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प्रश्नकाल पर रार: विपक्ष के आगे झुकी सरकार, ब्रायन बोले- ये संसद है गुजरात का जिमखाना नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Sneha Baluni
Updated Thu, 03 Sep 2020 03:44 PM IST
संसद का मानसून सत्र शुरू होने में अब कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। कोरोना संकट की वजह से इस बार काफी बदलाव हुए हैं और प्रश्नकाल को हटा दिया गया। इसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमला कर रही थी, जिसके बाद सरकार ने कुछ बदलाव किए हैं। अब संसद सत्र के दौरान लिखित में सवाल पूछे जा सकेंगे जिसका जवाब भी लिखित में ही मिलेगा।
गुरुवार को संसद सत्र से संबंधित एक अधिसूचना जारी की गई। जिसमें कहा गया है कि सांसदों को ये बताया जाता है कि इस बार राज्यसभा में प्रश्नकाल नहीं होगा। ऐसे में सभी सदस्य अपने सवाल पहले दे सकते हैं जिनका उन्हें लिखित जवाब मिलेगा।
टुकड़ों में चीजें देना बंद करें: डेरेक ओ ब्रायन
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'आप प्रश्नकाल की अनुमति नहीं देते हैं, जहां मंत्रियों को सांसदों के सवालों के जवाब देने पड़ते हैं और उन्हें जवाबदेह ठहराया जाता है। अब आप केवल लिखित प्रश्न/ उत्तर की अनुमति देने के लिए कृपा कर रहे हैं। टुकड़ों में चीजें देना बंद करें। ये संसद है गुजरात का जिमखाना नहीं।'
You don’t allow #QuestionHour where ministers have to stand up and answer Qs from MPs and be held accountable. Now you only condescend to allow written Questions/Answers!
Stop throwing crumbs. This is #Parliament Not the Gujarat Gymkhana
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) September 3, 2020
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अपनी नाकामी को छुपाने के लिए कोरोना के बहाने का इस्तेमाल कर रही सरकार: एनसीपी
वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि भाजपा ने संसद के आगामी मानसून सत्र में प्रश्नकाल को रद्द करने के बहाने के रूप में कोविड-19 महामारी का उपयोग कई मोर्चों पर अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए किया है। पार्टी ने अपने सांसदों को केंद्र से सवाल करने के लिए अन्य इलेक्ट्रॉनिक साधनों का उपयोग करने के लिए कहा।
एनसीपी प्रवक्ता महेश तापसे ने आरोप लगाया कि भाजपा कोरोना वायरस महामारी के बहाने का इस्तेमाल करके संसद के मानसून सत्र में प्रश्नकाल को रद्द कर रही है ताकि विभिन्न मोर्चों पर अपनी विफलता को छुपा सके। भाजपा को अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग करना चाहिए ताकि सांसदों को सरकार से सवाल करने के लिए सक्षम बनाया जा सके।
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