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अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार सुबह भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) से नेविगेशन सैटेलाइट ‘नाविक’ एनवीएस-1 को प्रक्षेपित कर दिया। यह सैटेलाइट खासकर सशस्त्र बलों को मजबूत करने और नौवहन सेवाओं की निगरानी के लिए बनाया गया है। भारत के अपने पोजिशनिंग सिस्टम ‘नाविक’ से लैस होकर जवान और सशक्त व घातक होंगे।
#WATCH | Indian Space Research Organisation (ISRO), launches its advanced navigation satellite GSLV-F12 and NVS-01 from Sriharikota.
(Video: ISRO) pic.twitter.com/2ylZ8giW8U — ANI (@ANI) May 29, 2023
सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करेगा स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम ‘नाविक’
भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) से नेविगेशन सैटेलाइट ‘नाविक’ को प्रक्षेपित करने की तैयारी पूरी कर ली है। वैज्ञानिकों ने सोमवार को प्रक्षेपित किए जाने वाले सैटेलाइट के लिए 27.5 घंटे की उल्टी गिनती रविवार सुबह 7.12 बजे शुरू की थी। नाविक अमेरिकी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) का जवाब है। नाविक (भारत का स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम) सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करेगा।
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