केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कल रात में प्रभावित इलाके को बहाल किया गया, उसके बाद वहां से 50-60 ट्रेन गुज़र चुकी हैं। स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है। हम यात्रियों के परिवारजनों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।
पेशेवर एजेंसी से छानबीन कराने की जरूरत
बालासोर ट्रेन हादसे की सीबीआई से जांच कराने को लेकर विपक्ष की आलोचना के बीच सरकारी सूत्रों ने सोमवार को कहा कि प्रणाली में जानबूझकर छेड़छाड़ की गई थी। शुरुआती जांच के दौरान सामने आई जानकारी के बाद एक पेशेवर एजेंसी से छानबीन कराने की जरूरत है। जब रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) पहले से ही घटना की जांच कर रहे थे, तब सीबीआई से तफ्तीश कराने पर उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए एक अधिकारी ने संकेत दिया कि प्रारंभिक जांच के बाद जो चीजें सामने आई हैं, उसके मद्देनजर अधिक गहन छानबीन की जरूरत है।
करीब 288 लोगों की गई थी जान
इससे पहले रेलवे ने रविवार को ड्राइवर की गलती और सिस्टम में खराबी से एक तरह से इनकार किया था और संकेत दिया था कि ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना के पीछे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में संभावित तोड़फोड़ और छेड़छाड़ हो सकती है। इस दुर्घटना में कम से कम 288 लोगों की मौत हुई है और 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की है।
51 घंटे बाद ट्रैक शुरू
दुर्घटना प्रभावित खंड से भीषण दुर्घटना के 51 घंटे बाद रविवार को रात करीब 10 बजकर 40 मिनट पर पहली ट्रेन रवाना हुई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक मालगाड़ी को रवाना किया। इस दौरान कई मीडियाकर्मी और रेलवे अधिकारी भी वहां मौजूद रहे। कोयला ले जाने वाली मालगाड़ी विशाखपटनम बंदरगाह से राउरकेला इस्पात संयंत्र के लिए उसी पटरी से रवाना हुई और जहां शुक्रवार को ट्रेन दुर्घटना हुई थी। इसके बाद दो और गाड़ियां निकाली गईं। मौके पर मौजूद वैष्णव भावुक भी हो गए और उनकी आंखों से आंसू छलक आए थे।