लोकसभा में असंसदीय भाषा का प्रयोग करने पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा विवादों में हैं। हालांकि, महुआ ने अपने बयान पर कायम रखने की बात कही है। दरअसल, मंगलवार को सत्र के दौरान महुआ मोइत्रा ने असंसदीय भाषा का प्रयोग किया था। इसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ। इसके बाद मीडिया ने जब महुआ से उनके बयान पर सफाई मांगी तो उन्होंने कहा, 'मैं सेब को सेब ही कहूंगी। संतरा नहीं।'
महुआ ने आगे कहा, 'मुझे नहीं मालूम कि मुझसे किस तरह की भाषा की कल्पना की जा रही है। मैं हैरान हूं कि आज भाजपा के लोग मुझे ज्ञान दे रहे हैं। मुझे संसदीय मर्यादाओं के बारे में बता रहे हैं। मैं सेब को सेब ही कहूंगी। संतरा नहीं।'
बता दें कि मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने अदाणी समूह से जुड़े मामले को लेकर लोकसभा में जमकर वार किए थे। तृणमूल कांग्रेस की सांसद सदन में दो बर्थडे कैप भी लेकर पहुंची थीं। पीठासीन सभापति ने उन्हें ये टोपियां पहनने से मना किया और इन्हें मेज से हटाने के लिए भी कहा।
महुआ ने उद्योगपति गौतम अदाणी का नाम लिए बिना कहा कि एक मशहूर शख्सियत जिनका नाम 'ए' से शुरू होता है और 'आई' पर खत्म होता है। वे आडवाणी नहीं हैं। हर ओर उनकी ही चर्चा है। मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।
और क्या-क्या बोलीं महुआ?
उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए सरकार को भी जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष के सदस्यों को विपक्ष का विरोध करने के लिए खास प्रशिक्षण दिया जाता है। हमें चीन, पेगासस, मोरबी, बीबीसी जैसे मुद्दों पर भी कुछ बोलने नहीं दिया जाता है। हमें तो प्रधानमंत्री का नाम तक नहीं लेने दिया जाता है।
उन्होंने उद्योगपति गौतम अदाणी का नाम लिए बगैर उन पर परोक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अब जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में देश की साख दांव पर है। सरकार को इस मामले में पूरी तरह जांच करानी चाहिए।
महुआ ने कहा कि वह 2019 से संसद में इस मुद्दे को उठाती आई हैं, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। अब एक अंतरराष्ट्रीय संस्था ने यह विषय उठाया है, तो सबका ध्यान गया है। महुआ ने दावा किया कि यह उद्योगपति प्रधानमंत्री के साथ उनके शिष्टमंडल में विदेश जाते हैं और खुद को प्रधानमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत करते हैं।
भाजपा ने कहा- माफी मांगें महुआ
भाषण समाप्त करने के तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भाजपा सदस्यों के बीच नोंकझोक भी हुई। भाजपा ने मोइत्रा पर आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग करने का आरोप लगाया। सभापति ने भी इस पर आपत्ति जताई और सदस्यों से अपशब्दों से बचने का आग्रह किया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा से नैतिकता के लिए माफी मांगने को कहा।