मानहानि मामले में दो साल की सजा होने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। अब अगर राहुल गांधी को ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिली तो जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक राहुल गांधी पर छह साल के लिए चुनाव लड़ने पर भी रोक लग जाएगी। इस फैसले से राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। विभिन्न नेता इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने पर कहा 'राहुल को सच बोलने की सजा मिली है। राहुल देश के सामने सच्चाई रख रहे थे। सरकार को जिन्हें नहीं सुनना है, उन्हें वह सदन के बाहर कर रही है। लेकिन हम सदन के अंदर भी बोलेंगे, सदन के बाहर भी बोलेंगे।'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट में लिखा कि 'जैसी भाजपा, संघ और मोदी जी से उम्मीद थी, मोदी अदाणी संबंधों पर वो राहुल गांधी को संसद में बोलने नहीं देंगे, वही हुआ। राहुल जी के चार साल पुराने बयान पर उनकी संसद की सदस्यता समाप्त कर दी। लोकतंत्र के मंदिर में नहीं बोलने दोगे तो जनता की अदालत में जाएंगे।'
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कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'हमारी ये लड़ाई कानूनी और राजनीतिक तौर पर जारी रहेगी। हम इससे डरेंगें और चुप नहीं होंगे। जयराम रमेश ने लिखा कि अदाणी मामले पर जेपीसी का गठन करने के बजाय राहुल गांधी के पक्ष को निरस्त कर दिया!'
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि मैं इस कार्रवाई की तेजी से हैरान हूं। कोर्ट के फैसले के 24 घंटे के भीतर ही यह कार्रवाई की गई है, जब कि इस मामले में अपील लंबित है। उन्होंने कहा कि यह ओछी राजनीति है और लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।
कांग्रेस साफ करे, वह किसका विरोध कर रही : जोशी
यह कानूनी निर्णय है न कि राजनीतिक दल की ओर से लिया गया फैसला। कांग्रेस को साफ करना चाहिए कि वे किसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
- प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्यमंत्री
माफी मांग लेते तो अयोग्यता की स्थिति ही नहीं आती : अठावले
यदि राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र के बारे में अपनी कथित आलोचनात्मक बयान के लिए माफी मांग ली होती तो उन्हें लोकसभा से अयोग्य नहीं ठहराया जाता। राहुल कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं और वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि विदेश यात्रा के दौरान उन्हें देश के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए।
- रामदास अठावले, केंद्रीय मंत्री
ओबीसी को गाली देना गलत : भूपेंद्र
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने राहुल गांधी की सजा पर सवाल उठाए जाने पर कांग्रेस को निशाना बनाया है। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस और राहुल देश के कानून से ऊपर हैं? क्या राष्ट्रीय नेता का काम ओबीसी समाज के एक उपनाम को गाली देना और उसका अपमान करना है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राहुल देश में पूरे ओबीसी समुदाय को गाली देने के दोषी हैं। उन्होंने कहा कि अदालत ने कानूनी प्रक्रिया का पालन कर राहुल को दोषी ठहराया, लेकिन उनकी पार्टी और वह अपने अहंकार के कारण फैसले को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
देश की जनता प्रधानमंत्री का अपमान सहन नहीं कर सकती: शिंदे
देश की जनता प्रधानमंत्री का अपमान सहन नहीं कर सकती। इसलिए सभी को तोलमोल कर बोलना चाहिए। दरअसल, कांग्रेस के नाना पटोले ने विधानसभा में राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने का विरोध करते हुए सरकार की निंदा की और सदन का बहिष्कार किया।
- एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र मुख्यमंत्री
कार्रवाई राजनीतिक नहीं
राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराने की कार्रवाई कोर्ट के फैसले के परिणामस्वरूप है न कि राजनीतिक। अयोग्यता वैध है और हर कोई कानून के समक्ष समान है। सभी को न्यायपालिका के आदेश का सम्मान करना चाहिए।
- एसपी बघेल, केंद्रीय मंत्री
मोदी के नए भारत में निशाने पर सिर्फ विपक्षी नेता : ममता
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट किया कि पीएम मोदी के नए भारत में विपक्षी नेता ही निशाने पर हैं। आपराधिक रिकॉर्ड वाले भाजपा नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है। लोकतंत्र नए निचले स्तर पर पहुंच गया है।
राहुल का निष्कासन चौंकाने वाला: केजरीवाल
राहुल का निष्कासन चौंकाने वाला है। देश बहुत कठिन दौर से गुजर रहा है। देश को इन्होंने डराकर रखा हुआ है। 130 करोड़ लोगों को इनकी सत्ता के खिलाफ एकत्र होना होगा। -अरविंद केजरीवाल, सीएम दिल्ली
सजा की हमें जानकारी : संयुक्त राष्ट्र
राहुल गांधी की सजा के मामले में संयुक्त राष्ट्र भी कूद पड़ा। इस वैश्विक संस्था के प्रमुख एंटोनियो गुटेरस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हुई दो साल की सजा की जानकारी संयुक्त राष्ट्र को है। हम समझते हैं कि उनकी पार्टी इस फैसले के खिलाफ अपील की तैयार कर रही है। हम फिलहाल इतना ही कह सकते हैं।
लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता गांधीवादी विचारधारा के साथ गहरा विश्वासघात : अमेरिकी सांसद रो खन्ना
भारतीय मूल के प्रभावशाली अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाना गांधीवादी विचारधारा के साथ ‘गहरा विश्वासघात’ है। रो खन्ना ने ट्वीट किया, राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना गांधीवादी दर्शन और भारत के गहरे मूल्यों के साथ गहरा विश्वासघात है।
उन्होंने कहा, यह वह नहीं है, जिसके लिए मेरे दादाजी ने अपनी जिंदगी के कई साल जेल में कुर्बान कर दिए थे। रो खन्ना अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में सिलिकॉन वैली का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह भारत और भारतीय-अमेरिकियों पर अमेरिकी संसद के कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
रो खन्ना ने एक अन्य ट्वीट में कहा, भारतीय लोकतंत्र के हित के लिए आपके पास इस फैसले को पलटने की शक्ति है। वहीं, अमेरिका में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के उपाध्यक्ष जॉर्ज अब्राहम ने राहुल की अयोग्यता को भारत में लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन करार दिया। उन्होंने कहा, यह भारत में लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन है। राहुल गांधी को अयोग्य ठहराकर, मोदी सरकार हर जगह अभिव्यक्ति की आजादी और भारतीयों की आजादी के अधिकार के लिए मौत की घंटी बजा रही है।