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Opposition attacks on Mohan Bhagwat statement on casteism Sanjay Raut said explain to the people in power
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Mohan Bhagwat: जातिवाद पर मोहन भागवत के बयान पर विपक्ष हमलावर, राउत बोले- सत्ता में बैठे लोगों को समझाइए
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Mon, 06 Feb 2023 12:24 PM IST
सार
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राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी आरएसएस प्रमुख की उस टिप्पणी पर कटाक्ष किया, जिसमें लोगों से नौकरियों के पीछे नहीं भागने की अपील की गई थी। उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर साल दो करोड़ नौकरियों के वादे का क्या हुआ?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर विपक्ष ने निशाना साधा है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सांसद संजय राउत ने कहा कि उनकी द्वारा कही गई बातें समाज में एकता रखने के लिए बेहद जरुरी हैं, लेकिन समाज तोड़ने का काम कौन कर रहा है? आपके लोग ही कर रहे हैं। तो सबसे पहले आप यह बात जो लोग सत्ता में बैठे हैं उन्हें समझाइए।
दरअसल, भागवत ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि सत्य ही ईश्वर है, सत्य कहता है कि मैं सर्वभूति हूं, रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है, ऊंच-नीच नहीं है, शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते हैं, वो झूठ है। जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंच-नीच में अटक कर हम गुमराह हो गए, भ्रम दूर करना है।
वहीं, राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी आरएसएस प्रमुख की उस टिप्पणी पर कटाक्ष किया, जिसमें लोगों से नौकरियों के पीछे नहीं भागने की अपील की गई थी। उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर साल दो करोड़ नौकरियों के वादे का क्या हुआ? इससे पहले भागवत ने कहा था कि श्रम के लिए सम्मान की कमी देश में बेरोजगारी के मुख्य कारणों में से एक है। उन्होंने लोगों से उनकी प्रकृति के बावजूद सभी प्रकार के काम का सम्मान करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने नौकरियों के पीछे दौड़ना बंद करने के लिए भी कहा।
मुंबई में एक सार्वजनिक समारोह में भागवत ने कहा था कि किसी भी काम को बड़ा या छोटा नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यह समाज के लिए किया जाता है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग किस तरह का काम करते हैं, इसका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि हर कोई नौकरियों के पीछे भागता है। सरकारी नौकरियां केवल 10 प्रतिशत के आसपास हैं, जबकि अन्य नौकरियां लगभग 20 प्रतिशत हैं। दुनिया का कोई भी समाज 30 प्रतिशत से अधिक नौकरियां पैदा नहीं कर सकता है।
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