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कुरुक्षेत्र: भाजपा के मोदी करिश्मे बनाम कांग्रेस के खरगे दांव के मुकाबले में कर्नाटक से निकलेगी आगे की राह

Vinod Agnihotri विनोद अग्निहोत्री
Updated Wed, 29 Mar 2023 02:38 PM IST
सार

Karnataka Election 2023: पूर्वोत्तर में भाजपा गठबंधन की सियासी बोहनी के साथ ही 2023 के चुनावी मेले की शुरुआत हो गई है। अब अप्रैल-मई में कर्नाटक और उसके बाद साल के आखिर में मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के चुनावी मेले में भाजपा के रणकौशल और कांग्रेस समेत विपक्ष की चुनौती की कठिन परीक्षा होनी है...

Kurukshetra: picture of 2024 Lok Sabha elections will be clear from the results of Karnataka election 2023
पीएम मोदी और मल्लिकार्जुन खरगे। - फोटो : Social Media

विस्तार

कर्नाटक विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान हो गया है। विपक्ष खासकर कांग्रेस भाजपा के मुकाबले 2023 के विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में कितनी और कहां टिकेगी इसकी तस्वीर काफी हद तक कर्नाटक विधानसभा चुनावों के नतीजों से साफ हो जाएगी। अगर कर्नाटक में जहां राज्य की भाजपा सरकार जबर्दस्त सत्ता विरोधी लहर से जूझ रही है, वहां कांग्रेस सरकार बना लेती है, तो इसके बाद होने वाले मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के चुनावों में कांग्रेस भाजपा को कड़ी चुनौती दे पाएगी और अगर मोदी करिश्मे से भाजपा राज्य की सत्ता में वापसी करती है तो न सिर्फ भाजपा के मुकाबले कांग्रेस कमजोर साबित होगी, बल्कि विपक्ष की राजनीति में भी उसके दबदबे पर विपरीत असर पड़ेगा। कर्नाटक में मुकाबला भाजपा के मोदी करिश्मे और कांग्रेस के खरगे दांव के बीच होगा। दक्षिण के इस राज्य की जमीन पर ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस के लिए राजनीतिक रूप से कितनी फायदेमंद हुई इसकी परीक्षा भी होगी।

भाजपा गठबंधन और संयुक्त विपक्ष के बीच कड़ा मुकाबला

इस साल हुए पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनावी नतीजों, हिंडनबर्ग रिपोर्ट और अदाणी प्रकरण पर विपक्ष के सरकार और सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले, राहुल गांधी के संसद और लंदन में दिए गए भाषणों के बाद गरमाई राजनीति से संसद के बजट सत्र न चलना और सूरत की अदालत से मानहानि के मुकदमे में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म होने के बाद इस मुद्दे पर सभी विपक्षी दलों के एकजुट होने से यह साफ हो गया है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा गठबंधन और संयुक्त विपक्ष के बीच कड़े मुकाबले के संकेत हैं। अगला लोकसभा चुनाव मोदी बनाम राहुल हो या न हो, लेकिन किसी न किसी रूप में राहुल गांधी सरकार विरोधी राजनीति का केंद्र बने रहेंगे।

यह भी पढ़ें: Karnataka Election: बीते पांच साल में कितनी बदली कर्नाटक की राजनीति, क्या हैं यहां के मौजूदा समीकरण? जानें

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