि चुनाव आयोग इस मामले में जल्द फैसला लेगा। पिछले साल नवंबर में चुनाव आयोग ने शिवसेना के दोनों गुटों से कहा था कि वे पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर अपना दावा जताने के लिए नए दस्तावेज पेश करें।
उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे।
- फोटो : Twitter@CMO Maharashtra
शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट ने सोमवार को चुनाव आयोग के सामने पार्टी संगठन और चुनाव चिह्न पर अपना दावा जताते हुए अंतिम दस्तावेज पेश किए। दोनों गुटों ने पार्टी के चिन्ह के रूप में 'धनुष और तीर' और पार्टी संगठन पर अपना दावा जताते हुए निर्वाचन आयोग के सामने लिखित में अपनी बात रखी। लिखित दलीलें उनके संबंधित वकीलों के माध्यम से दायर की गईं। सोमवार को दस्तावेज पेश करने का आखिरी दिन था।
लोकसभा में शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता राहुल शेवाले ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि निर्वाचन आयोग जल्द फैसला लेगा। 20 जनवरी को प्रतिद्वंद्वी गुटों ने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी दलीलें पूरी कर ली थीं। दोनों पक्षों ने अपने दावे का समर्थन करने के लिए पिछले कुछ महीनों में चुनाव आयोग को हजारों दस्तावेज जमा किए हैं और तीन मौकों पर आयोग के सामने अपने संबंधित मामलों पर बहस की है।
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिराने के बाद एकनाथ शिंदे पिछले साल जून में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के लिए शिवसेना से बाहर चले गए थे। तब से शिवसेना के शिंदे और ठाकरे गुटों के बीच संगठन पर नियंत्रण की लड़ाई चल रही है। पिछले साल नवंबर में चुनाव आयोग ने शिवसेना के दोनों गुटों से कहा था कि वे पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर अपना दावा जताने के लिए नए दस्तावेज पेश करें। आयोग ने उन्हें सौंपे गए दस्तावेजों को आपस में बदलने को भी कहा था।
पिछले साल अक्तूबर में एक अंतरिम आदेश में, चुनाव आयोग के मतदान पैनल ने दोनों गुटों को पार्टी के नाम या उसके 'धनुष और तीर' चिन्ह का उपयोग करने से रोक दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने ठाकरे गुट के लिए पार्टी के नाम के रूप में 'शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे' और शिंदे समूह को नाम के रूप में 'बालासाहेबंची शिवसेना' (बालासाहेब की शिवसेना) आवंटित किया था।साथ ही चुनाव आयोग ने कहा था कि अंतरिम आदेश विवाद के अंतिम निर्णय तक लागू रहेगा।
बता दें कि शिंदे ने शिवसेना के 56 में से 40 विधायकों और उसके 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 के समर्थन का दावा करते हुए ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में ठाकरे के इस्तीफे के बाद शिंदे को भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया गया था। चुनाव चिह्न आदेश के अनुच्छेद 15 में वर्गों या समूहों के प्रतिनिधियों की सुनवाई का प्रावधान है।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।