अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के नए निदेशक के लिए नए नामों पर चर्चा शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति (एसीसी) ने एम्स-दिल्ली के निदेशक के चयन के लिए सोमवार को डॉक्टरों के नामों की लंबी सूची की मांग की। आधिकारिक सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी।
गौरतलब है कि एम्स के मौजूदा निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कार्यकाल 24 मार्च, 2022 को ही समाप्त होने वाला था। लेकिन उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया था। इस साल मार्च में खोज-सह-चयन समिति ने तीन डॉक्टरों के नाम चुने थे और ये तीनों नाम एम्स के शीर्ष निर्णय प्राधिकार ‘इंस्टीट्यूट बॉडी’ की मंजूरी मिलने के बाद अंतिम निर्णय के लिए एसीसी के पास भेजे गए थे।
एम्स के जिन तीन डॉक्टरों के नाम की सिफारिश की गई है, उनमें एंडोक्रायनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर निखिल टंडन; एम्स ट्रॉमा सेंटर एवं ऑर्थोंपेडिक विभाग के प्रमुख डॉक्टर राजेश मल्होत्रा और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर प्रमोद गर्ग के नाम शामिल हैं।
आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘...एसीसी के सक्षम प्राधिकार ने मौजूदा प्रस्ताव को लौटाने और ज्यादा नामों वाली सूची विचार के लिए एसीसी के पास भेजने का निर्देश दिया है।’’ कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग मंत्रालय द्वारा 20 जून को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजे गए कार्यालयी परिपत्र का हवाला देते हुए यह बात कही गई है।
बता दें कि एम्स निदेशक पद के लिए नामों को शॉर्ट-लिस्टिंग करने वाली चार सदस्यीय खोज-सह-चयन समिति की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण कर रहे हैं। समिति में भूषण के अलावा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव राजेश एस गोखले, सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन और दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह शामिल हैं।
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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के नए निदेशक के लिए नए नामों पर चर्चा शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति (एसीसी) ने एम्स-दिल्ली के निदेशक के चयन के लिए सोमवार को डॉक्टरों के नामों की लंबी सूची की मांग की। आधिकारिक सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी।
गौरतलब है कि एम्स के मौजूदा निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कार्यकाल 24 मार्च, 2022 को ही समाप्त होने वाला था। लेकिन उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया था। इस साल मार्च में खोज-सह-चयन समिति ने तीन डॉक्टरों के नाम चुने थे और ये तीनों नाम एम्स के शीर्ष निर्णय प्राधिकार ‘इंस्टीट्यूट बॉडी’ की मंजूरी मिलने के बाद अंतिम निर्णय के लिए एसीसी के पास भेजे गए थे।
एम्स के जिन तीन डॉक्टरों के नाम की सिफारिश की गई है, उनमें एंडोक्रायनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर निखिल टंडन; एम्स ट्रॉमा सेंटर एवं ऑर्थोंपेडिक विभाग के प्रमुख डॉक्टर राजेश मल्होत्रा और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर प्रमोद गर्ग के नाम शामिल हैं।
आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘...एसीसी के सक्षम प्राधिकार ने मौजूदा प्रस्ताव को लौटाने और ज्यादा नामों वाली सूची विचार के लिए एसीसी के पास भेजने का निर्देश दिया है।’’ कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग मंत्रालय द्वारा 20 जून को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजे गए कार्यालयी परिपत्र का हवाला देते हुए यह बात कही गई है।
बता दें कि एम्स निदेशक पद के लिए नामों को शॉर्ट-लिस्टिंग करने वाली चार सदस्यीय खोज-सह-चयन समिति की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण कर रहे हैं। समिति में भूषण के अलावा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव राजेश एस गोखले, सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन और दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह शामिल हैं।