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Ministry of Home Affairs constituted a three member investigation team of Manipur Violence 100 people died
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Manipur Violence: मणिपुर में फिर भड़की हिंसा में तीन की मौत, ग्रामीणों ने कुकी उग्रवादियों के कैंप में लगाई आग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंफाल
Published by: जलज मिश्रा
Updated Mon, 05 Jun 2023 08:42 AM IST
बताया गया है कि मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र ने एक जांच टीम का गठन किया है। इसके बाद दोबारा रविवार को मणिपुर में हिंसा भड़क गई। रविवार को काकचिंग जिले के सुगनू इलाके में गोलीबारी शुरू हो गई। इलाके में आगजनी भी हुई। बता दें, गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस जांच टीम का नेतृत्व करेंगे।
मणिपुर में हिंसा की दो घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई और आठ लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने बताया कि इंफाल पश्चिम जिले के कांगचुप में दो समूहों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई और चार लोग घायल हुए। पुलिस ने बताया कि घायलों को इंफाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई है। पुलिस के मुताबिक, काकचिंग के सेरोउ इलाके में भी दो समूहों के बीच गोलीबारी हुई है, जिसमें चार लोग घायल हुए हैं। उधर, मणिपुर के काकचिंग जिले के सुगून में आक्रोशित ग्रामीणों ने यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के उग्रवादियों के खाली पड़े एक कैंप में आग लगा दी। इस कैंप में यूकेएलएफ के उग्रवादी सरकार के साथ शांति समझौते के बाद रुके हुए थे।
पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों के काकचिंग जिले के सेरौ में सुगनू से कांग्रेस विधायक के. रंजीत के घर समेत 100 मकानों को शनिवार रात आग के हवाले किए जाने से ग्रामीण गुस्से में हैं। पिछले दो दिन से उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हो रही है। आगजनी से पहले रविवार को भारतीय रिजर्व बटालियन और सीमा सुरक्षा बल समेत राज्य पुलिस के संयुक्त बलों की ग्राम स्वयंसेवकों के साथ नाजरेथ कैंप में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुई। इसके बाद उग्रवादी अपना कैंप छोड़कर भाग गए।
ग्रामीणों ने बाद में रविवार रात कैंप को आग लगा दी। इसमें नए भर्ती कुकी उग्रवादियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता था। रविवार को पश्चिमी इंफाल के फायेंग से भी गोलीबारी की खबर मिली थी, जबकि कुकी उग्रवादियों ने एक चीरघर में आग लगा दी थी।
छह महीने में सौंपनी होगी रिपोर्ट
हिंसा की जांच के लिए केंद्र सरकार ने एक तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। दल में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी प्रभाकर अलोका शामिल है। गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा जांच दल का नेतृत्व करेंगे। केंद्र ने दल की पहली बैठक के बाद अधिकतम छह माह में जांच रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, हिंसा के कारण और कैसे हिंसा पूरे राज्य में फैली इसकी जानकारी जांच रिपोर्ट में शामिल करने के लिए कहा है।
अब जानिए, किन अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी
जस्टिस लांबा पहले एक पब्लिक प्रोसिक्यूटर थे, जिन्हें 2006 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का जज नियुक्त कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें 2011 में उनका तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट में किया गया था। यहां से उन्हें 2019 में गुवाहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर असम भेजा गया था। पूर्व आईएएस अधिकारी दास असम-मेघालय कैडर के 1982 बैच के अधिकारी हैं, जो 13 साल तक अमस के वित्त सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साथ ही वह मुख्य सूचना आयुक्त भी रह चुके हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी अलोका 1986 बैच के तेलंगाना कैडर के अधिकारी हैं। तीन दशकों तक खुफिया विभाग के साथ वह मणिपुर में काम कर चुके हैं। अलोका को काउंटर टेरर, काउंटर इनसर्जेंसी, एंटी नक्सल थ्रेट्स में महारत हासिल है।
इंटरनेट पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद तीन मई से राज्य में अनिश्चितकालीन इंटरनेट पर रोक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता वकील चोंगथम विक्टर सिंह और व्यवसायी मायेंगबाम जेम्स ने कहा है कि स्थिति के स्पष्ट सुधार के बावजूद राज्य सरकार ने राज्यव्यापी इंटरनेट बंद करने के आदेश बार-बार जारी किए हैं। इससे लोग न केवल भय, चिंता, लाचारी का अनुभव कर रहे हैं, बल्कि अपने प्रियजनों से संवाद करने में भी असमर्थ हैं। एजेंसी
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विस्थापित लोगों के मुद्दे से निपटने को मिजोरम ने बनाई समिति
मिजोरम सरकार ने हिंसा प्रभावित मणिपुर से आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (आईडीपी) के मुद्दों से निपटने के लिए गृह मंत्री लालचमलियाना के नेतृत्व में उच्चस्तरीय समिति बनाई है। गृह विभाग के अनुसार, पिछले महीने की शुरुआत में पड़ोसी राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से मणिपुर के कुल 9,501 आईडीपी ने मिजोरम के विभिन्न हिस्सों में शरण ली है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री जोरमथांगा के निर्देश पर यह समिति रविवार को बनाई गई।
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