नियम ताक पर रख जताया जोश
लाल किले के पास दोपहर करीब डेढ़ बजे, 200-300 ट्रैक्टरों के साथ करीब एक हजार से ज्यादा किसान पहुंचे थे। एक ट्रैक्टर पर कम से कम छह से सात लोग सवार थे। इनके साथ क्रेन भी थीं, जिन्हें बैरिकेड हटाने के लिए लाया गया था। ट्रैक्टरों पर तिरंगा व किसान संगठन के झंडे लगे थे और उन पर सवार लोग जोश के साथ नारेबाजी कर रहे थे। रैली में शामिल होने वालों में युवा, अधेड़ किसान शामिल थे। युवाओं को जोश व तल्ख तेवर देख साफ लगने लगा कि यह रैली अब शांतिपूर्ण नहीं रहने वाली है।
नारेबाजी करते लाल किले में घुसे पुलिस ताकती रह गई
लाल किले की ओर आने वाले ट्रैैक्टरों के जत्थे नारेबाजी करते हुए पहुंच रहे थे। देखते-देखते यहां सैकड़ों किसान ट्रैक्टरों से पहुंच गए। यहां पुलिसकर्मियों की संख्या बहुत कम थी, इसलिए चंद मिनटों में उग्र किसान किले के अंदर घुस गए। कुछ किसानों ने लाल किले की प्राचीर पर झंडा फहरा दिया, यह तिरंगा नहीं अलग झंडा था।जब किसान लाल किला पहुंचे तब वहां बहुत कम पुलिस जवान थे। किसानों की तादाद के आगे जवान लाचार नजर आए। कुछ ही देर में किसानों ने लाल किले की प्राचीर पर तिरंगे के अलावा अन्य झंडे भी फहरा दिए।
बाद में पहुंचे पुलिस बल ने फटकारी लाठियां, जमकर ली खबर
लाल किले पर उपद्रव होते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और उपद्रवियों को लाठियां भांजकर खदेड़ दिया।इस दौरान कई लोग भाग खड़े हुए तो कई पुलिस के हत्थे चढ़ गए, जिनकी पुलिस जवानों ने जमकर खबर ली। कई गिरते पड़ते हुए वहां से भाग निकले। कुछ किसानों को चोेटें आई हैं। इसी दौरान सीआरपीएफ के एक जवान को घायल हालत में लाया गयाा। इसी दौरान कुछ अन्य पुलिसकर्मी व किसान भी चोटिल हुए हैं।
युवा किसान बोले, हम पीछे नहीं हटेंगे
दिल्ली की सीमा में घुसे ट्रैक्टर सवार कुछ युवा किसानों से बात की तो वे बोले, हमने रैली के लिए तीन माह से तैयारी कर रखी थी। हम पीछे नहीं हटेंगे। हम छह महीने से लेकर सालभर की तैयारी से आए हैं।
विस्तार
नियम ताक पर रख जताया जोश
लाल किले के पास दोपहर करीब डेढ़ बजे, 200-300 ट्रैक्टरों के साथ करीब एक हजार से ज्यादा किसान पहुंचे थे। एक ट्रैक्टर पर कम से कम छह से सात लोग सवार थे। इनके साथ क्रेन भी थीं, जिन्हें बैरिकेड हटाने के लिए लाया गया था। ट्रैक्टरों पर तिरंगा व किसान संगठन के झंडे लगे थे और उन पर सवार लोग जोश के साथ नारेबाजी कर रहे थे। रैली में शामिल होने वालों में युवा, अधेड़ किसान शामिल थे। युवाओं को जोश व तल्ख तेवर देख साफ लगने लगा कि यह रैली अब शांतिपूर्ण नहीं रहने वाली है।
नारेबाजी करते लाल किले में घुसे पुलिस ताकती रह गई
लाल किले की ओर आने वाले ट्रैैक्टरों के जत्थे नारेबाजी करते हुए पहुंच रहे थे। देखते-देखते यहां सैकड़ों किसान ट्रैक्टरों से पहुंच गए। यहां पुलिसकर्मियों की संख्या बहुत कम थी, इसलिए चंद मिनटों में उग्र किसान किले के अंदर घुस गए। कुछ किसानों ने लाल किले की प्राचीर पर झंडा फहरा दिया, यह तिरंगा नहीं अलग झंडा था।जब किसान लाल किला पहुंचे तब वहां बहुत कम पुलिस जवान थे। किसानों की तादाद के आगे जवान लाचार नजर आए। कुछ ही देर में किसानों ने लाल किले की प्राचीर पर तिरंगे के अलावा अन्य झंडे भी फहरा दिए।
बाद में पहुंचे पुलिस बल ने फटकारी लाठियां, जमकर ली खबर
लाल किले पर उपद्रव होते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और उपद्रवियों को लाठियां भांजकर खदेड़ दिया।इस दौरान कई लोग भाग खड़े हुए तो कई पुलिस के हत्थे चढ़ गए, जिनकी पुलिस जवानों ने जमकर खबर ली। कई गिरते पड़ते हुए वहां से भाग निकले। कुछ किसानों को चोेटें आई हैं। इसी दौरान सीआरपीएफ के एक जवान को घायल हालत में लाया गयाा। इसी दौरान कुछ अन्य पुलिसकर्मी व किसान भी चोटिल हुए हैं।
युवा किसान बोले, हम पीछे नहीं हटेंगे
दिल्ली की सीमा में घुसे ट्रैक्टर सवार कुछ युवा किसानों से बात की तो वे बोले, हमने रैली के लिए तीन माह से तैयारी कर रखी थी। हम पीछे नहीं हटेंगे। हम छह महीने से लेकर सालभर की तैयारी से आए हैं।