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Odisha train accident, Possible reasons for the rail accident
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ओडिशा रेल दुर्घटना: हादसे की ये वजहें संभव, जनरल में कितने यात्री थे रेलवे को पता नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बालासोर
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 04 Jun 2023 06:11 AM IST
देश के तीसरे भीषण रेल हादसे से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में शनिवार सुबह उच्चस्तरीय बैठक की। इसके बाद दुर्घटनास्थल पहुंचे और अस्पताल में पीड़ितों का हालचाल लिया।
ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 288 हो गई। दुर्घटना में 1175 लोग घायल भी हुए हैं। इनमें से 382 का इलाज चल रहा है। इनमें दो को छोड़कर सभी की हालत स्थिर है। बाकी घायलों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस बीच, देश के तीसरे भीषण रेल हादसे से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में शनिवार सुबह उच्चस्तरीय बैठक की। इसके बाद दुर्घटनास्थल पहुंचे और अस्पताल में पीड़ितों का हालचाल लिया।
हादसे की ये वजहें संभव
पटरी में दरार : रखरखाव की कमी, पटरी लगाने में गड़बड़ी या ट्रैक जोड़ने वाली जगह के कमजोर होने से गाड़ी के पटरी से उतरने की आशंका बढ़ जाती है।
तकनीकी खामी : पहिया, लोकोमोटिव बीयरिंग, सस्पेंशन में खामी से भी ट्रेन बेपटरी हो सकती है। कंट्रोल रूम या नेटवर्क से संपर्क टूटने के बाद तकनीकी गड़बड़ी से भी हादसा संभव है।
मानवीय भूल : लोको पायलट, गार्ड या किसी अन्य संचालन मैनेजर की चूक से भी हादसे की आशंका रहती है। सुस्त सिग्नल के बावजूद ट्रेन को तेजी से चलाना, संपर्क में गैप, नियमों का पालन न करना भी दुर्घटना की वजह हो सकता है।
तापमान : अत्यधिक गर्मी या ठंड से पटरियों में फैलाव कम और ज्यादा होता है। अधिक बारिश या तेज हवा से पेड़ गिरने से भी हादसा संभव है।
भुवनेश्वर की उड़ानों के किराये नहीं बढ़ाने के निर्देश
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस को भुवनेश्वर आने-जाने वाली उड़ानों के किराये में वृद्धि न करने का निर्देश दिया है। हादसे के कारण टिकट को रद्द करने और यात्रा का पुनर्निधारण करने पर भी कोई अतिरिक्त शुल्क न लेने का निर्देश दिया।
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परिवार के परिवार कुचल गए, हर तरफ पड़े थे शव
कोरोमंडल एक्सप्रेस में सफर कर रहे अनुभव दास ने सोशल मीडिया पर बताया कि मैंने 200 से 250 लोगों को मरते हुए देखा। परिवार के परिवार कुचल गए। ट्रैक पर अंग विहीन शव पड़े थे। चारों तरफ खून ही खून था। ऐसा लग रहा है, जैसे यह मेरा दूसरा जीवन है। अब पता चल रहा है कि जीवन कितना नाजुक है। खुशकिस्मत हूं कि खरोंच तक नहीं आई। अभी तो यही समझ आ रहा है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर कर मालगाड़ी से टकरा गई, जो साथ के लूप ट्रैक पर खड़ी थी।
जनरल में कितने यात्री थे रेलवे को पता नहीं
रेलवे के अनुसार हादसे की शिकार कोरोमंडल एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल के शालीमार से चेन्नई जा रही थी। इसमें आंध्र प्रदेश के 178 यात्री थे। इनमें 114 एसी तृतीय श्रेणी, 38 शयनयान श्रेणी, 17 एसी द्वितीय श्रेणी और 9 एसी प्रथम श्रेणी के यात्री थे। जनरल डिब्बों में कितने यात्री थे, यह रेलवे नहीं बता सका।
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