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ओडिशा के बालासोर में कल शाम तीन ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गईं। बहनागा रेलवे स्टेशन के पास हुए भीषण रेल हादसे में 233 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि घायल 900 से ज्यादा यात्रियों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अब इस मामले में उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है। एक अधिकारी ने बताया कि जांच दक्षिण पूर्वी सर्किल के रेलवे सेफ्टी कमिश्नर के नेतृत्व में की जाएगी। बता दें कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत काम करते हैं और ऐसे सभी हादसों की जांच करते हैं।
इंडियन रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा, ए.एम. चौधरी, सीआरएस, एसई सर्कल, दुर्घटना की जांच करेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि मार्ग पर एंटी-ट्रेन टक्कर प्रणाली 'कवच' उपलब्ध नहीं थी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि दुर्घटना कि वजह क्या थी, सूत्रों ने संभावित सिग्नलिंग फेल्योर का संकेत दिया।
इस बीच, इंडियन रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा, बचाव अभियान पूरा हो गया है। अब, हम बहाली का काम शुरू कर रहे हैं। कवच इस मार्ग पर मौजूद नहीं था। जानकारी के मुताबिक, रेलवे अपने पूरे नेटवर्क में कवच (एंटी-ट्रेन टक्कर प्रणाली) स्थापित करने की प्रक्रिया में है।
क्या है कवच ?
कवच उस वक्त अलर्ट करता है जब लोको पायलट किसी सिग्नल (सिग्नल पासड एट डेंजर - एसपीएडी) को पार कर जाता है, जो ट्रेन टक्करों की प्रमुख वजह है। यह सिस्टम लोको पायलट को अलर्ट कर सकता है, ब्रेक पर नियंत्रण कर सकता है। इसके साथ ही यह ट्रेन को निर्धारित दूरी के भीतर उसी लाइन पर दूसरी ट्रेन को नोटिस करने पर ट्रेन को स्वचालित रूप से रोक सकता है।