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New mutation found in malaria virus for the first time in India, genome sequencing of 53 samples revealed
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अध्ययन: भारत में पहली बार मलेरिया के वायरस में मिला नया म्यूटेशन, 53 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग से हुआ खुलासा
परीक्षित निर्भय, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 08 Jun 2023 06:57 AM IST
शोधकर्ताओं का कहना है कि अध्ययन से भारत में मलेरिया के विशेष परजीवी मार्कर की पहचान हुई है, जिसका मुख्य कारण दवा प्रतिरोध हो सकता है। इससे रोगियों के उपचार में काफी मदद मिल सकती है। साथ ही, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के 2030 तक मलेरिया से मुक्ति पाने के लक्ष्य को सफल बनाने में मदद मिलेगी।
भारत में पहली बार वैज्ञानिकों को मलेरिया संक्रमण के नए म्यूटेशन का पता चला है। आशंका जताई जा रही है कि यह मरीजों में दवा प्रतिरोध की वजह से हो सकता है। भारतीय मरीजों में मिलने वाला यह बदलाव दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीकी देशों की तुलना में एकदम नया है।
शोधकर्ताओं ने यहां तक कहा है कि भारत में मलेरिया परजीवी की अपनी एक अनूठी आबादी है। ड्रग्स एंड ड्रग रेजिस्टेंस में प्रकाशित अध्ययन पुणे स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), कोलकाता स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन, विद्यासागर विश्वविद्यालय और पुणे के ही सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया है। इसमें 53 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई, जिसमें वायरस की आनुवंशिक संरचना और नए म्यूटेशन का पता चला है।
विशेष परजीवी मार्कर की पहचान हुई
शोधकर्ताओं का कहना है कि अध्ययन से भारत में मलेरिया के विशेष परजीवी मार्कर की पहचान हुई है, जिसका मुख्य कारण दवा प्रतिरोध हो सकता है। इससे रोगियों के उपचार में काफी मदद मिल सकती है। साथ ही, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के 2030 तक मलेरिया से मुक्ति पाने के लक्ष्य को सफल बनाने में मदद मिलेगी।
अध्ययन में प्रमुख शोधकर्ता डॉ. कृष्णपाल करमोदिया ने बताया कि यह भारत का पहला बड़े पैमाने पर किया गया अध्ययन है, जो भारतीय आबादी में मलेरिया परजीवी की अनूठी आबादी होने की पुष्टि कर रहा है।
इस अध्ययन के लिए पश्चिम बंगाल के कोलकाता से मरीजों के सैंपल एकत्रित करने के बाद आईआईएसईआर की लैब में जीनोम सीक्वेंसिंग की गई।
भारत में स्थिति
प्लाज्मोडियम परजीवी के कारण होने वाला रोग मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है।
मरीज के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करता है। बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द एवं थकान जैसे लक्षण महसूस होते हैं।
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विश्व मलेरिया रिपोर्ट वर्ष 2022 के अनुसार, 2015-2022 के दौरान भारत में मलेरिया के मामलों में 85.1% की गिरावट और मौतों में 83.36 फीसदी की गिरावट दर्ज की।
भारत में मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों की नौ प्रजातियां हैं।
अभी तक मलेरिया का टीका नहीं आया है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक कंपनी टीका खोज में लगी हुई हैं।
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