Hindi News
›
India News
›
Rahul Gandhi Lok Sabha Membership revoked Petition filed in Supreme Court challenging automatic disqualificati
{"_id":"641e7c22ce00b7ec5405a545","slug":"rahul-gandhi-lok-sabha-membership-revoked-petition-filed-in-supreme-court-challenging-automatic-disqualificati-2023-03-25","type":"story","status":"publish","title_hn":"Supreme Court: अदालत में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसदी-विधायकी खत्म होने के खिलाफ याचिका दायर, की गई यह मांग","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Supreme Court: अदालत में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसदी-विधायकी खत्म होने के खिलाफ याचिका दायर, की गई यह मांग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Sat, 25 Mar 2023 03:05 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में लोक प्रतिनिधि कानून की धारा 8(3) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है, जिसके तहत किसी भी मामले में कोर्ट द्वारा दोषी पाए गए जनप्रतिनिधि की विधायी संस्थान से सदस्यता अपने आप ही खत्म हो जाती है।
मोदी सरनेम पर मानहानि मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट की ओर से सजा सुनाई गई और इसके ठीक अगले दिन उन्हें लोकसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। अब शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई है, जिसमें मांग की गई है कि विधायी संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधियों को दोषी पाए जाने के बाद उन्हें अपने आप ही अयोग्य घोषित नहीं किया जाना चाहिए।
क्या है याचिका में मांग?
सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में लोक प्रतिनिधि कानून की धारा 8(3) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है, जिसके तहत किसी भी मामले में कोर्ट द्वारा दोषी पाए गए जनप्रतिनिधि की विधायी संस्थान से सदस्यता अपने आप ही खत्म हो जाती है।
याचिकाकर्ता, आभा मुरलीधरन ने यह घोषणा किए जाने का अनुरोध किया कि जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 8(3) के तहत स्वत: अयोग्यता मनमानी और अवैध होने के कारण संविधान के तहत मिली शक्तियों से परे है। याचिका में दावा किया गया है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की विधायी निकायों से स्वत: अयोग्यता उन्हें "उनके निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाताओं द्वारा उन्हें सौंपे गए कर्तव्यों का स्वतंत्र रूप से निर्वहन करने से रोकती है, जो लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है।’’ इस याचिका में केंद्र, निर्वाचन आयोग, राज्यसभा सचिवालय और लोकसभा सचिवालय को पक्षकार बनाया गया है।
राहुल गांधी की सदस्यता क्यों गई?
लोक-प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के मुताबिक, अगर किसी नेता को दो साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे सजा होने के दिन से उसकी अवधि पूरी होने के बाद आगे छह वर्षों तक चुनाव लड़ने पर रोक का प्रावधान है। अगर कोई विधायक या सांसद है तो सजा होने पर वह अयोग्य ठहरा दिया जाता है। उसे अपनी विधायकी या सांसदी छोड़नी पड़ती है।
इसी नियम के तहत राहुल की सदस्यता चली गई। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय कहते हैं कि सूरत की जिस अदालत ने राहुल को सजा सुनाई है, उस अदालत ने राहुल को फैसले के खिलाफ सेशंस कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए एक महीने का समय दिया है। तब तक राहुल की सजा पर रोक है, मतलब वह इस दौरान जेल जाने से बचे रहेंगे।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।