विज्ञापन
Hindi News ›   India News ›   North east news and update Committee constituted to review job reservation policy in meghalaya

Meghalaya: नौकरी में आरक्षण नीति की समीक्षा के लिए समिति का गठन, जानिए गारो-खासी जनजाति की खींचतान का कारण

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिलांग Published by: जलज मिश्रा Updated Sat, 27 May 2023 10:08 PM IST
सार

विपक्ष के प्रवक्ता ने कहा कि हम नहीं चाहते कि रोस्टर की समीक्षा में भाग लें। राज्य की जनता चाहती है कि सरकार आरक्षण नीति की समीक्षा करे। सरकार नहीं चाहती कि हम रोस्टर पर चर्चा करें। बता दें, वीपीपी नेता पिछले 100 घंटों से भूख हड़ताल पर हैं।

North east news and update Committee constituted to review job reservation policy in meghalaya
Conrad K Sangma

विस्तार
Follow Us

मेघालय सरकार ने नौकरी में आरक्षण दिए जाने के रोस्टर प्रणाली पर कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति की अध्यक्षता कानून मंत्री अम्पारीन लिंगदोह करेंगे। शनिवार को अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल फागू चौहान ने आदेश जारी किया है। विपक्षी पार्टी वॉयस ऑफ द पीपल्स पार्टी नेता अर्देंट बसाइवामोइत मंगलवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। समिति में विपक्षी नेता को भी शामिल किया गया है। विपक्ष की मांग है कि मेघालय की 1972 की आरक्षण नीति पुरानी है, जिसकी समीक्षा की जानी चाहिए। 

कांग्रेस ने भी किया था विरोध
विपक्ष के प्रवक्ता ने कहा कि हम नहीं चाहते कि रोस्टर की समीक्षा में भाग लें। राज्य की जनता चाहती है कि सरकार आरक्षण नीति की समीक्षा करे। सरकार नहीं चाहती कि हम रोस्टर पर चर्चा करें। बता दें, वीपीपी नेता पिछले 100 घंटों से भूख हड़ताल पर हैं। कांग्रेस भी आरक्षण नीति की समीक्षा के लिए मांग कर रही थी। कांग्रेस विधायक चार्ल्स मार्गर ने भी आरक्षण नीति की समीक्षा की जरूरत का दावा किया था। कांग्रेस ने कहा कि पिछले 50 सालों से समीक्षा नहीं की गई, जिस वजह से अब इसकी जरूरत महसूस हो रही है। 

इसलिए की समीक्षा की मांग
मणिपुर के पुरानी नीति के अनुसार, राज्य की 40-40 प्रतिशत नौकरियां गारो और खासी समुदाय के लिए आरक्षित है। पांच प्रतिशत अनय जनजातियों के लिए रिजर्व है। जबकि, 15 प्रतिशत सामान्य, मतलब इन 15 प्रतिशत किसी भी राज्य, धर्म और जाति के लोग आवेदन कर सकते हैं। अब विपक्ष और जनता समीक्षा की मांग इसलिए कर रही है, क्योंकि उनका मानना है कि राज्य में पिछले सालों की तुलना में खासी जनजाति की आबादी गारो से अधिक हो गई है। इसलिए दोनों को समान आरक्षण मिलना अनुचित है।  2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में 8.21 लाख गारो की आबादी है, जबकि, खासी की आबादी करीब-करीब दोगुनी 14.1 लाख है। वीपीपी नेता का कहना है कि हमारी मांग गारो के खिलाफ नहीं है। हम तो सिर्फ निष्पक्ष आरक्षण की मांग कर रहे हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Independence day

अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर

Next Article

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

app Star

ऐड-लाइट अनुभव के लिए अमर उजाला
एप डाउनलोड करें

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now

अपना शहर चुनें और लगातार ताजा
खबरों से जुडे रहें

एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed

Reactions (0)

अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें