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Odisha Train Tragedy: हादसे के बाद मुर्दाघर बनाया गया था स्कूल, अब परिजन बच्चों को भेजने के लिए भी तैयार नहीं

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, बालासोर Published by: शिव शरण शुक्ला Updated Thu, 08 Jun 2023 06:27 PM IST
सार

ओडिशा में बहानगा हाई स्कूल की इमारत को हादसे के बाद अस्थायी तौर पर मुर्दाघर में बदल दिया गया था। दो जून को हुए हादसे के बाद शवों को सबसे पहले 65 साल पुराने इस स्कूल की बिल्डिंग में रखा गया था।

Odisha Train Tragedy: Students scared to join school where bodies of train accident victims were kept
बच्चों में डर का माहौल। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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ओडिशा के बालासोर जिले में बीते सप्ताह हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे की भयावहता ऐसी है कि लोग वहां भी नहीं जाना चाहते जहां शुरआत में मृतकों के शव को रखा गया था। इस हादसे में 288 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। वहीं 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हादसे के बाद जब दुर्घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था तो बचाव दल ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया था और मरने वालों के शवों को पास के एक स्कूल में रखा था। वहीं, अब उस स्कूल के नाम से ही लोगों में दहशत है। बच्चों में इस कदर खौफ है कि वे पढ़ाई के लिए वहां जाना भी नहीं चाहते। वहीं अभिभावकों का तो यह कहना है कि वे अपने बच्चों का स्कूल बदलवा देंगे। 



स्कूल को बनाया गया था अस्थायी मुर्दाघर
दरअसल, ओडिशा में बहानगा हाई स्कूल की इमारत को हादसे के बाद अस्थायी तौर पर मुर्दाघर में बदल दिया गया था। दो जून को हुए हादसे के बाद शवों को सबसे पहले 65 साल पुराने इस स्कूल की बिल्डिंग में रखा गया था। हालांकि, बाद में शवों को भुवनेश्वर में स्थानांतरित कर दिया गया था और स्कूल परिसर को साफ कर दिया गया था। बावजूद इसके छात्र और अभिभावक डरे हुए हैं और दहशत की स्थिति में हैं। छात्रों का कहना है कि उनके लिए यह भूलना मुश्किल है कि हमारे स्कूल की इमारत में इतने सारे शव रखे हुए थे। कुछ माता-पिता अपने बच्चों को बहानागा हाई स्कूल में भेजने के बजाय शिक्षण संस्थान बदलने की भी सोच रहे हैं।


स्कूल में कराया जाएगा आध्यात्मिक कार्यक्रम 
बहानगा हाई स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रमिला स्वैन ने इस बारे में कहा, 'युवा छात्र डरे हुए हैं'।  उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन ने परिसर में आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित करने और कुछ अनुष्ठानों की योजना बनाई है। जिससे बच्चों और उनके अभिभावकों को डर पर काबू पाने में मदद मिल सके। इसके अलावा, स्कूल की बिल्डिंग गिराकर नई बिल्डिंग बनाने की बात भी सामने आई है। 
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