Hindi News
›
India News
›
Opposition unity against BJP hinges on Congress in Lok Sabha elections
{"_id":"6474050b3eee7a9e9d07c293","slug":"opposition-unity-against-bjp-hinges-on-congress-in-lok-sabha-elections-2023-05-29","type":"story","status":"publish","title_hn":"Mission 2024: कांग्रेस दिल बड़ा करे तभी विपक्षी एकता के खुलेंगे रास्ते, कर्नाटक के नतीजे के बाद बदली परिस्थिति","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Mission 2024: कांग्रेस दिल बड़ा करे तभी विपक्षी एकता के खुलेंगे रास्ते, कर्नाटक के नतीजे के बाद बदली परिस्थिति
हिमांशु मिश्र, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 29 May 2023 07:21 AM IST
तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और केरल को छोड़ कर इस फॉर्मूले के मुताबिक, कांग्रेस के हिस्से 244 सीटें आती हैं। ऐसे में कांग्रेस अगर दिल बड़ा नहीं करेगी तो विपक्षी एकता असंभव है।
आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता संभव होगी या नहीं, यह कांग्रेस के रुख पर निर्भर करेगा। ममता बनर्जी, शरद पवार और नीतीश कुमार चाहते हैं कि समान विचारधारा वाले दल लोकसभा की 543 में से 474 सीटों पर इकलौता उम्मीदवार खड़ा करें।
तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और केरल को छोड़ कर इस फॉर्मूले के मुताबिक, कांग्रेस के हिस्से 244 सीटें आती हैं। ऐसे में कांग्रेस अगर दिल बड़ा नहीं करेगी तो विपक्षी एकता असंभव है। दरअसल, विपक्षी एकता को लेकर 12 जून को नीतीश की अगुवाई में पटना में विपक्षी दलों की बैठक है, जिसमें राहुल गांधी भी शिरकत करेंगे।
जदयू, एनसीपी और टीएमसी चाहती हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस बड़ा दिल दिखाते हुए तेलंगाना, दिल्ली, आंध्र प्रदेश और केरल को छोड़ कर उन्हीं सीटों पर दावा करे जहां पार्टी बीते चुनाव में पहले या दूसरे नंबर पर थी। इस फॉर्मूले के हिसाब से देखें तो इन चार राज्यों को छोड़ कर कांग्रेस के हाथ 244 सीटें आएंगी। बीते चुनाव में पार्टी इन चार राज्यों को छोड़ कर 192 सीटों पर भाजपा से सीधे मुकाबला कर दूसरे स्थान पर रही थी, जबकि पार्टी को 52 सीटों पर सफलता मिली थी।
जनता परिवार को जोड़ने में भी जुटे हैं नीतीश
विपक्षी एकता के बहाने सबसे बड़ा दांव नीतीश कुमार चल रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा पाले नीतीश विपक्षी एकता के साथ जनता परिवार को एकजुट करना चाहते हैं। बिहार में भाजपा से दूरी बनाने के बाद एकीकरण के लिए नीतीश की रालोद, सपा, जदएस, इनेलो और राजद से कई दौर की बातचीत हुई है। नीतीश को लगता है कि अगर एकीकरण हुआ तो उनका प्रभाव उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और कर्नाटक में बढ़ेगा। जनता दल परिवार में अब पीएम पद के दावेदार नहीं हैं। मुलायम सिंह अब इस दुनिया में नहीं हैं, लालू प्रसाद अस्वस्थ हैं, एचडी देवगौड़ा उम्रदराज हो चुके हैं। इसके अलावा इनकी दूसरी पीढ़ी का सारा ध्यान राज्य की राजनीति पर है।
कर्नाटक के नतीजे के बाद बदली परिस्थिति
कर्नाटक चुनाव से पहले कांग्रेस आत्मसमर्पण की मुद्रा में थी। इससे पहले विपक्षी एकता के लिए हुई बैठक में उसका रुख बेहद रक्षात्मक था। हालांकि कर्नाटक के नतीजे के बाद पार्टी एकता के लिए शर्तें रख रही है। पार्टी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि उसका आप, बीआरएस, केरल में वाम दलों से समझौता नहीं हो सकता। इसी शर्त के मद्देनजर नीतीश, ममता, पवार ने समझौते के लिए 474 सीटों का फार्मूला पेश किया है। जदयू सूत्रों का कहना है कि अगर पटना की बैठक में बात नहीं बनी तो विपक्षी एकता बेहद मुश्किल होगी।
12 जून की बैठक अहम
जदयू सूत्रों का कहना है कि 12 जून को विपक्षी दलों की होने वाली बैठक अहम है। ममता, नीतीश और पवार चाहते हैं कि कांग्रेस इसी बैठक में 474 सीटों में से महज 244 सीटों पर लड़ने के लिए राजी हो जाए। अगर कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं हुई, तो विपक्षी एकता की संभावना धूमिल हो जाएगी। जदयू सूत्रों का कहना है कि केंद्र में सत्ता परिवर्तन की सबसे अधिक जरूरत कांग्रेस को है, ऐसे में उसे ही अपना दिल बड़ा करना चाहिए।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।