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Mohan Bhagwat said Everyone should make efforts for India unity and integrity Latest News Update
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Mohan Bhagwat: 'देश के गौरव को कलंकित करने का प्रयास नहीं होना चाहिए', संघ प्रमुख ने राजनीतिक दलों को दी नसीहत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नागपुर
Published by: निर्मल कांत
Updated Thu, 01 Jun 2023 10:20 PM IST
नागपुर में गुरुवार को आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में इसके प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत की एकता और अखंडता के लिए हर किसी को प्रयास करना चाहिए। उनके मुताबिक भारत ने वैश्विक आर्थिक संकट और कोविड-19 महामारी के दौरान सभी देशों में से सबसे अच्छा प्रदर्शन किया।
विविधता को देश की ताकत बताते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राजनीतिक दलों को सत्ता के लिए मर्यादा नहीं भूलने की नसीहत दी है। संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष के समापन समारोह को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि देश के लिए स्व महत्वपूर्ण है। पूजा पद्धत्ति अलग होने के बावजूद हमें इस वास्तविकता को स्वीकार करना होगा कि हमारे पूर्वज यहीं के थे। विदेशी आंक्राता हमारे पूर्वज नहीं थे।
संघ प्रमुख ने कहा, देश की पुरानी प्रतिष्ठा को स्थापित करने के अहम प्रयास हो रहे हैं, मगर राजनीतिक दलों को सत्ता के लिए मर्यादा को लांघने की प्रवृत्ति छोड़नी होगी। संघ प्रमुख ने कहा कि सांस्कृतिक विविधता विदेशी आक्रमण से पहले ही हमारी संस्कृति का हिस्सा थी। इसी के कारण यहां यहुदियों, पारसियों और धर्म के सभी पंथों को जगह मिली। दुख की बात यह है कि सैकड़ों साल की गुलामी के बाद विदेशी आक्रमणकारी तो चले गए मगर हमारे यहां इनसे पूर्व की सांस्कृतिक विविधता को स्वीकार करने की संस्कृति वापस नहीं आई।
विदेश में भारत को नीचा दिखाने वाले देश के दुश्मन
संघ प्रमुख ने बिना नाम लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश के बाहर भारत को नीचा दिखाने वाले शत्रु हैं। राहुल इस समय अमेरिका में हैं और उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों को चोट पहुंचाने का आरोप लगाया है। भारत विविधताओं का सम्मान करने वाला देश भागवत ने कहा कि विदेशी आक्रमण से पहले से ही सतानत धर्म विविधताओं का सम्मान करने वाला धर्म रहा है। स्पेन से मंगोलिया तक इस्लामी हमले का शिकार हुआ। भारत से विदेशी आक्रमणकारी चले गए, फिर भी इस्लाम से जुड़ी सभी उपासना पद्धत्ति इस देश में सुरक्षित है।
क्षमता और दिशा को पकड़ने की जरूरत
संघ प्रमुख ने कहा कि विश्व गुरू बनने के लिए हमें अपनी क्षमता और दिशा को पकडऩे की जरूरत है। हमें दुनिया को बताना होगा कि सांस्कृति और धार्मिक विविधता के कारण हम अलग-अलग नहीं हैं, राष्ट्र के सवाल पर हम एक हैं। विविधता हिंदुत्व की साझी विरासत है। इसके लिए सभी को कुछ छोड़ना होगा और कुछ त्याग करना होगा।
पूर्वजों की वास्तविकता स्वीकार करना जरूरी...
संघ प्रमुख ने कहा कि स्व के अभाव में भारत वर्ष में विदेशियों के कई हमले हुए। हमें सैकड़ों सालों तक गुलाम बना कर रखा गया। वह इसलिए कि हम स्व को भूल गए। विदेशी आक्रमण को भूल कर हमें यह स्वीकार करना ही होगा कि पूजा पद्धत्ति अलग-अलग होने के बावजूद हमारे पूर्वज यहीं के थे। हमें गुलामी और आक्रमण से पूर्व के अलग-अलग संस्कृति और सांस्कृति विविधता को स्वीकार करते हुए यह मानना पड़ेगा कि हमारे पूर्वज एक थे।
जातीय असमानता खत्म करनी होगी
अपने संबोधन में संघ प्रमुख ने जातीय असमानता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सालों की गुलामी के कारण अलग-अलग धर्मों और वर्गो में अपनी अलग-अलग पहचान के प्रति अतिरिक्त प्रेम है। कोई इसे छोडऩा नहीं चाहता। देश के लिए हमें अपनी अलग-अलग जातीय और धार्मिक पहचान मिटानी होगी। अतीत में जातीय आधार पर हुए भेदभाव को स्वीकार करते हुए भारत के प्रति एकरस होना होगा। पर्यावरण के प्रति अधूरी दृष्टि के कारण जोशीमठ में समस्या। पूरी दुनिया में। त्वरित रास्ते के लिए हमने समस्या बुलाई। रास्ता सनातन में है। परिश्रम कर रहे हैं।
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